यह बड़ा अजीब दौर है। जब कोरोना वायरस जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था तो हम घरों में दुबके बैठे थे और जब वायरस खुलकर अपना खेल खेल रहा है तो हम ‘आ बैल मुझे मार’ के अंदाज में सबकुछ खोल दे रहे हैं। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा सिवाय इसके कि वायरस से दो-दो हाथ करते हुए ही आगे बढ़ा जाए। एक नया वायरस कई नई-नई चीजें हमें दिखा रहा है। कोविड-19 की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों में ट्रैवल व टूरिज्म का उद्योग सबसे प्रमुख रहा है। उड्डयन क्षेत्र भी उसी का एक हिस्सा है। हालांकि एक के बाद एक देश और इलाके अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहे हैं, लेकिन थोड़ी एहतियात फिर भी सब बरत रहे हैं। बुखार में ऊपर-नीचे होते तापमान की ही तरह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आस-पड़ोस में जैसे ही कम-ज्यादा होती है, रियायत व पाबंदियां उसी तरह घटती-बढ़ती रहती हैं। खास तौर प...
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दुनिया की 25 शीर्ष एयरलाइंस को एक सर्वे जून 2020 में किया गया जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि वे कोविड-19 महामारी के दौर में यात्रियों का विश्वास जीतने के लिए क्या कदम उठा रही हैं। इस सर्वे से निकलकर आया कि ये 10 रणनीतियां हैं जो मुख्य रूप से ये एयरलाइंस काम में ले रही हैं- स्प्रे व वाइप डिसइंफेक्टिंगः एयरलाइंस के यात्री केबिनों को अपने वादे के अनुरूप बार-बार साफ करके बिलकुल चमकता दिखाना चाहिए। हर एयरलाइंस बताती है कि वह कैसे हर उड़ान से पहले अपने केबिन साफ करती है, वह नजर आना चाहिए।इलेक्ट्रॉस्टेटिक एंटीवायरल स्प्रेः अमेरिकी एयरलाइंस इस तरीके का इस्तेमाल ज्यादा करती हैं, जिसमें जब डिसइंफेक्टेंट छिड़का जाता है तो उसमा थोड़ा पॉजिटिव इलेक्ट्रिकल चार्ज होता है। इससे छोटे कण केबिन की सतह से जाकर चिपक जाते हैं जिनमें स्वाभाविक रूप से न्यूट्रल या नेगेटिव चार्ज होता है। यह ओवरहेड बिन, सी...
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