पूर्वोत्तर में नगालैंड व मणिपुर की सीमा पर स्थित डिजुको घाटी के बारे में आपने सुना होगा जो एक बेहद खूबसूरत फूलों की घाटी है। उसी घाटी में एक डिजुको लिली भी खिलता है जो बेहद दुर्लभ है। इस बार मैं आपको पूर्वोत्तर में ही एक और ऐसी जगह लेकर चल रहा हूं जो डिजुको की ही तरह अपने लिली के लिए बेहद प्रसिद्ध है। ये हैं मणिपुर की शिरुई या सिरोय पहाडिय़ों के लिली फूल। शिरुई पहाड़ी पर खिलने की वजह से इसे आम बोलचाल में शिरुई लिली कहा जाता है। यह फूल की एक विदेशी वैरायटी है जो केवल उखरुल जि़ले में ही पाई जाती है। वर्ष 1946 में एक अंग्रेज वनस्पतिशास्त्री फ्रैंक किंगडम वार्ड फूल की इस विशिष्ट किस्म को खोजने वाला प्रथम व्यक्ति था। उसने इसका नाम अपनी पत्नी के नाम पर लिलियम मैकलिनिए रखा था। स्थानीय लोग सिरोय लिली को काशोंगवोन कहते हैं और यह अधिकतर शिरुई काशुग या शिरुई पर्वत पर पाया जाता है। काशोंग यानी पहा...
Read MoreCategory: मणिपुर
travel articles and news about Indian state of Manipur
सपनों की नगरी सा है ये सफर। दुनिया में अपने आप में अजूबा है। इसे दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील कहा जाता है। ऐसी झील जिसमें जमीन के टुकड़े, द्वीप या भूखंड तैरते रहते हैं, जिन्हें फुमदी कहा जाता है। इस टुकड़ों पर घर हैं, टूरिस्ज लॉज हैं, और तो और, इस झील के एक किनारे पर तैरता हुआ नेशनल पार्क है। पूरी दुनिया में कहीं भी तैरती झील के भूखंड में जानवरों का डेरा नहीं है। इस अनूठी झील का पता कोई दूर-दराज का देश नहीं है, बल्कि अपना भारत है। चौंक गए न आप, चौंकने की बात ही है, ये खूबसूरत, अचंभों से भरी झील देश के एक छोटे से राज्य मणिपुर में है। इसका नाम है लोकटक झील और यह बिशनपुर जिले में है। मणिपुर की राजधानी इंफाल से महज 53 किलोमीटर की दूरी पर। और तो और, इसी झील में इस साल देश का पहला तैरता स्कूल भी खुल गया है। बेहद दिलकश नजारों को अपने इर्द-गिर्द समेटे इस झील का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमी...
Read More
You must be logged in to post a comment.