Mountain destinations are a favourite destination during summers. Welcoming guests in its pristine glory this season is “Welcomhotel by ITC Hotels, Hamsa, Manali”. With 46 well-appointed rooms and suites including 7 expansive all-weather villas, Welcomhotel Manali brings cheer to travellers wanting to experience the mountain charm. The Welcomhotel brand continues with its impressive growth trajectory with the addition of this premier mountain resort making it a total of three Welcomhotel properties in Himachal Pradesh. The asset right strategy has been a catalyst for ITC’s Hotel Group. The Welcomhotel brand has seen impressive expansion in hill destinations. Located in the north of Manali town at a well-planned about four-acre apple orchard, Welcomhotel Manali offers an enrichin...
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The 210-km Manali-Sarchu road was re-opened by the Border Roads Organisation (BRO) on Saturday, the defence ministry said. It said the opening of the road will provide connectivity to Lahaul district in Himachal Pradesh and it further leads to Leh in Ladakh. Sarchu is of great importance mainly due to its location on the Leh-Manali highway. The road remains closed for over 160-180 days in a year during the winters. Sarchu is located on the boundary between Himachal Pradesh and Ladakh. It is situated between Baralacha La to the south and Lachulung La to the north, at an altitude of 4,290 m (14,070 ft). Sarchu is also the starting point for treks in Zanskar range of Ladakh. Since, Manali to Leh road trip is generally covered in minimum of two days, hence Sarchu is preferred des...
Read Moreदेश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र ही कुल्लू घाटी में पसरी बर्फ। इसलिए मनाली से रोहतांग तक पर्यटकों की आमद यहां लाखों लोगों के रोजगार का जरिया बन जाती है। बर्फ मानो चांदी की बरसात लेकर आती है। बसंत के बाद मैदानों की तपिश जैसे-जैसे बढ़ने लगती है, देश भर का पर्यटक इससे कुछ निजात पाने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करने लगता है। ज्यों ज्यों मैदान ज्यादा गर्म होने लगते हैं त्यों त्यों पर्यटकों का यह रेला बढ़ता जाता है, मगर फिर जैसे ही मानसून दस्तक दे देता है तो यह सिलसिला एकदम से रुक जाता है, पूरी घाटी सूनी हो जाती है। यहां की खूबसूरती मन मोहने वाली है लेकिन बदलते हालात में अब पर्यटकों की पसंद भी बदलने लगी है और वह जहां गर्मी से निजात पाने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करते हैं, वहीं उनकी पसंद बर्फ पर कूदना, भागना, गिरना, पड़ना, फिसलना, उड़ना और अठखेलियां करना भी हो गया है। बर्फ के फाह...
Read Moreइस ऐतिहासिक कस्बे को देखे बिना कुल्लू-मनाली की यात्रा अधूरी समझी जाती है। दरअसल कई मायनों में इसकी अहमियत आसपास की बाकी प्रमुख जगहों के बराबर ही है कुल्लू-मनाली को दुनिया भर में अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। हर पर्यटक अपने जीवन में इन जगहों को एक बार तो जरूर निहारने की इच्छा रखता है। यही कारण है कि अमूमन पूरे साल भर यहां सैलानियों का तांता लगा रहता है। कुल्लू से मनाली की ओर थोड़ा सा आगे ही राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 21 पर पतली कुल्ह से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर व्यास नदी को पार करके हम एक ऐतिहासिक स्थान ‘नग्गर’ पहुंचते हैं। यह वह जगह है जिसे देखे बिना आपकी कुल्लू-मनाली की यात्रा अधूरी ही मानी जाएगी। दरअसल माना जाता है कि कुल्लू के इतिहास और सांस्कृतिक पहलुओं की जड़ें इसी जगह पर विद्यमान हैं। तो आइए, फिर देर किस बात की...
Read Moreकुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति घाटियों के लिए सबसे निकट के हवाई अड्डे भुंतर के लिए 16 जुलाई से विमान सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। एयर इंडिया की एलायंस एयर का विमान बृहस्पतिवार से सप्ताह में तीन दिन दिल्ली से भुंतर और फिर वापसी की उड़ान भरेगा। कोविड-19 महामारी के कारण देश में विमान सेवाएं भी स्थगित कर दी गई थीं। बाकी कई शहरों के बीच तो उड़ानें मई के अंत में शुरू हो गई थीं। भुंतर के लिए अब सेवाएं शुरू की जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस महीने के शुरू में राज्य में देश के बाकी हिस्सों से सैलानियों के आने की इजाजत दे दी थी। राज्य के दूसरे हवाई अड्डे, कांगड़ा घाटी में धर्मशाला के निकट गग्गल के लिए उड़ानें मई के आखिरी सप्ताह में शुरू हो गई थीं लेकिन तब केवल हिमाचल निवासियों को ही हवाई सेवा के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी। अब भुंतर में हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों के लिए भी उसी स्वास्थ्य प्रोटो...
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