A unique experiential destination on the outskirts of Mumbai and Pune · Soak in its rich culture through art, folk performances and activities· Be a farmer for a day with a holistic hands-on experience· Connect to nature and go back to your roots An easy two-hour drive from Mumbai and Pune leads to the newly opened Monteria Village spread across 35 acres in Khalapur, Raigad district. The brand-new day-outing destination gives guests of all age groups a holistic experience of being in a quintessential village: a dip in a lake, a laze on the hammock, folk performances, hearty desi meals, immersive art experiences like bamboo and khaat weaving or even a shot at game of lagori. This short-weekend getaway on the outskirt of the city is a call back to your roots and embraces guests ...
Read MoreCategory: महाराष्ट्र
travel articles and news about Indian state of Maharashtra
The Pench Tiger Reserve (PTR) and Umred Pauni Karhandla Wildlife Sanctuary (UPKS) in Maharashtra have opened for day safaris from Saturday onwards, a forest official said. The core area of Pench will remain open till June 30, while buffer zones of Nagalwadi, Pauni and Karhandala gate of the UPKS will stay open even after July 1 during the monsoon, subject to closure anytime due to heavy rains and road damage, a release issued by the field director of Pench Tiger Reserve Nagpur stated. However, only a limited number of routes will be opened and 50 per cent of vehicle quota of the gates will be operated during this period, it was stated. According to the release, Sillari and Khursapar core gates of the PTR will remain open till June 30. Meanwhile, the Bor Tiger Reserve will ...
Read MoreAgainst the backdrop of COVID-19 and need for safe travel, the Maharashtra Cabinet on Wednesday approved a new 'caravan tourism' policy that seeks to provide incentives to tour operators and at the same time boost employment opportunities in the pandemic-battered sector. The policy, aimed at addressing safety concerns of travel enthusiasts, was cleared at the weekly cabinet meeting chaired by Chief Minister Uddhav Thackeray. The policy has two parts - caravan and caravan parks - allowing tourists to enjoy the state's natural beauty and a range of other attractions, a statement issued by the Chief Minister's Office (CMO) said. It will also boost employment opportunities in the tourism sector, which has been badly affected by the pandemic, it said. A caravan is a specially-b...
Read Moreदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में घृष्णेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग बारहवें स्थान पर आते हैं। मान्यता है कि इन सभी शिवलिंगों की यात्रा के अंत में घृष्णेश्वर के दर्शन बिना शिव भक्तों की यात्रा सफल नहीं होती। यह स्थान शिवालय-तीर्थस्थान कहलाता है। इस शिव मंदिर में स्थापित पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए शिव भक्तों को पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुंचना होता है। उसके बाद सड़क मार्ग से 30 कि.मी. दूर वेरूल गांव पहुंचते है। यहां एक विशेष प्रकार के शांत वातावरण में स्थापित मंदिर यह दिखाई देता है। विश्व प्रसिद्ध एलोरा गुफाएं मंदिर से एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर हैं और उनके समीप मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र भी है। मंदिर से कुछ किलोमीटर पहले औरंगजेब का किला सड़क मार्ग से दिखाई देता है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफाओं के निकट स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग ...
Read MoreThe Maharashtra government has allowed water sports as well as activities like boating and entertainment/amusement parks to resume as part of phase-wise easing of lockdown restrictions in the state. A government circular, dated December 21, said all norms of social distancing and precautions to check the spread of COVID-19 will have to be followed during these activities. It said water sports and other activities like boating will be allowed outside the COVID-19 containment zones. "Entertainment/amusement parks including indoor entertainment activities, tourist places will be allowed to function provided the same are outside containment zones," the circular further said. !function(e,t,c,a){if(!e.fwn&&(a="fwn_script",n=e.fwn=function(){ n.callMethod?n.callMethod....
Read MoreAjanta Caves were painted for over 900 years by some of the greatest unknown artists of mankind. They are not only a UNESCO World Heritage site, but also probably the greatest art in the world. But these paintings have seen deterioration over the last 2000 years. Now, if they can be restored to their original glory and then preserved for eternity, its a service not only to the culture of India, but to human species and its greatness. On the 21st of October, preservation of the art of the Ajanta Caves was initiated at the Arctic World Archives, in an indestructible format, till eternity. Event happened at Svalbard, a remote island in Norway. And, the ceremony was attended by representatives from The National Museum of Norway, UNICEF Norway, the Norwegian Defense Museum, and the Mjøndale...
Read Moreवह माया थी, अपने चार शावकों के साथ। माया बाघिन ने तादोबा को उसी तरह की ख्याति दे दी है जिस तरह की कभी मछली बाघिन ने राजस्थान में रणथंबौर को दी थी। टेलिया इलाके में सैलानी अक्सर माया को उसके बच्चों के साथ देखने के लिए जरूरत आते हैं। हालांकि तादोबा को लोकप्रिय बनाने में माया के अलावा वाघदोह बाघ का भी बहुत हाथ रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह भारत का सबसे बड़ा बाघ है। अब यह कितना सच है, कहना मुश्किल है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि वाघदोह को देखा तो लगता है कि वह वाकई बड़ा ही भव्य और दिव्य है। बाघ परिवार के पांच सदस्यों को एक साथ देखने का रोमांच सबको नसीब नहीं होता बहरहाल, यहां मैं जंगल के बीच पेड़ में मचान पर बैठा था और नीचे माया अपने परिवार के साथ पानी में खिलवाड़ कर रही थी। मई के महीने की कड़क दोपहर के बाद शाम ढलने वाली थी। जानवरों के सेंसस (गिनती) में भाग लेने का मेरे लिए त...
Read Moreकास के पठार में फूल खिलने लगे हैं। लेकिन अभी हम उन्हें देखने नहीं जा सकते क्योंकि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से यह जगह अभी सैलानियों के लिए फिर से खुली नहीं है। वैसे भी महाराष्ट्र दश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है। लेकिन अभी वक्त है। फूल अक्टूबर तक खिले रहेंगे। हो सकता है आपको जाने का मौका मिल जाए। तब तक जानिए इस अनूठी जगह के बारे में... कास हमारे मध्य भारत की फूलों की घाटी है। जब भी हम फूलों की घाटी की बात करते हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हिमालयी फूलों की घाटी नेशनल पार्क की याद आती है या फिर हम हर की दून में स्थित फूलों की भी बात कर लेगे हैं, औऱ हो सकता है कि सिक्किम में युमथांग को भी याद कर लें। लेकिन कास हमारे जेहन में नहीं आता। अब कहने वाले कह सकते हैं कि बात घाटियों की हो तो कास तो पठार है। लेकिन कास के पठार होने की वजह से ही यह...
Read Moreउत्तर भारत में सालों बिताने के बाद मैं कई चीज़ें मुंबई में अक़्सर मिस करती हूं। जैसे उत्तरी भारत का खाना, और सर्दी का मौसम। मुंबई में ठंड न के बराबर होती है। इधर कुछ दिनों से उत्तरी भारत के दोस्तों से जब भी बात होती, वो कंपकंपाती सर्दी का राग अलापने लगते। अचानक ख़याल आया कि क्यों न हम भी किसी ठंडी जगह जाकर सर्द मौसम का मज़ा लें। बजट और समय का ध्यान भी रखना था, ऐसे में भला माथेरान से अच्छी जगह क्या हो सकती थी। बस, कुछ दोस्तों के साथ चल दिए हम माथेरान। मुंबई से हम माथेरान के लिए अलसुबह रवाना हुए। दादर स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ 2 घंटे में हम नेरल जंक्शन पहुंच गए। नेरल माथेरान के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। नेरल में छोटी लाइन है जो माथेरान तक जाती है। स्टेशन से बाहर आने पर हमें एक लंबी क़तार दिखी। लाइन टॉय ट्रेन की टिकट के लिए थी। टॉय ट्रेन माथेरान का मुख्य आकर्षण है। छुक-छुक करती हु...
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