Thursday, May 16
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काम व सैर-सपाटा साथ-साथ यानी मध्य प्रदेश में वर्केशन

घूमने की चाहत हो लेकिन दिमाग पर काम का बोझ, तो भला क्या किया जाए। इसी में बीच का रास्ता निकालने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन लेकर आया है ‘वर्केशन’ की अवधारणा यानी ‘वर्क के साथ वेकेशन’ या काम के साथ-साथ छुट्टियां और घूमना-फिरना। इसमें आपको मिलेगा आपके रुकने की जगह पर दफ्तर का सा ढांचा, जिसमें आप तसल्ली से अपना काम कर सकेंगे और साथ में आपके पास होगा ढेर सारा समय जिसमें आप आसपास घूम सकेंगे, लोगों से मिल-जुल सकेंगे, प्रकृति का आनंद ले सकेंगे और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में नई ऊर्जा फूंक सकेंगे। यानी ‘वर्क फ्रॉम होम’ वालों के लिए अब ‘वर्क फ्रॉम वेकेशन’ की सुहूलियत है।

कोविड 19 महामारी के खतरे से बचने के लिए भारत समेत दुनिया भर की कंपनियॉ अपने कर्मचारियों की सेहत को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) के मौके दे रही है, लोगों को अक्सर घर से काम करने की बात रोमांचक लगती है पर इसकी अपनी चुनौतियां हैं। प्रोफेशनल काम व जिंदगी के बीच का संतुलन वह नाजुक धार है जिस पर आपको हमेशा चलते रहना होता है ताकि कॅरियर और निजी जिंदगी में तालमेल भी रहे और एक निश्चित दूरी भी। लेकिन आज के दौर में यह लगातार मुश्किल होता जा रहा है- ईमेल व मैसेज चौबीसों घंटे आते रहते हैं। ऐसे में आप छुट्टी पर निकल जाएं तो भी कुछ न कुछ काम तो साथ लगा ही रह जाता है। अब यह तो बहुत मुश्किल है कि आप बाहर जाएं तो फोन बंद कर दें या मैसेज-मेल बिलकुल न देखें। ऐसे में क्यों न ऐसा कुछ किया जाए जिसमें काम व छुट्टी दोनों साथ-साथ चलते रहें।

यही वर्केशन की अवधारणा है। इसमें काम व छुट्टी के बीच दीवार बनाने के बजाय उनके बीच पुल बनाने की कोशिश होती है। यह डिजिटल यायावरी भी नहीं है जिसमें आप निरंतर सारा काम घूमते हुए ही करते हैं और जहां घूमना ही आपका काम है। वर्केशन आपको और आपके काम को रोजमर्रा के माहौल से दूर ले जाते हैं और आपको सिर्फ या तो घूमना होता है या काम करना होता है। रोजमर्रा की जिंदगी के बाकी तनाव साथ में नहीं होते।

प्रकृति के बीच बैठकर काम का अपना आनंद है। यह तनाव से तो दूर करता ही है, इसे आपमें रचनात्मकता और काम की उत्पादकता बढ़ाने वाला भी माना जाता है। मध्‍य प्रदेश पर्यटन की इस नई अवधरणा के कारण अब लोगों को यह मौका मिलेगा कि वे अपने घर या दफ्तर से नहीं बल्कि मध्‍य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्‍थलों में उपलब्‍ध सर्वसुविधा युक्‍त होटल / रिज़ॉर्ट से काम करते हुए वहॉ की प्राकृतिक सुंदरता तथा पर्यटन गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। आप अपनी पसंद की जगह चुन सकते हैं और वहां जब काम न हो तो आसपास की खूबसूरती को निहार सकते हैं, नेचर वॉक, बर्ड वाचिंग व ट्रेकिंग आदि गतिविधियों के लिए जा सकते हैं। इस तरह के माहौल को टीम-भवना विकसित करने के लिए भी हमेशा बेहतर माना गया है।

‘अतुलनीय भारत के दिल’ यानी मध्य प्रदेश ने इस अवधारणा के तहत वर्केशन के लिए व्हाइट टाइगर फ़ॉरेस्ट लॉज, (बांधवगढ़), किपलिंग कोर्ट (पेंच नेशनल पार्क), बाइसन रिट्रीट, सतना नेशनल पार्क, चंपक बंगलॉ (पचमढ़ी), सैलानी द्वीप रिसॉर्ट (ओंकारेश्वर) को तैयार किया है। मध्‍य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में स्थित ये सभी होटल/रिसॉर्ट्स कुदरती नजारों से घिरे हुए भी हैं और साथ ही हाई-स्पीड इंटरनेट, पावर बैकअप, चिकित्सा व फर्स्ट-ऐड की जरूरतों, ताजे व सेहतमंद खाने, रूम सर्विस आदि की सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस है। साथ ही इन सभी होटल/रिसॉर्ट्स में मौजूदा माहौल को देखते हुए स्वच्छता, सफाई व सुरक्षा के सभी आवश्यक दिशानिर्देशों, मानदंडों और विशिष्ट प्रोटोकॉल का पालन प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

कई महीनों के लॉकडाउन के बाद जब मध्य प्रदेश ने अपनी सीमाएं सैलानियों के लिए फिर से खोली हैं तब से वह देशी पर्यटकों को लुभाने के लिए नए-नए अभियान छेड़ रही है। कुछ समय पहले उसने ‘इंतज़ार ख़त्म हुआ’ नाम से भी एक अभियान छेड़ा था। यह उसी कड़ी में दूसरी कोशिश है।

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