Thursday, April 25
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भुंतर के लिए उड़ानें 16 जुलाई से

कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति घाटियों के लिए सबसे निकट के हवाई अड्डे भुंतर के लिए 16 जुलाई से विमान सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। एयर इंडिया की एलायंस एयर का विमान बृहस्पतिवार से सप्ताह में तीन दिन दिल्ली से भुंतर और फिर वापसी की उड़ान भरेगा। कोविड-19 महामारी के कारण देश में विमान सेवाएं भी स्थगित कर दी गई थीं। बाकी कई शहरों के बीच तो उड़ानें मई के अंत में शुरू हो गई थीं। भुंतर के लिए अब सेवाएं शुरू की जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस महीने के शुरू में राज्य में देश के बाकी हिस्सों से सैलानियों के आने की इजाजत दे दी थी। राज्य के दूसरे हवाई अड्डे, कांगड़ा घाटी में धर्मशाला के निकट गग्गल के लिए उड़ानें मई के आखिरी सप्ताह में शुरू हो गई थीं लेकिन तब केवल हिमाचल निवासियों को ही हवाई सेवा के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। अब भुंतर में हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों के लिए भी उसी स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाएगा, जो सड़क मार्ग से बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए पूरे राज्य में प्रभावी है।

भुंतर के लिए जारी नए शेड्यूल के अनुसार एलांयस एयर का 70 सीटर विमान हफ्ते में तीन दिन उड़ान भरेगा। यह उड़ान सुबह 6:45 बजे उड़ान दिल्ली से होगी और 8:05 बजे भुंतर पहुंचेगी। इसके बाद विमान 8:30 बजे भुंतर से वापसी उड़ान भरकर 9:50 बजे दिल्ली में पहुंचेगा। उड़ान सुविधा सोमवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को भुंतर के लिए मिलेगी। लॉकडाउन से पहले एलायंस एयर की भुंतर के लिए रोजाना दो उड़ानें हुआ करती थीं। नए शेड्यूल में दिल्ली से भुंतर के लिए किराया 5 से 6 हजार रुपये के बीच होगा और वापसी की उड़ान में यही किराया लगभग दो गुना हो जाएगा और 11 से 12 हजार रुपये प्रति व्यक्ति होगा। उड़ानों के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है।

भुंतर ब्यास नदी के किनारे घाटी के बीच में खूबसूरत लेकिन छोटा हवाई अड्डा है। चारों तरफ ऊंचे पहाड़ हैं। यहां फिलहाल1052 मीटर की रनवे है। इसकी वजह से यहां छोटे जहाज ही उतर सकते हैं। यहां पर बड़े जहाज उतरने के लिए करीब 2300 मीटर रनवे की जरूरत है। पिछले काफी समय से इस रनवे को बढ़ाने की योजना कागजों पर चल रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में हवाईअड्डे के विस्तार को मंजूरी दे दी थी। लोड पेनाल्टी व कम सेवाओं के कारण छोटी दूरी के लिए भी भुंतर का किराया काफी ज्यादा हो जाता है। सत्तर सीट वाला एटीआर विमान यहां केवल 40 यात्रियों को ही लेकर आ सकता है। लिहाजा सैलानी सड़क के रास्ते आना ज्यादा पसंद करते हैं। यही कार है कि निजी एयरलाइंस इस रूट को मुनाफे का सौदा नहीं मानतीं। राज्य सरकार भी पर्यटकों को लुभाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर ज्यादा भरोसा कर रही है। इसी क्रम में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बंजार में हेलीपैड की आधारशिला रखी। इस पर 2.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

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