तीर्थ पर्यटन के विकास में नया कदम उठाते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) और ट्रिप टू टेंपल्स ने आदि कैलाश और ओम पर्वत के लिए भारत की पहली हेलीकॉप्टर यात्रा की शुरुआत की है। इस नवीनतम पहल के साथ मौसम और भौगोलिक बाधाओं को पार करने में सहायता मिलेगी, जिससे इन पवित्र तीर्थस्थलों को भक्तों के लिए साल में ज्यादा दिनों के लिए सुगम बनाया जा सकता है। यात्रा के पहले दिन 18 तीर्थ यात्रियों ने पहली हेलीकॉप्टर उड़ान के साथ अपनी यात्रा संपन्न की पहले इन पवित्र स्थलों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को एक चुनौतीपूर्ण यात्रा तय करनी पड़ती थी। इस यात्रा को पहले कार-जीप यात्रा व फिर एक लंबे दुर्गम रास्ते पर पैदल चलकर मई-जून और सितंबर-अक्टूबर के बीच एक सीमित अवधि में पूरा करना पड़ता था। खूबसूरत व्यास घाटी में बसा आदि कैलाश शिव-पार्वती के दूसरे निवास के रूप में जाना जाता है। भारत, नेपाल और...
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travel articles and news about Indian hill state of Uttarakhand
India’s longest ropeway system connecting Dehradun to Mussoorie commences work
FIL Industries led consortium commences work on the Dehradun Mussoorie Ropeway Project, India’s longest ropeway system connecting Dehradun to Mussoorie; Phase I to be ready by September 2026 Mussoorie Sky Car Company Pvt. Ltd., a consortium led by FIL Industries Private Ltd., and comprising of POMA SAS France and SRM Engineering LLP, has commenced work on India’s longest ropeway system at a length over 5.5 km connecting the twin cities of Dehradun and Mussoorie. The INR 300 crore mono-cable ropeway project that will connect Dehradun-Mussoorie will be ready by September 2026. The ropeway will cut down the 33 kms driving distance between Dehradun to and Mussoorie, which can take from 1.5 to 3 hours depending on traffic, to a mere 15 minutes. For the first time in India, this ...
Read Moreउत्तराखंड का अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश विदेश में पहचान रखता है। इसीलिए इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है। जितनी यहां की रामलीलाएं मशहूर हैं, उतना ही यहां का दशहरा भी अनूठा है। रामलीला मंचन और विजयदशमी की परंपराएं भारत में बहुत पुरानी हैं। अल्मोड़ा में भी ये दोनों ही पर्व चंद राजाओं के जमाने से मनाए जाते आ रहे हैं। लेकिन मजेदार बात यह है कि अल्मोड़ा के जिस दशहरे की अब सब जगह चर्चा होती है और अब जो बेहद लोकप्रिय है, वह कोई लंबा-चौड़ा इतिहास नहीं रखता। https://youtu.be/_mCp7ljTqCY?si=po5IixQ_WHq-gR_4 अल्मोड़ा के मौजूदा दशहरे का स्वरूप है वहां रावण कुटुम्ब के तमाम लोगों के पुतले बनाए जाना और उनकी झांकी पूरे शहर में निकालना। भारत में बाकी सभी जगहों पर दशहरा के मौके पर रावण के साथ-साथ कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन की परंपरा है। शायद अकेला अल्मोड़ा का...
Read MoreAmazing Uttarakhand road trips | Birthi to Dharchula via Munsiyari | बिरथी से धारचुला वाया मुनस्यारी
It is just a 134 kms ride but has got all the thrills - from fascinating views of Panchachuli peaks to riding along the Gauri river for a major part, not to mention the winding roads passing through hues of dense green below and sparkling blue above. The road from Birthi (waterfalls) to Dharchula is generally less taken by tourists. Isn't the best of the roads but has one of the best of the views. Route takes you from Birthi to Munsiyari via Kalamuni top (Alt: 9,5000 ft) and then from Munsiyari to Jauljibi. From Jauljibi one can take Lipulekh highway to reach Dharchula or turn towards Pithoragarh to reach Almora and Haldwani. So, come join me on this short but beautiful biking trip. https://youtu.be/swWSQGJ_aic?si=YMhNKTE_pe8INXgS महज़ 134 किलोमीटर का यह सफ़र बेहद शानदार है। इसमे...
Read Moreउत्तराखंड के चंपावत ज़िले में देवीधुरा रक्षाबंधन के दिन होने वाले बग्वाल के लिए प्रसिद्ध है। बग्वाल यानी पत्थर से होने वाला युद्ध। अब यह बग्वाल की परंपरा कितनी प्राचीन है और इसके पीछे क्या ऐतिहासिक तथ्य हैं, इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण या लिखित इतिहास तो नहीं है। इसकी सारी परंपरा लोक मान्यताओं व लोक-श्रुतियों के अनुसार ही चल रही है। ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि यह बग्वाल इस इलाक़े में किसी ज़माने में रही नरबलि की परंपरा का ही अवशेष है। बग्वाल देवीधुरा में बाराही देवी के मंदिर के मैदान में खेला जाता है, और कहा यही जाता है कि बाराही देवी को चढ़ने वाली नरबलि के विकल्प के रूप में ही देवी के सामने पत्थरों से युद्ध करके एक इंसान के रक्त के बराबर ख़ून बहाने की परंपरा शुरू हुई। बग्वाल का एक निश्चित विधान होता है। बग्वाल मेला तो कई दिन चलता है लेकिन बग्वाल के लिए सांगी पूजा श्रावण माह की शुक...
Read Moreबर्फ की पहली दस्तक से ढकी दारमा घाटी के पंचाचूली ट्रेक पर जाने की इच्छा तो कई सालों से थी पर यह चाह अब जाकर पिछले महीने नवंबर 2022 में पूरी हुई। ऐसा नहीं है कि मैं पहली बार था पंचाचूली ट्रेक पर जा रहा था। इससे पहले 2002 और फिर 2015 में बला की खूबसूरत पंचाचूली चोटियों के दर्शन दारमा के दर से हो गए थे। पर इस बार यह पहला मौका था कि जाड़ों में नवम्बर के महीने में हम दारमा जा रहे थे। हिमालय के इतना नजदीक जाने का आनंद ही कुछ और है। फोटोः जयमित्र सिंह बिष्ट यह एक ऐसा सपना था जिसकी कल्पना मैं हमेशा से करता था और चाहता था, प्यारी पंचाचूली को, उसके बर्फ से ढके बुग्यालों, जम चुके पानी के धारों और रास्तों के साथ अपने कैमरे और दिल में कैद करना। हालांकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ फोटो लेना ही मेरा उद्देश्य होता है पर लेंस के थ्रू आप जब हिमालय को निहारते हैं तो वह अनुभव आपको एक अलग ही अनुभूति देता है...
Read MoreWith dreamy landscapes and the charm of the wilderness, Jim Corbett makes for a perfect bleisure destination. Far away from the hustle bustle of city life, located on a hill-top, spread over 3.5 acres of woodland forests, Welcomhotel by ITC Hotels, Jim Corbett is about 45 mins away from India’s premier National Park, home to over 600 different varieties of flora and fauna. The room views are breathtaking. 62 well-appointed guest rooms and suites with balconies & private sit-outs, as well as multiple open areas with enchanting views of the Kosi river and lush green hills bring natural splendour up and close. While you wake up to the sweet notes of chirping birds with picture-perfect backdrops and unobstructed views, the hotel interiors feature a contemporary take on design aesthetic...
Read MoreThe number of snow leopards has increased to 121 in Uttarakhand, according to the latest census. State's Chief Wildlife Warden Samir Sinha said the 2022 snow leopard census was conducted on the orders of the Centre. Sinha said the census, conducted under the joint aegis of the Forest Department and Wildlife Institute of India, has shown encouraging results. Eighty-six snow leopards were found in the state when the last such census was conducted six years ago. Expressing happiness over the results of the census, Uttarakhand Forest Minister Subodh Uniyal said conservation of wildlife in the state is in the right direction and it will give further impetus to wildlife tourism in the future. Only 12 countries in the world have snow leopards and India is one of them. The popu...
Read MoreThe recent avalanche near Draupadi Ka Danda-II peak that killed at least 26 mountaineers in Uttarkashi district has triggered a debate among scientists and experts about the contributing factors. While there is no unanimous view on the possible reasons, most of them feel attributing the avalanche to a mild earthquake that rocked Uttarkashi two days earlier was incorrect. The tremor, measuring 2.5 on the Richter scale, hit Uttarkashi on October 2. It was too mild and its epicentre too far from the avalanche site, said a scientist at Wadia Institute of Himalayan Geology here. Images of the topography of the peak going around the social media! "The mild-intensity earthquake occurred two days before the avalanche and its epicentre was in a village whose aerial distance from the pe...
Read Moreभारत में दशहरा कई जगहों पर बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। दशहरा चाहे कुल्लू का हो या मैसूर का या फिर कोटा का, सबकी अपनी अलग पहचान है। इन्हीं में से एक है अल्मोड़ा का दशहरा। उत्तराखंड का अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश विदेश में पहचान रखता है। इसीलिए इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है। जितनी यहां की रामलीलाएं मशहूर हैं, उतना ही यहां का दशहरा भी अनूठा है। रामलीला मंचन और विजयदशमी की परंपराएं भारत में बहुत पुरानी हैं। अल्मोड़ा में भी ये दोनों ही पर्व चंद राजाओं के जमाने से मनाए जाते आ रहे हैं। लेकिन मजेदार बात यह है कि अल्मोड़ा के जिस दशहरे की अब सब जगह चर्चा होती है और अब जो बेहद लोकप्रिय है, वह कोई लंबा-चौड़ा इतिहास नहीं रखता। अल्मोड़ा में दशहरे पर अलग-अलग मोहल्लों में बनते हैं पुतले. फोटोः उपेंद्र स्वामी अल्मोड़ा के मौजूदा दशहरे का स्वरूप है वहां रावण कुटुम्ब के ...
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