दुनिया में कई नए-पुराने पुल अपने वास्तुशिल्प और इंजीनियरिंग कौशल के लिए मशहूर हैं। लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के जीवित पुलों को देख कर आप दांतो तले उंगलियां दबाए बगैर नहीं रह पाएंगे। मनोरम प्राकृतिक छटा बिखरने वाले ये अनोखे पुल स्थानीय मूल निवासियों के उत्कृष्ट तकनीकी कौशल के जीते-जागते उदाहरण हैं। मेघालय में घने जंगल, दुर्गम घाटियां व बीहड़ जंगल हैं। यहां छोटी-छोटी पहाड़ी नदियां हैं जो मानसून के दौरान उफनती रहती हैं। यहां लकड़ी के पुल बहुत जल्द गलने लगेंगे या बह जाएंगे। स्टील और कंक्रीट से बने पुलों की भी सीमाएं हैं। लेकिन आपको यह जानकर अचरज होगा कि जिंदा पेड़ों की जड़ों से बनाए गए पुल कई सदियों तक चल सकते हैं। जंगलों में बहने वाली छोटी नदियां मानसून के महीनों में बड़ी नदियों में तब्दील हो जाती हैं। इन उफनती हुई नदियों को पार करने के लिए स्थानीय खासी और जयंतिया आदिवासियों न...
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Meghalaya Chief Minister Conrad K Sangma on Thursday announced reopening of the state's tourism sector from September 1 with relaxations of COVID protocols for travellers. Tourists, who have been fully inoculated, will be allowed to visit Meghalaya, while negative COVID test reports, conducted 72 hours before arrival in the state, will be mandatory for those who received the first dose of vaccines, he said. Krang Suri Waterfall at West Jaintia Hills, Meghalaya. It’s deep blue water is the main attraction for the visitors . The waterfall is around 90 KM towards south from Shillong and 187 KM from Guwahati. Taking to Twitter, the chief minister said, Meghalaya will restart its tourism (sector) from 1st September 2021 with the following protocols: Fully vaccinated tourists will be ...
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