भूटान के बॉर्डर के नजदीक का आखिरी रेलवे स्टेशन हासिमारा। यहां से लोकल टैक्सी के सहारे पश्चिम बंगाल के जयगांव। भूटान के बॉर्डर पर भारत का आखिरी शहर। फिर जयगांव से टहलते हुए एक दीवार पार करते ही भूटान के फुंटशोलिंग शहर में। यानी ड्रैगन के देश में। कितना आसान और कितना सहज। भारतीय पर्यटकों के लिए देश के किसी हिस्से की सैर की तरह विदेश का पर्यटन। जयगांव और फुंटशोलिंग के बीच कोई फासला नहीं है। है तो बस बीच की एक दीवार, जो भारत और भूटान की सीमा रेखा है। एक गेट के सहारे इस पार से उस पार और उस पार से इस पार करते हुए यहां दो देशों की संस्कृतियों के बीच का जीवन दिखता है। इन दोनों शहरों के बीच दिन में बिना किसी परमिट के आना-जाना किया जा सकता है। लेकिन जब यहां से सड़क के रास्ते भूटान की यात्रा पर निकलने की बारी आती है, तो फुंटशोलिंग से ही परमिट बनवाना पड़ता है। भूटान की राजधानी थिम्फू भूटान की य...
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Winter may not may best months to venture high into the Himalayas, but for the energetic leisure seeker and adventurer keen to take up a rare wilderness experience, the awe-inspiring views of snow covered mountains laced in thick white dress make it hard to resist. Trekking in India, during winters, especially in the high peaks of Himalayas, is a totally different experience in itself. But then, only snow is not the option. For all those who want to take a break from snow, there are plenty of trekking opportunities in the peninsular India as well. Few of them might come as surprise for you. Have a look at 10 of the most beautiful trekking opportunities for the winter in India… Chadar trek, Ladakh This is a trek, every adventure lover just dream of. Carrying the legends, history,...
Read MoreThe World Travel & Tourism Council (WTTC) has unveiled the latest set of measures designed to rebuild global consumer confidence, reduce risk and encourage the return of Safe Travels. The latest protocols for the global Travel & Tourism sector focus on measures to ensure the reopening of adventure tourism, which should see an increase in popularity as travellers seek more unique experiences post COVID-19. WTTC, which represents the global Travel & Tourism private sector, held detailed discussions with key stakeholders and organisations to ensure maximum buy-in, alignment and practical implementation. The measures help to set clear expectations of what travellers can experience in the ‘new normal’ which offer safe environments as travel restrictions are eased. Trekking...
Read MoreWith enhanced health and safety measures, guests can safely roam the park's expansive grounds, enjoy amazing animal exhibits and presentations, and savour a limited-time food and beverage experience with all new BBQ and beer-infused menus throughout the park, paired with San Diego's best craft brews. SeaWorld San Diego has announced the launch of a NEW park experience – Zoo Days: Bayside BBQ & Brews. This limited capacity, ticketed and reservation required experience will provide guests with the opportunity to not only delight their taste buds with an exciting variety of refreshing craft brews and mouth-watering BBQ, but also explore 40 acres of the park's expansive property to enjoy outdoor animal exhibits and fan-favourite marine life animal presentations with physical distancing...
Read Moreउत्तराखंड में चारधाम यात्रा के साथ-साथ अब फूलों की घाटी भी राज्य के बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए खोल दी गई है। यानी अब आप इस अनूठी जगह का आनंद ले सकते हैं। इसका यही सबसे उपयुक्त समय है। बस आपको पहले से तय कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना होगा जिसमें उत्तराखंड में प्रवेश करने से ठीक पहले के 72 घंटों के भीतर कराए गए कोविड-19 के आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट सबसे अहम है। तब तक हम आपको दिखला रहे हैं इस कुदरती करिश्मे की झलक। पुष्पावती नदी के दोनों तरफ फैली है फूलों की घाटी भारत में यूं तो कई प्राकृतिक घाटियां हैं जहां कुदरती तौर पर फूल खिलते हैं, और यह भी पूरे यकीन के साथ कहा जा सकता है कि मध्य व दक्षिण-मध्य भारत के पठार वाले इलाकों से लेकर सुदूर उत्तर-पूर्व में निचले हिमालय के पहाड़ों तक इन तमाम घाटियों की खूबसूरती एक से बढ़कर एक है। इनमें से कई तो ऐसी भी हैं जो भले ही स...
Read Moreअब कोविड-19 के दौर में हिमाचल के दुर्गम इलाकों में पहुंचना तो कठिन ही लग रहा है। वैसे स्पीति घाटी में जाने का समय अक्टूबर के महीने तक रहता है। क्या पता तब तक हाल सुधर जाए! इसीलिए हम आपको बता रहे है इस खूबसूरत झील के बारे में। यहां पहुंच कर हर किसी के मुंह से अनायास ही निकल जाता है कि जमीन पर यदि जन्नत है तो बस चंद्रताल में ही है। समुद्रतल से 14500 फीट की उंचाई पर हिमाचल प्रदेश के कबाइली क्षेत्र स्पीति में रेतीले, नंगे और सूखे पहाड़ों के बीच मीलों दायरे में फैली एक झील चंद्रताल जो अपने निर्मल शांत जल के लिए जानी जाती है, जिसमें नजर आता है आसमां और जमीन का अक्स, जो किसी को भी रोमांचित किए बिना नहीं रहता। मेरा यहां पर चौथी बार जाना हुआ तो न केवल सफर बल्कि यहां की आवोहवा का भी काफी नजारा बदला सा लगा। इस बार स्पीति में 80 फीसदी बारिश कम हुई है ऐसे में पूरे क्षेत्र से हरियाली गायब है, ठहर...
Read Moreशहर की भीड़ भाड़ की जिंदगी से जब कभी मन ऊब जाए तो कुछ दिन पहाड़ों के साथ बिताने चाहिए। इससे मन तरोताजा हो जाता है और अपने निजी जिंदगी के काम में दोगुनी ताकत का एहसास होता है। इस बार तो वैसे भी कोरोना महामारी के कारण हम चार महीने घरों में कैद हो गए थे। उसके बाद उत्तराखंड उन कुछ राज्यों में से है जो सैलानियों को आने की इजाजत दे रहा है। तो क्यों न मौके का फायदा उठाया जाए। लिहाजा इस बार हम गंगोत्री और इसके आसपास की सैर को चल रहे हैं। गंगोत्री मंदिर धार्मिक महत्व के लिहाज से गंगोत्री उत्तराखंड के चार धामों में से एक महत्वपूर्ण धाम है। गंगोत्री समुद्र तल से 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बताया जाता है कि 18वीं शताब्दी के प्रारंभिक सालों में एक गोरखा कमांडर द्वारा गंगोत्री मंदिर का निर्माण किया गया था। यह मंदिर 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंगा नदी के मंदिर के लिए गंगोत्री...
Read MoreMalavath Poorna is the youngest female in the world to reach the summit- Mt. Everest, a dream for all adventure seekers around the world. At 6.30 in the morning of 25th May 2014, she unfurled the Indian tricolour at the highest point on this planet. She was just 13 years and 11 months at that time. Born of a very poor family of agricultural labourers, Poorna is also the youngest Indian to reach the summit. In fact she was just one month older then the youngest person ever to climb the Mount Everest successfully, who was a US boy. A ninth standard student at Andhra Pradesh Social Welfare Educational Institutions Society's school, Poorna struggled against all odds to be on top. Hailing from a background, where none of her villager folk have ever seen snow in their lives, Poorna achieved the...
Read Moreयह यकीनन भारत के और शायद दुनिया के भी सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन सबसे खूबसूरत रास्तों में से एक है। हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला से स्पीति घाटी में काजा तक का रास्ता चरम रोमांच का है। हालांकि यह मनाली से लेह यानी लाहौल घाटी के रास्ते से अलग है। यह दीगर बात है कि आम तौर पर रोमांच-प्रेमी इन दोनों रास्तों को एक ही सांस में याद करते हैं। आइए जरा इस रास्ते की दस सबसे खास बातों पर नजर डालें, जिनका आनंद लेना आप इस रास्ते पर जाते हुए भूल नहीं पाएंगे- काह जिग्स काजा के रास्ते में शिमला से लगभग 290 किलोमीटर दूर यह खाब व काह गांवों के बीच पहाड़ चढ़ती सड़क का नाम है। सर्पाकार तरीके से चढ़ती इस सड़क में कुल सात पट्टियां हैं। लोग कहते हैं इसे देखकर ही इसपर यकीन किया जा सकता है। स्पीति नदी के किनारे-किनारे एक बेहद संकरी घाटी में पहाड़ में कटी सड़क से घुसने के बाद सड़क अचानक ऊपर चढऩे लगती है। यह...
Read Moreनिचले हिमालय की तलहटी में बीड़ गांव हिमाचल प्रदेश की जोगिंदर नगर घाटी के पश्चिम में स्थित है। इसे आम तौर पर भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहा जाता है। लेकिन इसके अलावा बीड़ इको टूरिज्म, आध्यात्मिक अध्ययन और ध्यान आदि गतिविधियों का भी केंद्र है। यह इलाका तिब्बती शरणार्थियों का बसेरा रहा है इसलिए बीड़ गांव में और आसपास कई बौद्ध मठ व स्तूप हैं। इसलिए पर्यटन के लिहाज से देखा जाए तो बीड़ का महत्व पैराग्लाइडिंग के अलावा भी बहुत है। लेकिन फिलहाल यहां आने वाले सैलानियों में बहुतायत पैराग्लाइडिंग के शौकीनों की है। कांगड़ा घाटी में उड़ता पैराग्लाइडर बिलिंग दरअसल पैराग्लाइडिंग के लिए टेक-ऑफ साइट है और बीड़ गांव मं लैंडिंग साइट है। दोनों को मिलाकर बीड़-बिलिंग कहा जाता है और वे इसी साझे नाम से ही ज्यादा लोकप्रिय भी हैं। बिलिंग करीब 16 किलोमीटर दूर है बीड़ गांव से, उत्तर की तरफ धौलाधार पर्वत श्रृ...
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