फूलों के रंग पर केवल बसंत का तो अधिकार नहीं। पतझड़ को साहित्यिक विवेचना में भले ही उदास मौसम माना जाता हो लेकिन दुनियाभर में पतझड़ के रंग बेहद खूबसूरत होते हैं, कई जगहों पर तो यह खूबसूरती बसंत से मुकाबला करती प्रतीत होती है। दुनिया में कोविड-19 की उदासी भले ही छाई हो, लेकिन मौसम के रंग तो खिलेंगे ही। बस गर्मियां खत्म हुई और शिशिर ऋतु आई। तो आइए डालें एक नजर दुनिया में पतझड़ या हेमंत ऋतु के 10 सबसे खूबसूरत नजारों पर
मोंटाना का ग्लेशियर पार्क
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अमेरिका के पश्चिमी मोंटाना राज्य में ग्लेशियर नेशनल पार्क में पतझड़ का नजारा दुनिया के सबसे शानदार नजारों में एक माना जाता है। ग्लेशियर कंट्री की घाटियों व चोटियों से हरा रंग विदा लेता है और हेमंत के अलग-अलग रंग बिखरने लगते हैं, ज्यादातर यह पीला व सुनहरा और कहीं-कहीं सुर्ख नजर आता है। मजेदार बात यह है कि इस मौसम में लोगों का घूमना कम होता है इसलिए इन जगहों पर सैलानियों की भीड़ कम होती है, किराये कम होते हैं और हर तरफ शांति छाई होती है। सोचकर हैरानी होती है कि कोई इस समय क्यों न घूमें!
कंचनाबुरी का मनमोहक इरावन
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थाईलैंड में कंचनाबुरी यूं तो वहां के सबसे लोकप्रिय सैलानी स्थलों में से एक है। वह कई बातों के लिए जाना जाता है जिसमें अब बदनाम हो चुका टाइगर टेंपल और क्वाई नदी पर बना पुल शामिल है लेकिन इरावन नेशनल पार्क में सात चरणों वाला यह वाटरफॉल अपनी खूबसूरती में किसी से कम नहीं। खास तौर पर हेमंत ऋतु के समय तो इस झरने के आसपास की रंगत गजब की होती है। खाली इसे निहारने वहां जाया जा सकता है।
पतझड़ में अगावा की ट्रेन से सैर
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उत्तरी अमेरिका की सबसे अनूठी रेल यात्राओं में से इसे एक माना जा सकता है। कनाडा के ओंटारियो में अगावा कैनयन के जंगलों की यह ट्रेन यात्रा पतझड़ के मौसम में और भी रंगीन हो जाती है। इस तस्वीर को देखकर इस इलाके की खूबसूरती का अंदाजा लगाया जा सकता है। कहा जाता है कि उत्तरी अमेरिका में पतझड़ के रंगों का इससे शानदार नजारा और कहीं नहीं मिलेगा। यह ट्रेन खास तौर पर अगावा नदी की घाटी में इस कुदरती नजारे को दिखाने के लिए ही जाती है। सितंबर के आखिरी दो हफ्तों व अक्टूबर के पहले हफ्ते में यह खूबसूरती अपने चरम पर होती है।
डाउरु का नशा
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पुर्तगाल में डाउरु नदी की घाटी को दुनिया के पहले आधिकारिक वाइन क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है। लेकिन जितने यहां के वाइनयार्ड लोकप्रिय हैं, उतनी ही उनकी सुंदरता भी लुभाती है, खास तौर पर पतझड़ के मौसम में। यहां के वाइनयार्ड सीढ़ीदार हैं। इसलिए यहां की खूबसूरती का नजारा भी औरों से अलग है। यह इलाका यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में भा शामिल है। लोग यहां नदी में क्रूज के लिए भी जाते हैं।
दक्षिण कोरिया का बुखानसन
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राजधानी सियोल की उत्तरी परिधि पर स्थित है बुखानसन पर्वत जो अब एक नेशनल पार्क है। पर्वत पर एक छोटा सा किला और आसपास कई मंदिर हैं। पतझड़ के मौसम में इस किले से दिखने वाली कुदरत में बिखरी रंगों की छटा बेहद मनमोहक होती है। एक दुर्लभ नजारा।
क्योटो में कोयो
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पतझड़ की पत्तियों को जापानी में कोयो कहा जाता है। शायद जापान उन गिनी-चुनी जगहों में से है जहां जितने सैलानी बसंत देखने पहुंचते हैं, उतने ही पतझड़ का आनंद लेने के लिए भी आते हैं। यहां के पतझड़ का नजारा भी बसंत के चेरी ब्लॉसम सरीखा ही होता है। रोचक बात यह है कि जापान में पतझड़ के रंगों को देखने जाना वहां की संस्कृति का भी हिस्सा है। यहां यह मौसम सितंबर से शुरू होकर नवंबर तक चलता है। जापानी लोग इस दौरान पीली, लाल व नारंगी रंग की पत्तियों की छटा देखने निकल पड़ते हैं।
सुनहरा सैंट पीटर्सबर्ग
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रूस के सैंट पीटर्सबर्ग में पतझड़ का रंग सुनहरा हो जाता है, जैसा कि आम तौर पर ज्यादा ठंडी जगहों पर नजर आता है। रूसी कवि पुश्किन इस सुनहरे पतझड़ को सबसे बेहतरीन मौसम मानते थे। आम तौर पर अक्टूबर का महीना यहां इस सुनहरे पतझड़ का होता है क्योंकि नवंबर आते-आते बर्फ गिरनी शुरू हो जाती है। लेकिन जानकार लोग कहते हैं कि अगस्त के मध्य से लेकर अक्टूबर तक का समय यहां आने के लिए सबसे शानदार है। शांत, मनोरम व रंगीन।
चीन का हुआंगशान
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यह इलाका अनूठा है। कहा जाता है कि इसी जगह के आधार पर हॉलीवुड की ’अवतार’ फिल्म की कल्पना की गई। यहां के यलो माउंटेन को चीन में पतझड़ की सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। यहां की सुंदरता बिलकुल किसी पारंपरिक चीनी पेंटिंग के माफिक मानी जाती है। चूंकि चीन में पतझड़ का सबसे खूबसूरत नजारा यहां देखने को मिलता है, इसलिए स्थानीय चीनी लोग भी यबां खूब जुटते हैं, खास तौर अक्टूबर में चीन के राष्ट्रीय अवकाश के दिनों में।
क्रोएशिया की प्लिटवाइस लेक
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अब वैसे तो यह वो जगह है जिसकी गिनती दुनिया की उन जगहों में से होती है जो किसी इंसान को जीते-जी बस एक बार जरूर देख लेनी चाहिए। इसकी खूबसूरती इतनी कल्पनातीत है। फिर पतझड़ के मौसम में इसका नजारा कैसा हो जाता होगा! सितंबर में यहां बड़ी संख्या में सैलानी दुनियाभर से आते हैं। नीला पानी और चारों तरफ बहुरंगी पत्तियां, यहां से लौटने का मन नहीं करेगा।
जहां प्रेम हो जाए
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यह उक्रैन की ‘लव टनल’ है। और इसकी छवि दुनिया की सबसे जानी-मानी छवियों में से एक है। इसकी लोकप्रियता हर मौसम में एक सी रहती है, लेकिन साल के बाकी समय हरी-भरी रहने वाली यह पेड़ों की सुरंग पतझड़ के मौसम में अपना रंग बदल लेती है। इस सुरंग से वाकई ट्रेन गुजरती है, लेकिन कालांतर में इसकी लोकप्रियता प्रेमियों के बीच ऐसी हुई कि यह ‘लव टनल’ बन गई।
(सभी फोटोः इंटरनेट से साभार)
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