घुमक्कड़ी की दुनिया में 13वीं-14वीं सदी के मोरक्को के शिक्षाविद व यायावर इब्ने बतूता के नाम से कई कहावतें प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक है कि “Traveling leaves you speechless, then turns you into a storyteller, ” यानी घुमक्कड़ी, पहले तो आपको स्तब्ध कर देती है और फिर आपको एक कहानीकार में तब्दील कर देती है। मायने यह कि घूमते-घूमते आप प्रकृति से इतने मोहित हो जाते हैं कि आप निरंतर उस अनुभव को दूसरों से साझा करने को उत्सुक रहते हैं, यह अनुभव आपको ऊर्जा व शब्द, दोनों देता है। इंदौर में पेशे से न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर अजय सोडानी की किताब ‘दर्रा-दर्रा हिमालय’ इसी स्टोरीटेलिंग का अच्छा नमूना है। डॉक्टरी के व्यस्त पेशे से घूमने के लिए समय निकाल पाने वाली बात दरअसल अब हैरान नहीं करती क्योंकि पिछले दो दशकों में ऐसे कई डॉक्टरों के बारे में लिख-पढ़ चुका हूं जिन्हें घूमना हद से ज्यादा पसंद है और वे...
Read MoreTag: पुस्तक समीक्षा
‘हमसफर एवरेस्ट’ एक ऐसी किताब है, जिसे घुमक्कड़ी और ट्रैकिंग के हर शौकीन को पढ़ना चाहिए। यह हमें घुमक्कड़ी और ट्रैकिंग की नई राह दिखाती है। इस किताब को लिखा है नीरज मुसाफिर ने। नीरज पेशे से इंजीनियर हैं और दिल्ली मेट्रो में कार्यरत हैं, लेकिन उनकी पहचान एक जीवट ट्रैकर और घुमक्कड़ की है। वह जहां-जहां गए, वहां की यादें, अनुभव और वृत्तांत को अपने ब्लॉग पर लिख मारा। और, इस तरह से वह लेखन की दुनिया में आ गए। फिर शुरू हुआ पुस्तक लेखन का काम। ‘सुनो लद्दाख’ और ‘पैडल-पैडल’ के बाद ‘हमसफर एवरेस्ट’ उनकी तीसरी किताब है। ‘हमसफर एवरेस्ट’ एक रोचक किताब है, जिसमें नीरज अपनी पत्नी के साथ माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की यात्रा के वृत्तांत को बताते हुए पाठकों को भी आभासी तरीके से अपने साथ-साथ बेस कैम्प ले जाते हैं। यह आभासी यात्रा पाठकों को यथार्थ ...
Read More
You must be logged in to post a comment.