यह अमेरिका का सबसे निर्जन इलाका है और शायद वहां सबसे रोमांचक भी। यह उन जगहों में से भी है जहां की छवि अमेरिका की पहचान के तौर पर बाकी दुनिया के सामने लंबे समय तक रही
यह अमेरिका के सबसे पहाड़ी प्रांत का रास्ता है। यहां 18 पर्वत श्रृंखलाएं हैं। इनके बीच फैली हैं विशाल घाटियां और कुदरत के मनोरम नजारे। इससे होकर गुजरने वाला 287 मील (लगभग 460 किलोमीटर) लंबा रास्ता आम निगाहों को काफी निर्जन व वीरान नजर आ सकता है लेकिन यह रास्ता सैलानी गतिविधियों के लिए भरा-पूरा है। यहां आप गरम पानी के सोतों में नहा सकते हैं, या हजार साल पुराने पुरातात्विक अवशेषों को छान सकते हैं, खाने-पीने के शौकीन हों तो विशालकाय बर्गर का स्वाद ले सकते हैं, अजीबोगरीब चीजों का शौक हो तो यहां के मशहूर शू ट्री पर एकाध जूतों की जोड़ी उछाल सकते हैं, या फिर सौ साल से भी पुराने स्टीम इंजन की ट्रेन पर सवारी कर सकते हैं और चाहें तो कई सारे स्टेट पार्क और एक नेशनल पार्क तक की सैर कर सकते हैं।
यहां अमेरिका की पहली अंतरमहाद्वीपीय हाईवे है। 1860 के दशक में यह पोनी एक्सप्रेस रूट के तौर पर जानी जाती थी। बाद में यह लिंकन हाईवे में तब्दील हो गई। मध्य नेवादा से गुजरने वाली यह हाइवे जिसे सबसे वीरान रास्ते के तौर पर जाना जाता है, नेवादा प्रांत के आठ ऐतिहासिक शहरों को छूती है। इन शहरों में कार्सन सिटी, डेटन, फर्नले, फैलन, ऑस्टिन, यूरेका, एली व बेकर शामिल हैं।
नेवादा में पहाड़ उसी तरह से पसरे हुए हैं जैसे समुद्र में लहरें पसरी हुई होती हैं। दिसंबर में वे बर्फ से लद जाते हैं और तब आप उन्हें पार करने वाले दर्रों पर चढऩे से पहले मीलों दूर से देख सकते हैं। सर्पीली सड़कें एक पहाड़ के पीछे से निकलती हैं और फिर निर्जन घाटी में रेंगती हुई अगले पहाड़ पर चढ़कर निगाहों से ओझल हो जाती हैं। यह बिलकुल उस तरह का नजारा होता है जैसा हम बचपन में अक्सर स्कूलों में अपनी पेंटिंग में बनाया करते थे।
कई लोग यहां ट्रैक करने के लिए आते हैं और ट्रैक पूरा करने के बाद उनमें से कई अपने पासपोर्ट ट्रैवल नेवादा को भेज देते हैं जो एक स्मारक पिन के साथ वहां के गर्वनर की मुहर लगाकर इस संदेश के साथ वापस भेज देते हैं कि आपने बड़ा जोखिम लिया और अमेरिका की सबसे निर्जन सड़क पर से खुद को सुरक्षित वापस ले आए। है न मजेदार!
अब इसे अमेरिका की सबसे निर्जन सड़क का नाम बेशक दिया जाए लेकिन यह उतनी डरावनी भी नहीं है। सड़कें तो यकीनन बेहद माशाल्लाह हैं ही, गैसोलिन के साथ-साथ खाने व रुकने-ठहरने की भी सुहूलियतें हैं। हालांकि जैसा हमारे यहां की सीमावर्ती सड़कों के साथ है, अमेरिका की यह हाइवे भी अमेरिकी डिफेंस हाइवे के साथ-साथ चलती है, इसलिए एक तो यह सालभर चालू रहती हैं, दूसरी बात इस पर कभी ट्रैफिक फंसता नहीं है। इन सबके बावजूद जब आप कभी इस हाइवे पर सैर के लिए जाएं तो कोशिश यही करें कि बीच में पड़ने वाले शहरों पर रुकने का इंतजाम रखें। हालांकि जो रोमांच के शौकीन हैं, उनके लिए क्या परवाह। जब तक सफर में थोड़ी अनिश्चतता न हो तो फिर रोमांच कैसा।
दरअसल इस सड़क को अस्सी के दशक में लाइफ मैगजीन ने अमेरिका की सबसे वीरान सड़क का नाम दिया था। तभी से इसकी लोकप्रियता इस अंदाज में बढ़ गई और सड़कें नापने के शौकीन घुमक्कड़ दुनियाभर से यहां आने लगे।
यह रास्ता 19वीं सदी में पोनी एक्सप्रेस रास्ते के रूप में विख्यात हुआ। जी हां, पोनी यानी खच्चर। यह खच्चर एक्सप्रेस का इलाका था। वह हवाई जहाजों, टेलीफोन, रेलवे लाइन और यहां तक की टेलीग्राम से पहले का दौर था। यह पोनी एक्सप्रेस (घोड़ों पर बैठे सवार) संदेशों व सामान लाने-ले जाने का काम करती थी। पोनी एक्सप्रेस केवल 12 दिन में 2000 मील का सफर तय करती थी। यह अमेरिका में गृह युद्ध के दौर में पश्चिमी इलाकों और कोमस्टॉक में चांदी की खानों और कैलिफोर्निया में सोने की खानों तक संपर्क का जरिया थी।
सर्दियों में उसे दो दिन ज्यादा यानी 14 दिन लगा करते थे। लेकिन यह एक्सप्रेस केवल 19 महीने अप्रैल 1860 से नवंबर 1861 तक ही चालू रही। अक्टूबर 1861 आते-आते टेलीग्राफ की अंतरमहाद्वीपीय लाइनें बिछ चुकी थीं और संदेशों का आदान-प्रदान मिनटों में होने लगा था। लिहाजा उस साल नवंबर में पोनी एक्सप्रेस को खत्म कर दिया गया। लेकिन तब से वह अमेरिकी लोककथाओं का हिस्सा बन गई। उस समय के बने कई स्टेशन आज भी हैं और अमेरिकी विरासत का हिस्सा हैं। लोग आज भी महत्वपूर्ण संदेश लेकर वीरान इलाके में अकेले केवल अपने घोड़े या एक पिस्तौल के साथ एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक फर्राटा लगाने वालों की कहानियां यहां सुनाते हैं।
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