यदि आपको सैर सपाटे के लिए समुद्र-तट जाना हो, यदि आपको सांस्कृतिक विविधता का नजारा लेना हो, यदि आपको किसी स्थान पर विदेशी शासन के समय की जीवन शैली का प्रभाव देखना हो और साथ ही आध्यात्मिक अनुशासन और अदृश्य की साधना की अनुभूति भी करनी हो तो पांडिचेरी (अब पुडुचेरी) से अच्छी कोई दूसरी जगह नहीं। पूर्वी तट पर तमिलनाडु से मिला हुआ, बंगाल की खाड़ी से सटा हुआ पांडिचेरी आपकी इन सभी इच्छाओं को पूरी करेगा पांडिचेरी पहले फ्रांसीसी शासन के अधीन था। सितंबर 2006 से इसका नाम पुडुचेरी कर दिया गया जिसका तमिल भाषा में अर्थ है नया गांव। इसकी सबसे ज्यादा चर्चा लंबे समय तक फ्रांसीसी कॉलोनी के रूप में रहने और महर्षि अरविंद द्वारा स्थापित आश्रम के कारण है। स्थापत्य कला व संस्कृति की दृष्टि से यह एक धनी नगरी है। भारती पार्क के बीच में स्थित आयी मंडपम सुकून की तलाश करने वालों का बड़ा अड्डा है। ...
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