किसी ने खूब कहा है, घूमना पहले आपको अवाक कर देता है और फिर आपको कहानियां कहने के लिए वाचाल बना देता है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कुछ समय पहले मेरा विवाह हुआ और मैंने अपनी जीवन-संगिनी के साथ घूमने जाने की कई सारी योजनाएं बनाईं। शादी से पहले हमने सोचा था कि हम यूरोप जाएंगे। लेकिन फिर कुछ वजहों से हमने यूरोप जाने का इरादा छोड़ दिया। विवेकानंद स्मारक कुछ ऐसा हुआ कि विवाह तक यह तय ही नहीं हो पाया था कि हमें बाद में हनीमून के लिए जाना कहां हैं। फिर विवाह के दो दिन बाद हमने योजना बनाई कि घूमने के लिए दक्षिण भारत निकल पड़ते हैं। हमने बेंगालुरु (बैंगलोर) के लिए टिकट बुक कराए और वहां पहुंच गए। लेकिन तब तक भी हमारे दिमाग में इस बात की कोई योजना नहीं थी कि हमें किन जगहों पर जाना है, कहां ठहरना है, क्या करना है। न तो कोई होटल बुक थे और न यह तय था कि हम ट्रेन से जाएंगे, बस से या कैब से। पहला स...
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केरल अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन वहां कई बीच ऐसे भी हैं जो हालांकि इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं किंतु अपनी सुंदरता में वे किसी से कम नहीं। यहां कम सैलानी जाते हैं इसलिए भीड़भाड़ कम है। 1. किले के नीचे बेकल बीच केरल के सबसे उत्तर के जिले कासरगोड़ में बेकल किला है जो केरल के सबसे बड़े और संरक्षित किलों में से एक माना जाता है। यह किला समुद्र के किनारे है। किले की दीवार के नीचे पसरा है बेकल का समुद्र तट। एक तरफ विशाल किला और दूसरी तरफ अरब सागर और बीच में सफेद मखमली रेत का बेकल तट बेहद सुकून देने वाला है। केरल जाने वाले आम सैलानियों की भीड़भाड़ से दूर बेकल मालाबार इलाके के कई टूरिस्ट सर्किट का गढ़ है। पहुंच में भी आसान कासरगोड़ मैंगलोर हवाईअड्डे से महज पचास किलोमीटर दूर है। कासरगोड़ का रेलवे स्टेशन मुंबई-मैंगलोर-कोषीकोड मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। 2. मुष...
Read Moreकेन फॉलेट के उपन्यास ‘आई ऑफ द नीडल’ को पढ़े मुझे ज्यादा वक्त नहीं बीता था। यह उपन्यास एक नाजी जासूस की गतिविधियों पर आधारित है जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन में रहकर जासूसी करता है। इसके कथानक का बड़ा हिस्सा एक चट्टानी द्वीप पर घटता है- समंदर के सीने पर मुस्तैद खड़ी एक चट्टान, जिसकी तलहटी में लहरें ठांठें मार रही हैं। उपन्यास को पढ़ते-पढ़ते मेरे मन में इस नजारे की छवि कहीं गहरे अंकित हो गई। लेकिन मुझे अंदाजा नहीं था कि यह छवि जल्दी ही साकार होने वाली थी। वर्कला... केरल के दक्षिणी छोर पर एक छोटा-सा शहर। पहली नजर में यह हल्की-फुल्की रफ्तार से चल रही एक उनींदी-सी जगह लगेगी। चारों तरफ हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ शांत रेलवे स्टेशन जहां ज्यादा चहलकदमी नहीं; स्टेशन के बाहर टैक्सी और ऑटो वालों की भीड़; सड़क पर से ही सवारियां लेती बसें; खाने-पीने की साधारण दुकानें। रेलगाड़ी से उतरने क...
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