अब जब घूमने के रास्ते खुल रहे हैं तो आइए जरा समझें होटलों की बुकिंग का एक और पेंच जो कई लोग नहीं समझ पाते
एपी… एमएपी… सीपी… ईपी… होटलों के लिए कमरों की बुकिंग कराते वक्त या उनके ब्रोशर अथवा वेबसाइट को टटोलते वक्त ये सारे लफ्ज़ बार-बार हमारे सामने आते रहते हैं। आखिर ये हैं क्या और इनसे कमरों के किराये में क्यों फर्क पड़ जाता है? ये सब और कुछ नहीं बल्कि होटलों के मील (भोजन) प्लान हैं। आइए, जरा समझें कि अलग-अलग प्लान क्या हैं, ताकि अगली बार जब आप होटल के कमरे की बुकिंग कराएं तो इस बारे में पूरी तरह वाकिफ रहें।
एपी यानी अमेरिकन प्लान
अमेरिकन प्लान यानी एपी का मतलब है कि बताए गए होटल के किराये में कमरे के किराये के अलावा तीन वक्त का भोजन यानी सवेरे का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात्रि का खाना भी शामिल है। यूरोप और कई अन्य देशों में अमेरिकन प्लान को फुल पेंशन या फुल बोर्ड प्लान के नाम से भी पुकारा जाता है। यह प्लान दूर-दराज के इलाकों में जाने वाले सैलानियों के लिए बढ़िया है जहां होटल के बाहर आसपास अच्छा खाना मिल पाना मुश्किल होता है।
एमएपी यानी मोडिफाइड अमेरिकन प्लान
अमेरिकन प्लान को संशोधित करके बनाए गए इस एमएपी का मतलब होता है कि होटल के कमरे के शुल्क में कमरे के किराये के अलावा दो भोजन—एक तो नाश्ता और दोपहर या रात के खाने में से एक शामिल होता है यूरोप व कुछ अन्य देशों में इसे हाफ पेंशन या हाफ बोर्ड प्लान कहकर पुकारा जाता है। ज्यादातर सैलानी यह प्लान पसंद करते हैं क्योंकि इसमें आप सुबह भरपेट नाश्ता करने के बाद घूमने निकल सकते हैं और फिर दोपहर में घूमते हुए कुछ भी हल्का-फुल्का बाहर खा सकते हैं और शाम को होटल में लौटकर थोड़ा सुस्ताने के बाद रात का खाना अच्छी तरह से खा सकते हैं।
सीपी यानी कॉंटिनेंटल प्लान
कॉंटिनेंटल या सीपी मील प्लान में होटल के शुल्क में कमरे का किराया और मुफ्त नाश्ता शामिल होता है। उसके बाद अगर आप दोपहर या शाम का खाना होटल में खाना चाहते हैं तो उसके लिए अलग से भुगतान करना होगा। वैसे तो मूलतः कॉंटिनेंटल प्लान में कॉंटिनेटंल नाश्ता शामिल होना चाहिए, लेकिन आजकल हर तरह के नाश्ते के लिए इसी नाम का इस्तेमाल कर लिया जाता है। ज्यादातर होटल अब (तकरीबन सभी मील प्लान के लिए) बफे ब्रेकफास्ट रखते हैं जिसमें चाय-कॉफी, दूध, जूस, अंडा, पैनकेक, ब्रेड, स्थानीय व्यंजन आदि सब शामिल होते हैं।
ईपी यानी यूरोपियन प्लान
किसी भी होटल के टैरिफ कार्ड में यूरोपियन प्लान यानी ईपी सबसे सस्ता होगा क्योंकि इसमें केवल कमरे का किराया होता है, कोई भी नाश्ता या खाना नहीं। इसमें आपके पास यह मौका होता है कि आप धन बचाएं और साथ ही स्थानीय व्यंजनों की भी तलाश करें। जरूरत पड़े तो होटल में बिल चुकाकर होटल में खाने का विकल्प तो हमेशा है ही। ईपी प्लान का एक फायदा यह भी है कि ज्यादातर बड़े होटलों में एक से ज्यादा रेस्तरां होते हैं। आपके पास सभी रेस्तराओं को आजमाने की गुंजाइश होती है।
मील प्लान पर डिस्काउंट
होटलों के ज्यादातर ऑफर किसी न किसी प्रोमोशन के साथ चलते रहते हैं। इनमें बाकी छूट के अलावा मील प्लान अपग्रेड भी शामिल होते हैं। इनमें से कुछ तो आपको होटल की वेबसाइट पर ही मिल जाएंगे और या फिर जिस किसी एग्रेगेटर बुकिंग साइट से आप बुकिंग कर रहे हैं, वहां भी आपको इस तरह के ऑफर नजर आ जाएंगे। उनका फायदा उठाने से न चूकें।