लक्षद्वीप भारत की उन जगहों में से हैं जहां आम सैलानी बहुत कम जाते हैं, लेकिन यहां की खूबसूरती अद्भुत है और कई मायनों में तो भारत के कई लोकप्रिय सैलानी स्थलों से भी कहीं ज्यादा शाम को केरल में कोच्चि (एर्णाकुलम) से रवाना हुआ जहाज अगले दिन सुबह मिनीकॉय की जेटी पर पहुंचने वाला है। सुबह के साढ़े 4-5 बजे होंगे। डेक पर कुछ ही लोग हैं। तभी अरब सागर में दूर से कुछ टिमटिमाता हुआ दिखता है, और फिर वह रोशनी की एक लकीर बन जाती है। आकाश में लालिमा फैलती है। हल्के उजियारे में वह लकीर एक द्वीप में तब्दील होती जाती है और फिर सामने होता है लक्षद्वीप समूह का एक सुंदर द्वीप मिनिकॉय। गुड मॉर्निंग मिनीकॉय! समुद्र में सूरज डूबे या वहां से उगे, उसकी खूबसूरती का जवाब नहीं होता। फोटोः राजु कुमार/आवारा मुसाफिर जहाज पर गहमागहमी बढ़ जाती है। कुछ लोग डेक पर आते हैं। इधर-उधर दौड़-दौड़ कर समुद्र में उगते सूर...
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