कोविड-19 के दौर में एक मीठी-मीठी खबर स्विस चॉकलेटों की दुनिया से जहां खुलने जा रहा है ‘होम ऑफ चॉकलेट’ जहां है दुनिया का सबसे बड़ा चॉकलेट फाउंटेन
चॉकलेट भला किसे पसंद नहीं और नाम स्विस चॉकलेट का लिया जाए तो तुरंत ही मुंह में वह घुलती सी महसूस होती है। हालांकि बेल्जियम भी चॉकलेट का उतना ही बड़ा गढ़ है लेकिन स्विस यानी स्विट्जरलैंड की चॉकलेट ने अपना एक अलग ही मुकाम दुनियाभर में बना लिया है। लेकिन वहां भी अगर चॉकलेट का कोई मूजियम हो तो भला का बात है! सब तरफ चॉकलेट और उसकी दुनिया के बारे में!
लिंट (Lindt) का स्विस चॉकलेटों की दुनिया में अलग ही नाम है। उसी नाम को एक नया मुकाम देते हुए लिंट ने स्विट्जरलैंड में ज्यूरिख के निकट किल्शबर्ग में एक ‘होम ऑफ चॉकलेट’ तैयार किया है। कुल 65,000 वर्ग फुट इलाके में फैला यह म्यूजियम अपने में अनूठा है और इसी में दुनिया की सबसे बड़ी लिंट चॉकलेट शॉप भी है। इस चॉकलेट म्यूजियम का उद्घाटन कुछ ही दिनों पहले हुआ था और अब 13 सितंबर 2020 से यह चॉकलेट म्यूजियम लोगों के लिए खुल जाएगा।
किल्शबर्ग शहर लेक ज्यूरिख के पश्चिमी सिरे पर स्थित है और यह लिंट व स्प्रुंगली चॉकलेटों का घर माना जाता है। वैसे खुद ज्यूरिख को कई लोग दुनिया की चॉकलेट राजधानी मानते हैं। वहां कई पारंपरिक व स्थापित ब्रांड बसी हैं और कई अनूठे प्रयोगधर्मी चॉकलेटियर भी हैं। लिंट का ‘होम ऑफ चॉकलेट’ ज्यूरिख इलाके के लिए एक और नया आकर्षण बनने जा रहा है। आपको यह भी बता दें कि लिंट व स्प्रुंगली चॉकलेट इस साल अपनी स्थापना की 175वीं सालगिरह मना रहे हैं। दुनिया की इस सबसे प्रीमियम चॉकलेट की स्थापना 1845 में की गई थी।
इस म्यूजियम में चॉकलेट का पूरा इतिहास मिलेगा। कई मल्टीमीडिया प्रदर्शनियों के जरिये कोको बींस की पैदावार की शुरुआत, शुरुआती उत्पादन प्रक्रिया का इतिहास और उसकी समूची सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी। कैफेटेरिया की ही तर्ज पर वहां एक ‘चॉकोलेटेरिया’ भी होगा जहां लोग लिंट के मास्टर चॉकलेटियर्स की ही तरह अपनी खुद की शानदार चॉकलेट बना सकेंगे।
यहां का सबसे बड़ा आकर्षण तो होगा चॉकलेट फाउंटेन। कुल 30 फुट ऊंचा यह चॉकलेट फाउंटेन दुनिया का सबसे बड़ा चॉकलेट फाउंटेन होगा। इसमें से 1.4 टन चॉकलेट बहती है। है न हैरतअंगेज! पता है, इस चॉकलेट फाउंटेन का उद्घाटन किसने किया? दुनिया के महानतम टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर ने। फेडरर खुद स्विट्जरलैंड के ही रहने वाले हैं और वह लिंट चॉकलेट के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। कुछ दिन पहले जब म्यूजियम का औपचारिक उद्घाटन हुआ था, तब भी फेडरर मौजूद थे।
म्यूजियम में एक रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर भी है। इस पूरी योजना को अमल में आने में सात साल का वक्त लगा। साल 2013 में लिंट चॉकलेट कंपीटेंस फाउंडेशन की स्थापना की गई थी। उसी ने इस म्यूजियम की परिकल्पना तैयार करके लिंट व स्प्रुंगली फैक्टरी परिसर के भीतर उसपर काम शुरू कर दिया। और, म्यूजियम देखकर लगता है कि इसमें लगे एक-एक पल की अहमियत रही है। बिल्डिंग का काम नवंबर 2019 में पूरा हो गया था और उसके बाद से उसकी आंतरिक साज-सज्जा का काम चल रहा था। अब यह लोगों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
लिंट के चैयरमैन अर्नेस्ट टैनर का कहना था कि इमारत के पहले हिस्से में हम लोगों को यह दिखलाएंगे कि चॉकलेट क्या कर सकती है। अफ्रीका के घाना में होने वाली फसल से लेकर स्विट्जरलैंड में उसके चॉकलेट के बाहर आने तक की समूची उत्पादन प्रक्रिया को लोगों ने इस तरह से पहले नहीं देखा होगा। चॉकलेट स्विट्जरलैंड की पहचान है और वह यहां की अर्थव्यवस्था में बडी भूमिका निभाती है। इसलिए यह लाजिमी ही था कि बिजनेस केंद्र के रूप में स्विट्जरलैंड की हैसियत को चॉकलेट की मदद से मजबूत बनाया जाए। उम्मीद की जा रही है कि हर साल करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग इस म्यूजियम को देखने आएंगे। ज्यूरिख से जुड़ा होने के कारण किल्शबर्ग पहुंचना आसान है। स्विट्जरलैंड पहले ही दुनिया भर के सैलानियों का दुलारा है। अब वहां जाने का एक और बहाना आपके पास है।
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