उत्तर भारत में जहां हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड और मध्य प्रदेश पर्यटन उद्योग को फिर खड़ा करने के लिए सैलानियों को बुला रहे और नियमों में ढील दे रहे हैं, वहीं कर्नाटक में कोविड-19 के संक्रमण में अचानक फिर से तेजी आ जाने से कई लोकप्रिय सैलानी स्थलों पर सभी होमस्टे, होटल व रिज़ॉर्ट बंद करने के लिए कहा जा रहा है
कोडागु (कूर्ग), चिक्कमगलुरु व हसन में अगले आदेश तक किसी भी नए मेहमान को रुकने न देने और परिसर फिलहाल बंद करने के निर्देश तमाम होटलों को प्रशासन की तरफ से दिए गए हैं। बीते सोमवार को कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सी.टी. रवि ने खास तौर पर बेंगालुरु से घूमने जाने वाले लोगों से अपील की थी कि वे इन हिन स्टेशनों की तरफ न उमड़ें। इसी के बाद एक आदेश जारी करते हुए कोडागु उपायुक्त एनीज कनमणि जॉय ने कहा कि सबी रिज़र्ट, होटलों, सर्विस अपार्टमेंटों, रेजीडेंशियल हॉस्टलों व होमस्टे को जिले के बाहर के लोगों को रुकने की जगह देना तुरंत बंद कर देना होगा। आदेश में यह बी कहा गया था कि जो लोग रुकने की जगहों पर आ चुके हैं, उन्हें जबरन बाहर नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें उनकी बुकिंग की तय तारीख तक रुके रहने देना चाहिए, लेकिन उनकी बुकिंग को आगे बढ़ाया नहीं जाए। साथ ही जो लोग बुकिंग करा चुके हैं लेकिन अभी आए नहीं हैं, उनकी बुकिंग रद्द करके उनकी बुकिंग राशि को लौटा दिया जाना चाहिए।
इससे पहले इन जगहों के निवासियों ने जिला प्रशासन की इस बात के लिए आलोचना की थी कि उसने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बावजूद रिजॉर्ट व होमस्टे बंद नहीं किए हैं। हालांकि वायरस के डर से कुछ रिजॉर्ट व होमस्टे ने जिला प्रशासन का आदेश आने से पहले ही अपने परिसर बंद कर दिए थे।
कोडागु बेंगालुरु से 260 किलोमीटर दूर है और केवल कर्नाटक में ही नहीं बाकी देश में भी सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह अपने वाटरफॉल्स, नेशनल पार्क, वाइल्डलाइफ व मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। लिहाजा जैसे ही लॉकडाउन को हटाया गया और एत जिले से दूसरे जिले में जाने की पाबंदियां हटाई गईं. इन इलाकों में सैलानी उमड़ने लगे। ज्यादातर राजधानी बेंगालुरु से आ रहे थे। कोडागु में करीब 800 रजिस्टर्ड और 2000 बिना रजिस्टर्ड होमस्टे हैं, और 500 होटल व लॉज हैं। ये सब मिलाकर कम से कम 50 हजार लोगों को रोजगार देते हैं। कोडागु में इस समय 36 कंटेनमेंट जोन हैं।
उधर हसन व चिक्कमगलुरु जिलों के प्रशासन ने भी रिजॉर्ट व होमस्टे बंद करने के आदेश दे दिए हैं। हसन के जिला उपायुक्त ने 3 जुलाई को इस बारे में आदेश दे दिए थे। ऐसा ही निर्देश चिक्कमगलुरु प्रशासन ने भी जारी किया है।
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