जिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप। यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे...
Read MoreCategory: विदेश
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Talk about Vietnam, and this conjures up images of some ultra-beautiful valleys, mesmerizing bays, limestone mountainous islands jutting out of calm sea waters, flowery roads passing through greenish hills, unforgettable land journeys, and of course ever-smiling Vietnamese. The ending of the long rainy season in Hanoi is also the beginning of its beautiful autumn - the season of flower blossom and love. The beauty of Hanoi's autumn is a popular topic of uncountable songs and poems can describe how wonderful it is. September is the transforming time between summer and autumn, so the weather is cooler and more comfortable. Although the temperature is still in a high level, the hot in this time is not extreme than in June and July with less sunlight. Fall in Hanoi In September, Hano...
Read Moreलगभग 7000 ईसा पूर्व में जब हिमनदों का सिकुड़ना शुरू हुआ तो अनावृत हुई धरती पर शिकारी जंगली रेनडियरों के पीछे उत्तर की ओर बढ़े। तकरीबन 2500 ईपू के बाद जनजातियों ने खेती करना सीखा। वे 1500 ईपू के आसपास काँसे के औज़ार और हथियार बनाने लगे थे। फिर 500 ईपू में वे लोहा इस्तेमाल में ले आए थे। उस आदिम जाति का नाम अब विलुप्त हो चुका शब्द कोमसा था। इस इलाके के शिकारियों के मौजूदा वंशज लाप्प या उनके अपने शब्द सामी से जाने जाते हैं। वे अब रेनडियरों का पालन करते हैं। उनकी भाषा उराल-अल्ताइक समूह की फिन्नो-उग्रिक परिवार से है जो फिन लोगों से संबंधित है। ये फिन लोग लगभग सौ वर्ष ईस्वी में बाल्टिक समुद्र पार करके आए और धीरे-धीरे उन्होंने सामी लोगों को उत्तर ध्रुवीय इलाकों की ओर धकेल दिया। पहली सदी ईस्वी में फिन्नो-उग्रिक बोलने वाले क़बीले बाल्टिक के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में खेती करने लगे। इनमें स्वयं फि...
Read Moreफ्रांस के पर्यटन उद्योग में थोड़ी राहत की सांस फूंकते हुए राजधानी पेरिस के दो प्रमुख आकर्षण फिर से सैलानियों के लिए खुल गए हैं। चार महीने बंद रहने के बाद पेरिस का डिज्नीलैंड कोविड-19 की रोकथाम के नए तौर-तरीकों के अमल के साथ आम लोगों के लिए फिर से खुल गया। साथ ही एफेल टावर का सबसे ऊपरी हिस्सा भी लोगों के लिए खोल दिया गया। 19वीं सदी का यह लोहे का बना स्मारक दुनिया के शीर्ष आकर्षणों में से एक माना जाता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद अपनी सबसे बड़ी बंदी के उपरांत बीती 26 जून को इसके पहले दो माले लोगों के लिए खोले गए थे। अब सबसे ऊपर की मंजिल पर भी लोगों को जाने की इजाजत मिल गई है। दुनिया में अपनी तरह की मनोरंज पार्क की इकलौती व सबसे पुरानी और लोकप्रिय श्रृंखला डिज्नीलैंड ने पेरिस में अपना पार्क खोलने का फैसला अमेरिका के पार्कों को खोलने के बाद किया। हालांकि हांगकांग में उसके पार्क को खुलन...
Read Moreबेन गियोक दुकथेन दरअसल चीन व वियतनाम के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बहने वाली गुईचुन नदी पर दो झरनों का सामूहिक नाम है। राजधानी हनोई से 272 किलोमीटर दूर यह झरना गाओपिंग प्रांत में दाक्सिन काउंटी की कार्स्ट पहाड़ियों में स्थित है। निर्विवाद रूप से यह झरना वियतनाम की सबसे प्रभावशाली प्राकृतिक झलक देता है। झरना है तो महज 30 मीटर ऊंचा लेकिन इसका पाट 300 मीटर चौड़ा है। गहरे नीले पानी वाली गुईचुन नदी बिलकुल एक पेंटिंग सरीखा नजारा पेश करती हुई धान के खेतों और लाइमस्टोन पहाड़ियों से घिरे बांस के झुरमुटों के बीच से होकर निकलती है। ये झरने रहे तो हमेशा से होंगे लेकिन इनकी लोकप्रियता हाल में बढ़ी जब यहां की तस्वीरें व वीडियो तमाम जरियों से देश-दुनिया के लोगों के सामने पहुंचीं। हालांकि इस इलाके में सड़क संपर्क और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार होने के बावजूद बेन गियोक को अब भी लीक से हटकर व...
Read Moreधरती के भी खेल बड़े निराले हैं। हम मिस्र में हजारों साल पहले बने इंसानों के बनाए पिरामिडों की बातें करते हैं और दूसरी तरफ कुदरत है कि किसी जगह पर एक खेल की तरह पिरामिड बनाती है और गिरा देती है और फिर बना डालती है। हम यहां बात कर रहे हैं इटली के साउथ टिरोल इलाके में प्रकृति के एक अजीब करिश्मे की। ये पिरामिड भी मिट्टी व पत्थर के ही बनते हैं, बस फर्क इतना है कि न उनका कोई पक्का नाप-जोख होता है और न ही उनके भीतर कुछ रखने या किसी को हजारों सालों तक लंबी नींद में सुलाने की कोई व्यवस्था होती है। इन्हें हम पिरामिड कहते हैं तो इनके आकार के लिए जो नीचे से बड़ा और ऊपर जाते-जाते नुकीला हो जाता है। कहा जाता है कि ये असामान्य ढांचे उस मिट्टी से बनने शुरू हुए जो पिछले हिम युग के बाद ग्लेशियरों के पिघल जाने से पीछे रह गई थी। जब मौसम शुष्क होता है तो यह मिट्टी चट्टान जैसी सख्त हो जाती है, लेकिन जैसे ही...
Read Moreफ़ारस का इतिहास बहुत ही नाटकीय रहा है। ईरानी इतिहास में साम्राज्यों की कहानी ईसा के 600 साल पहले के हख़ामनी शासकों से शुरु होती है। इनके पश्चिम एशिया और मिस्र पर ईसापूर्व 530 के दशक में जीत हासिल करने से लेकर अठारहवीं सदी में नादिरशाह के भारत पर आक्रमण करने तक कई साम्राज्यों ने फ़ारस पर शासन किया। इनमें से कुछ फ़ारसी सांस्कृतिक क्षेत्र के थे तो कुछ बाहरी। फ़ारसी सांस्कृतिक प्रभाव वाले क्षेत्रों में आधुनिक ईरान के अलावा इराक का दक्षिणी भाग, अज़रबैजान, पश्चिमी अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान का दक्षिणी भाग और पूर्वी तुर्की भी शामिल हैं। ये सब वो इलाके हैं जहाँ कभी फारसी शासकों ने राज किया था और जिसके कारण उनपर फारसी संस्कृति का प्रभाव पड़ा था। सातवीं सदी में ईरान में इस्लाम आया। इससे पहले ईरान में जरदोश्त के धर्म के अनुयायी रहते थे। ईरान शिया इस्लाम का केन्द्र माना जाता है। कुछ लोगों ने इस्लाम ...
Read MoreThe city-state of Dubai, known for its mega malls, high-end restaurants and five-star hotels and resorts, has now reopened its doors to international visitors this week with a “welcome” passport sticker and coronavirus tests on arrival, in the hope of reviving its tourism industry after a nearly four-month closure. Dubai has been one of the most popular overseas destination for Indians, as Indians also form a large part of Dubai’s expat community. But as of now Indian’s will not be able to enjoy the relaxation as India has yet not started its international flight operations. But businesses are mainly betting on those already living in the gleaming desert city to energise its ailing economy and serve as a test run before wary foreign holidaymakers return. “A warm welcome to your sec...
Read Moreमैं काठमांडू उस समय पहुंचा जब मैं एवरेस्ट बेस कैंप ट्रेक करने के लिए नेपाल गया था। यहां पहुंचने के बाद मैंने सोचा कि ट्रेक के लिए रवाना होने से पहले दो-एक दिन खुद को यहां के मौसम का अभ्यस्त कर लेना चाहिए। चूंकि मेरा स्वभाव शुरू से घुमक्कड़ों वाला रहा है, इसलिए मैं अब काठमांडू को अपने हिसाब से देखना चाहता था। मेरे पास पूरे दो दिन थे इसके लिए, इसलिए मैंने तय किया कि मैं जितना हो सकेगा घूमने के लिए सार्वजनिक परिवहन का ही इस्तेमाल करूंगा। इसलिए मैंने पहले यह पता कर लिया कि ट्रेक शुरू करने के लिए लुकला पहुंचाने वाली मेरी फ्लाइट कब है। और, उसके बाद में काठमांडू में तफरीह के लिए निकल पड़ा। मैंने सबसे उन जगहों की सूची बनाई जो मुझे देखनी थीं और इस सूची में पशुपतिनाथ मंदिर , थामेल, हनुमान धोका, दरबार स्क्वायर (या बसंतपुर दरबार), बौध स्तूप व शांति स्तूप शामिल थे। काठमांडू दरबार (हनुमान धोका) के स...
Read MoreThe Luxury Train Travel market in South East Asia is getting more and more interesting. It already has some of the most luxurious trains in the world. Now the luxury comes not just in the terms of a full train but also as a carriage attached to a regular train. If this gets popular, it is certainly going to open a lot of options and many other operators will be looking towards it with a renewed interest. Exterior of the train Here comes another short but quite sweet journey, this time in Vietnam. Vietage is an exclusive 12-seat reservation-only luxury railway carriage developed by Anantara to create memorable journeys between two quintessential locations on Vietnam’s Central coast: Anantara Hoi An Resort and Anantara Quy Nhon Villas, providing a unique luxury travel experience thr...
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