पूर्वोत्तर में नगालैंड व मणिपुर की सीमा पर स्थित डिजुको घाटी के बारे में आपने सुना होगा जो एक बेहद खूबसूरत फूलों की घाटी है। उसी घाटी में एक डिजुको लिली भी खिलता है जो बेहद दुर्लभ है। इस बार मैं आपको पूर्वोत्तर में ही एक और ऐसी जगह लेकर चल रहा हूं जो डिजुको की ही तरह अपने लिली के लिए बेहद प्रसिद्ध है। ये हैं मणिपुर की शिरुई या सिरोय पहाडिय़ों के लिली फूल। शिरुई पहाड़ी पर खिलने की वजह से इसे आम बोलचाल में शिरुई लिली कहा जाता है। यह फूल की एक विदेशी वैरायटी है जो केवल उखरुल जि़ले में ही पाई जाती है। वर्ष 1946 में एक अंग्रेज वनस्पतिशास्त्री फ्रैंक किंगडम वार्ड फूल की इस विशिष्ट किस्म को खोजने वाला प्रथम व्यक्ति था। उसने इसका नाम अपनी पत्नी के नाम पर लिलियम मैकलिनिए रखा था। स्थानीय लोग सिरोय लिली को काशोंगवोन कहते हैं और यह अधिकतर शिरुई काशुग या शिरुई पर्वत पर पाया जाता है। काशोंग यानी पहा...
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Fire continues to rage in the Dzukou valley along the interstate border of Nagaland and Manipur. Fire broke out in the scenic range in Nagaland's Kohima district on Tuesday, official sources said. Fire is said to have been started by miscreants. Fire in Dzukou valley. Photo source: Twitter OSD of Nagaland State Disaster Management Authority (NSDMA), Johnny Raungmei confirmed the fire incident. He, however, said that the cause of the fire and the extent of damage are yet to be ascertained. He said the NSDMA has already requisitioned IAF choppers to douse the fire. Southern Angami Youth Organisation (SAYO) president Zakieletuo Tsukru also confirmed the fire incident and said that the careTaker of Dzukou valley has informed that the fire has engulfed the area away from the picturesq...
Read Moreसपनों की नगरी सा है ये सफर। दुनिया में अपने आप में अजूबा है। इसे दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील कहा जाता है। ऐसी झील जिसमें जमीन के टुकड़े, द्वीप या भूखंड तैरते रहते हैं, जिन्हें फुमदी कहा जाता है। इस टुकड़ों पर घर हैं, टूरिस्ज लॉज हैं, और तो और, इस झील के एक किनारे पर तैरता हुआ नेशनल पार्क है। पूरी दुनिया में कहीं भी तैरती झील के भूखंड में जानवरों का डेरा नहीं है। इस अनूठी झील का पता कोई दूर-दराज का देश नहीं है, बल्कि अपना भारत है। चौंक गए न आप, चौंकने की बात ही है, ये खूबसूरत, अचंभों से भरी झील देश के एक छोटे से राज्य मणिपुर में है। इसका नाम है लोकटक झील और यह बिशनपुर जिले में है। मणिपुर की राजधानी इंफाल से महज 53 किलोमीटर की दूरी पर। और तो और, इसी झील में इस साल देश का पहला तैरता स्कूल भी खुल गया है। बेहद दिलकश नजारों को अपने इर्द-गिर्द समेटे इस झील का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमी...
Read MoreBeautiful Manipuri Dance by Progressive Artiste Laboratory of Tiken Singh at Khajuraho Festival of Dances. Manipuri dance is a religious art and its aim is the expression of spiritual values. Here the team is performing Raas Sankirtana or Nupa Pala. Poorvaranga or Purvaranga of a Natyashastra is Sankirtana. “Sankirtana: Ritual singing, drumming and dancing of Manipur” was also inscribed on the Representative List of the UNESCO Intangible Cultural Heritage of Humanity in December 2013. Sankirtana originated from south but was revived in east by Chaitanya Mahaprabhu. Now it is an integral part of a Manipuri Dance. Enjoy this beautiful performance. https://youtu.be/DuXeHHkpLZE ...
Read MoreManipuri dance is a religious art and its aim is the expression of spiritual values. Aspects of this performance art is celebrated during Hindu festivals and major rites of passage such as weddings among the Manipuri people, particularly in the ethnic majority of Meitei people. The dance drama choreography shares the plays and stories of 'Vaishnavite Padavalis', that also inspired the major Gaudiya Vaishnava-related performance arts found in Assam and West Bengal. Vasant Raas is part of it, and as the name suggests, it is normally performed during Vasant or the spring. In Manipuri culture Vasant Raas is normally timed around festival of Holi. This performance is about Radha-Krishna raasleela. So, here is a beautiful performance of Vasant Raas in classical Manipuri Dance by Progressive Art...
Read Moreकोविड-19 के दौर में घूमना कितना कठिन हो गया है। लेकिन हमारी कोशिश है कि हम आपको देश-दुनिया की झलक दिखलाते रहें, ताकि आपको घूमने की कमी महसूस न हो। इसी कड़ी में इस बार पूर्वोत्तर की एक अनूठी जगह हम अपने ही देश के बारे में कितना कम जानते हैं। हमारा देश इतनी विविधताओं और प्रकृति की इतनी खूबसूरती को समेटे हुए है कि उनका विवरण करने लगें तो सिलसिला अंतहीन होगा। ऐसी ही एक अनूठी जगह है पूर्वोत्तर की डिजुको घाटी। इसे पूर्वोत्तर की फूलों की घाटी भी कहा जाता है। यहां पाए जाने वाला डिजुको लिली फूल बेहद दुर्लभ माना जाता है। यह घाटी नगालैंड व मणिपुर की सीमा पर स्थित है। और कितनी विडंबना की बात है कि इतनी खूबसूरत, पुरसुकून देने वाली घाटी के लिए भी अक्सर इन दोनों राज्यों के बीच तनाव हो जाता है। खैर, लेकिन निर्विवाद रूप से इसे भारत के छुपे कुदरती खजानों में से एक माना जा सकता है। डिजुको को अर्थ होता...
Read Moreआम तौर पर जब नौका दौड़ की बात होती है तो सैलानियों के जेहन में सिर्फ केरल का नाम आता है क्योंकि केरल के बैकवाटर्स अपनी सर्प नौका दौड़ों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन भारत में और भी इलाके हैं जहां हर साल पारंपरिक रूप से नौका दौड़ होती है। हम यहां बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्यों की। असम, त्रिपुरा, मणिपुर आदि राज्यों में हर साल कई नौका दौड़ों का आयोजन होता है। भले ही अभी सैलानी नक्शे पर इनकी जगह उस तरह से न बन पाई हो लेकिन इनकी खूबसूरती व भव्यता में किसी तरह की कोई कमी नहीं हैं। त्रिपुरा की रुद्रसागर झील में बोट फेस्टिवल के लिए जमा लोग। फोटो साभारः यूबी फोटोज त्रिपुरा में हर साल रुद्रसागर झील में एक नौका दौड़ सितंबर-अक्टूबर के महीनों में होती है। रुद्रसागर झील राजधानी अगरतला से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मेलाघर के पास स्थित इसी झील के बीच में ऐतिहासिक नीरमहल स्थित है।...
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