केरल अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन वहां कई बीच ऐसे भी हैं जो हालांकि इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं किंतु अपनी सुंदरता में वे किसी से कम नहीं। यहां कम सैलानी जाते हैं इसलिए भीड़भाड़ कम है।
1. किले के नीचे बेकल बीच
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केरल के सबसे उत्तर के जिले कासरगोड़ में बेकल किला है जो केरल के सबसे बड़े और संरक्षित किलों में से एक माना जाता है। यह किला समुद्र के किनारे है। किले की दीवार के नीचे पसरा है बेकल का समुद्र तट। एक तरफ विशाल किला और दूसरी तरफ अरब सागर और बीच में सफेद मखमली रेत का बेकल तट बेहद सुकून देने वाला है। केरल जाने वाले आम सैलानियों की भीड़भाड़ से दूर बेकल मालाबार इलाके के कई टूरिस्ट सर्किट का गढ़ है। पहुंच में भी आसान कासरगोड़ मैंगलोर हवाईअड्डे से महज पचास किलोमीटर दूर है। कासरगोड़ का रेलवे स्टेशन मुंबई-मैंगलोर-कोषीकोड मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है।
2. मुषप्पिलंगाड़ का ड्राइव-इन बीच
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यह केरल का इकलौता ड्राइव-इन बीच है, यानी आप समुद्र पर लहरों से अठखेलियां करते बीच पर अपने चौपहिया या दोपहिया से ड्राइविंग कर सकते हैं। कई जानकार इसे भारत का सबसे बड़ा ड्राइव-इन बीच और कई प्रेमी इसे एशिया का सबसे बेहतरीन ड्राइव-इन बीच कहते हैं। कन्नूर जिले में स्थित यह तट कन्नूर से थलेसरी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के एकदम समानांतर चलता है। कन्नूर यहां से महज 17 किलोमीटर दूर है। पांच किलोमीटर लंबा यह तट चौड़ा है और हल्का ठोस भी जिससे इसपर ड्राइविंग आसान हो जाती है। इसकी लगभग चार किलोमीटर लंबाई में ड्राइविंग की जा सकती है। पानी उथला होने के कारण यहां मजे में नहाया जा सकता है। तट से महज सौ मीटर दूर समुद्र में एक द्वीप भी है और पानी भाटे पर हो तो अक्सर उस द्वीप पर पैदल जाया जा सकता है।
3. डॉल्फिन वाला चेरई बीच
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खूबसूरत चेरई बीच कोच्चि में वाइपिन द्वीप पर स्थित है। कोच्चि आने वाले सैलानी केरल की बाकी खूबियों में इतना मशगूल हो जाते हैं कि उनका ध्यान अक्सर इस बीच की ओर नहीं जाता। कम भीड़ भी इस बीच के लिए फायदेमंद है। एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन यहां से महज एक किलोमीटर दूर और कोच्चि का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लगभग बीस किलोमीटर दूर है। नारियल के पेड़ों व धान के खेतों से सजे-धजे इस समुद्र तट एक ओर अरब सागर का तो दूसरी तरफ बैकवाटर्स का मजा लिया जा सकता है। यहां कई बार डॉल्फिन मछलियां भी देखी जा सकती हैं। रिलैक्स करने के लिए बेहद शानदार जगह।
4. कोवलम से लगा चोवड़ा बीच
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राजधानी तिरुवनंतपुरम के आसपास स्थित कई समुद्र तटों में से एक है चोवड़ा। वैसे तो यह कोवलम कस्बे का हिस्सा है लेकिन यह मुख्य कोवलम बीच से अलग है। इसीलिए यह कोवलम के कोलाहल से भी अछूता है। तिरुवनंतपुरम से 20 किलोमीटर दूर स्थित इस बीच का एक हिस्सा मछुआरों के इस्तेमाल में आता है। दूसरा हिस्सा है जो सैलानियों के सुकून के माफिक है। वहां आप आराम से नहा सकते हैं और पसर सकते हैं। लेकिन केवल यही इसकी खासियत नहीं, इसकी खूबसूरती वाकई मन मोहने वाली है। चोवड़ा में ही अषीमलथारा बीच भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह इकलौता बीच है जहां मानसून के दौरान समुद्र ऊपर चढऩे के बजाय पीछे हट जाता है।
5. बैकवाटर्स वाला पडन्ना बीच
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आम तौर पर केरल के बारे में यह धारणा है कि ज्यादातर बैकवाटर्स मध्य व दक्षिण केरल में स्थित हैं। लेकिन इसके विपरीत सबसे उत्तर के कासरगोड़ जिले में ही चेरुवत्तूर का पडन्ना बीच अपनै बैकवाटर्स से एलेप्पी के ज्यादा मशहूर बैकवाटर्स को कड़ी टक्कर देता है। समुद्र के किनारे पर नारियल के पेड़ों की लंबी कतारें हैं और उनके बीच बैकवाटर्स से चैनल की गई नहरों की श्रृंखला है। यहां हर चीज कुदरती है। कनहंगड़ रेलवे स्टेशन यहां से केवल 22 किलोमीटर दूर है और कालिकट का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा 167 किलोमीटर। यहां की सीप (ओइस्टर) फार्मिंग बहुत प्रसिद्ध है।
6. वरकला से घूमते हुए कप्पिल बीच
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वरकला के सात किलोमीटर उत्तर में स्थित है कप्पिल बीच। बीच की तरफ जाने वाली सड़क पर एक तरफ अरब सागर है तो दूसरी तरफ एडवा नारायणा झील। झील पर बना पुल इस इलाके का मनोरम नजारा देता है, खास तौर पर उस जगह का जहां बैकवाटर्स का पानी समुद्र में मिलता है। यह समुद्र तट दरअसल समुद्र, नदी और बैकवाटर्स का अनूठा मेल दिखाता है। सैलानी वरकला बीच से घूमते हुए कप्पिल बीच तक जा सकते हैं। खूबसूरत समुद्र तट सुकून पाने की बढिय़ा जगह है। शांत व मनोरम- करना चाहें तो बहुत कुछ और न करना चाहें तो और भी बढिय़ा। वर्कला रेलवे स्टेशन 7 किलोमीटर दूर है और तिरुवनंतपुरम का हवाई अड्डा 55 किलोमीटर।
7. सुकून भरा किझुन्ना एझारा बीच
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केरल के सबसे एकांत व खामोश समुद्र तटों में से एक। कन्नूर से 12 किलोमीटर दूर किझुन्ना व एझारा के बीच एक ही लंबाई में साथ-साथ हैं। यह जगह कन्नूर से 11 किलोमीटर और कालिकट हवाई अड्डे से 109 किलोमीटर दूर है। नारियल के पेड़ों की कतारों के पीछे रेतीले तट पर आकर टूटती लहरें बेहद शानदार नजारा पेश करती हैं। दक्षिण में मुनम्बम इसका सबसे ऊंचा सिरा है। उसके पास प्राकृतिक रूप से बना एक उथले पानी कुंड नहाने के लिए बहुत बढिय़ा जगह है। मनोरम तट सैलानयिों की भीड़ व कोलाहल से एकदम मुक्त है। अपने प्रियजन के साथ शामत पल बिताने के लिए उपयुक्त जगह।
8. निगाहों से परे वल्लिकुन्नू बीच
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कडलुंडी बर्ड सैंक्चुअरी से बहुत निकट मल्लापुरम का यह समुद्र तट जानकार लोगों की नजर में भारत के सबसे खूबसूरत बीच में से एक है लेकिन अब तक यह लोगों की निगाहों से दूर रहा है और दरअसल इसी के कारण इसकी खूबसूरती बची हुई भी है। नारियल के झुरमुट में स्थित बीच रिजॉर्ट ठहरने के लिए एकदम माफिक है। समुद्र तट के कई खामोश हिस्सों की खूबसूरती आपको मोहित कर देगी। यहां आप बिना किसी की परवाह से पसर सकते हैं, रेत के टीले बना सकते हैं या लहरों से खेल सकते हैं। यह तिरुर रेलवे स्टेशन से 25 किलोमीटर और कालिकट के हवाई अड्डे से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
9. सात पहाड़ियों से घिरा एझिमाला बीच
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अरब सागर का पानी एझिमाला की सात पहाड़ियों के मानो चरण धोता है। समुद्र इन पहाड़ियों को तीन तरफ से घेरे हुए है। इसी वजह से यहां लोग बहुत कम आते हैं। यहां की रेत अलग है और समुद्र का पानी गहरी नीला। समुद्र की तरफ से पहाड़ियों को देखों तो झाड़ियों और बीच-बीच में नारियल के पेड़ों से लदी होने के कारण वे गहरे हरे रंग की नजर आती हैं। पहाड़ की ढलान पर तट से थोड़ी ही दूर पत्थर के स्तंभ खड़े हैं जिनपर अजीबोगरीब आकृतियां बनी हुई हैं। सामने पहाड़ी की चोटी पर एक पुरानी मसजिद है। निकट ही एट्टिकुलम खाड़ी पर अ1सर डॉल्फिन मछली देखने को मिल जाती है। पय्यानूर रेलवे स्टेशन यहां से 8 किलोमीटर दूर है और कोषीकोड का हवाई अड्डा यहां से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
10. खूबसूरत तिरुमुल्लवरम बीच
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कोल्लम से महज 6 किलोमीटर उत्तर में स्थित यह समुद्र तट बेहद शांत व खूबसूरत है। कोल्लम से नजदीक होने के कारण यहां पहुंचना आसान है। तट के किनारे महाविष्णु मंदिर है और समुद्र के भीतर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर न्याराझचा पारा यानी संडे रॉक है जो पानी उतार पर होने के समय में तट से नजर आती है। समुद्र के किनारे ही एक बड़ा सा तालाब है। कुछ लोग कहते हैं कि यह समुद्र का ही विस्तार है लेकिन बीच में एक बड़ी दीवार और जमीन का हिस्सा है। इस तालाब में नहाने वालों की तादाद अक्सर समुद्र में नहाने वालों से ज्यादा नजर आती है। तिरुवनंतपुरम का अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा यहां से 61 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
(All images courtesy Kerala Tourism)
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