Wednesday, December 25
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होटल है या कोई उड़न तश्तरी

नॉर्वे में किसी उड़न तश्तरी से प्रेरित यह होटल ऑरोरा बोरेअलिस देखने के लिए एक दूसरी दुनिया सरीखा माहौल खड़ा करता है

उड़न तश्तरियां हमेशा से हमारी विज्ञान फंतासियों का अहम केंद्र रही हैं। फिल्मों, कहानियों में उड़न तश्तरियों को देखकर हम बचपन में कितने रोमांचित होते रहे हैं। मन करता रहा है न कि कहीं किसी खुले मैदान में अचानक आसमान से कोई उड़न तश्तरी उतर पड़े और कोई दूसरे ग्रह का प्राणी अचानक हमारे सामने आ खड़ा हो हाथ मिलाने लगे। उड़न तश्तरी और दूसरे ग्रह पर जीवन हमेशा से हमारे वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्ष की खोज के सबसे जटिल पहलुओं में से रहा है। 

ऐसे में कितना रोमांचक हो कि आप किसी ऐसे होटल में रुकें जो उड़न तश्तरी की शक्ल का हो। जहां इतना वीराना हो कि उड़न तश्तरी के सामने आ उतरने की कल्पना साकार होने का खयाल हमेशा तैरता रहे। वहां के कमरे किसी स्पा सरीखे हों और सामने बर्फीले ग्लेशियर हो। आकाश ऐसा मानो आप वाकई अंतरिक्ष में हों और यह सारा नजारा देने वाला ढांचा पारिस्थतिकीय लिहाज से सक्षम व टिकाऊ हो। अब आप हैरानी जाहिर कर रहे हों तो यह होटल सुदूर नॉर्वे में स्वार्तिसेन ग्लेशियर के ठीक निचले सिरे के करीब है। यह नॉर्वे का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। इसी के नाम पर होटल का नाम भी स्वार्त है। स्नेहेत्ता कंपनी के आर्किटेक्ट्स के एक ग्रुप को इस अनूठे हैरतअंगेज प्रोजेक्ट पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया था जो किसी सामान्य होटल की तुलना में 85 फीसदी कम ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा।

उड़न तश्तरी जैसा होटल, ठीक सामने बर्फीला ग्लेशियर, चारों तरफ पानी

हालांकि फिलहाल इस होटल पर काम अभी चल रहा है और यह 2021 में शुरू होगा। यह इको-फ्रेंडली होटल जियोथर्मल एनर्जी (भूतापीय ऊर्जा) से लैस होगा यानी जिसमें पृथ्वी के भीतर की गर्मी को साफ-सुथरी ऊर्जा में तब्दील किया जाएगा। इस तरह से समूची होटल में प्राकृतिक रूप से गर्म पानी प्रवाहित होता रहेगा। 

इस होटल के ढांचे में मुख्य रूप से लकड़ी का इस्तेमाल हो रहा है और उसे मजबूती देने के लिए बीच-बीच में स्टील व कंक्रीट का भी इस्तेमाल होगा। दीवारें इस तरह से तैयार की गई हैं कि सर्दियों में गर्मी बाहर न निकलने दें और गर्मियों में वेंटिलेशन की गुंजाइश रखें। इस होटल के सारे फर्नीचर में भी रीसाइकिल किए हुए या प्राकृतिक सामान का इस्तेमाल किया जाएगा।

यह किसी सामान्य होटल की तुलना में 85 फीसदी कम ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा

बात साफ है कि दुनियाभर में तमाम होटलों में सबसे बड़ा खर्च ऊर्जा का होता है। यह मोटे तौर पर तापमान को नियंत्रित करने के चक्कर में होता है अब चाहे वह कमरों या पानी को गरम करने के लिए हो या फिर एयर कंडीशनिंग के लिए।

स्नेहेत्ता कंपनी के सह-संस्थापक जेतिल त्रेदेल थॉर्सन ने इस होटल की नई डिजाइन के आइडिया के बारे में बताया कि इस तरह के साफ-सुथरे वातावरण में कोई ऐसा ढांचा खड़ा करने की जिम्मेदारियां भी साफ हैं—प्राकृतिक खूबसूरती और उस जगह की वनस्पतियों व जीव-जंतुओं को किसी तरह का नुकसान न पहुंचने देना। उन्होंने बताया कि हमारे लिए एक ऐसी टिकाऊ इमारत डिजाइन करना और खड़ी करना जरूरी था जो इस खूबसूरत उत्तरी कुदरत पर न्यूनतम पर्यावरण फुटप्रिंट छोड़े।

यह इलाका साल्त्फजेलेत-स्वार्तिसेन नेशनल पार्क का हिस्सा है 

लेकिन इस जगह की बात केवल इसके इको-फ्रेंडली होने में नहीं है। सबसे बड़ी बात तो उस जगह में ही है, जहां पर यह स्थित है। यह नॉर्वे के सुदूर उत्तर के ग्लेशियरों के वीराने में स्थित है। यह उत्तर ध्रुवीय वृत्त (आर्टिक सर्किल) से भी थोड़ा ऊपर है। स्वार्त को उत्तर ध्रुवीय प्रकाश यानी ऑरोरा बोरिएलिस या नॉर्दर्न लाइट्स देखने के लिए भी बेहद शानदार जगह माना जाता है। अब कल्पना कीजिए कि उड़न तश्तरी जैसा होटल, ठीक सामने बर्फीला ग्लेशियर, चारों तरफ पानी और गहराती रात में नॉर्दर्न लाइट्स से जगमगाता आसमान। लगेगा न कि आप मानो कहीं धरती से परे पहुंच गए हैं। 

जब सूर्य से विद्युत आवेशित कण, पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं तब नॉर्दर्न लाइट्स का नज़ारा देखने को मिलता है। आकाश में हरे, गुलाबी, बैंगनी, लाल और पीले रंग का प्रकाश फैल जाता है। नॉर्दर्न लाइट्स यानि उत्तरी ध्रुव के आसमान में सुबह के वक्त दिखने वाली बेहद खूबसूरत रोशनी। इसे ऑरोरा बोरिएलिस भी कहते हैं। ऑरोरा यूनान की सुबह की देवी को कहते हैं और बोरिएलस यूनानी भाषा में उत्तरी हवाओं को कहते हैं। साइंस की भाषा में इसे नॉर्दर्न लाइट्स कहा जाता है। नासा के मुताबिक रात के समय नॉर्दर्न लाइट्स में चमक की वजह असल में पृथ्वी और चांद के बीच चुंबकीय ऊर्जा के कारण होने वाला विस्फोट है। इस टकराव में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन्स की बाढ़ सी आकर आयनॉस्फीयर यानि वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत की गैसों से टकराती है। इसी की वजह से हमें आसमान में ये बेहतरीन रोशनी दिखती है। 

यह इको-फ्रेंडली होटल जियोथर्मल एनर्जी (भूतापीय ऊर्जा) से लैस होगा 

यह इलाका साल्त्फजेलेत-स्वार्तिसेन नेशनल पार्क का हिस्सा है और कुल 2102 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क का पांचवा हिस्सा तो इस ग्लेशियर से ही ढका है। इस इलाके में सड़क व क्रूज के रास्ते भी पहुंचा जा सकता है। रोमांच प्रेमियों और हाइकिंग के शौकीनों का भी यह पसंदीदा इलाका है। नॉर्वे का मो हवाईअड्डा यहां से ज्यादा दूर नहीं। कैंपिंग के शौकीन भी यहां आते हैं। यह मजेदार बात है कि इतनी दुष्कर जगह पर भी हवाई जहाज, रेल व सड़क—तीनों रास्तों से पहुंचा जा सकता है। यह इलाका ध्रुवीय इलाकों की सामी जनजाति का भी माना जाता है।

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