पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में सिक्किम सैलानियों की पहुंच में भी सबसे ज्यादा रहा है और लोकप्रिय भी। असम में गुवाहाटी कामाख्या मंदिर और माजुली द्वीप की वजह जाना जाता रहा है तो पूर्वी असम के इलाके अपने चाय बागानों के लिए। इसी तरह शिलांग व चेरापूंजी के इलाके अपने झरनों के लिए दुनियाभर में लोकप्रिय रहे हैं। पूर्वोत्तर को सड़क के रास्ते रोमांचक ढंग से घूमना हो तो उसके कई तरीके हो सकते हैं। सिकिक्म में गंगटोक से मंगन होते हुए उत्तरी सिक्किम में युमथांग और जीरो प्वाइंट तक का रास्ता बहुत खूबसूरत है। पूरा रास्ता तीस्ता और उसकी सहायक नदियों के किनारे-किनारे चलता है। कंचनजंघा चोटी के नजारों से लकदक यह रास्ता दुनिया की सबसे ऊंची व खूबसूरत हिमालयी झीलों में से एक गुरु डोंगमार झील की तरफ ले जाता है। बस उसके लिए खुला मौसम और खुले रास्ते, दोनों की दरकार होती है। खास तौर पर लाचेन से गुरु डोंगमार तक...
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