गुफाएं हमेशा एक रहस्य का आवरण ओढ़े रहती हैं, लोगों की जिज्ञासा को नई उड़ान देती हैं। गुफाएं पहले भी लोगों को आसरा देती थीं, अब भी दे रही हैं। लेकिन अब उसमें जरूरत नहीं घुमक्कड़ी प्रमुख है हमने पहले तुर्की में कैपाडोकिया की गुफाओं में बने आलीशान होटलों का जिक्र किया था। इस बार हम कैपाडोकिया की गुफाओं से बाहर आकर एक दूसरी गुफा में घुस गए हैं। यह गुफा दक्षिण पश्चिम अमेरिका के न्यू मैक्सिको में फार्मिंगटन के निकट स्थित है। गुफा जमीन की सतह से सत्तर फुट भीतर है लेकिन ला प्लाता नदी से लगभग 280 फुट ऊपर। है न मजेदार बात। दरअसल यह गुफा एक पहाड़ी के भीतर है। लेकिन यहां हम गुफा की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि गुफा में बनाए गए छोटे से होटल की बात कर रहे हैं। इसे कोकोपेल्लीज केव बेड एंड ब्रेकफास्ट कहा जाता है। लेकिन बाकी तमाम गुफाओं की तरह यह गुफा प्राकृतिक नहीं है, बल्कि बनाई गई है। मूल रूप से...
Read MoreCategory: अजब-गज़ब
Unusual places and destinations around the world- natural and man-made!
यूं तो समूचा तुर्की अपने अद्भुत नजारों के लिए देखने लायक है, लेकिन उन नजारों में भी कैपाडोकिया की अपनी अनूठी जगह है। दरअसल केवल तुर्की ही नहीं, पूरी दुनिया में यह नजारा और कहीं देखने को न मिलेगा। इसे प्रकृति की रची गई एक कविता भी कहा जा सकता है। देखने में यहां की धरती ठीक वैसी लगती है जैसे कि चांद की सतह के बारे में हम जानते हैं पहाड़ी टीले, घाटियां, गुफाएं। आकाश से देखेंगे तो लगेगा मानो चांद का कोई टुकड़ा काटकर तुर्की में रख दिया गया हो। अब यह प्रकृति, इतिहास और इंसान की मिली-जुली कलाकृति है। इसीलिए 1986 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत का दर्जा दे दिया था। कैपाडोकिया की गहरी खाइयां और घाटियां प्राकृतिक आश्चर्य तो हैं ही, लगभग दो हजार सालों से लोगों का बसेरा भी बनी हुई हैं। इस अद्भुत इलाके में सन 60 ईस्वी में पहली ईसाई बस्तियां बसी थीं। लिहाजा सदियों पुराने चर्च और उस जमाने की चित...
Read Moreयूं तो हम सैर-सपाटे की अजीबोगरीब जगहों के बारे में आपको बतला ही रहे हैं। आपने भी कई अनूठे ठिकानों के बारे में सुना होगा। लेकिन अगर आपको कोई जमीन से पचास फुट ऊपर एक क्रेन में रात गुजारने की बात कहे तो शायद आप यही सोचेंगे कि मजाक हो रहा है। लेकिन हम कह रहे हैं कि न केवल यह हकीकत है बल्कि एक रूमानी कल्पना भी। हम यहां बात कर रहे हैं नीदरलैंड्स के हारलिंगन में हार्बर क्रेन की। हार्बर क्रेन 1967 की बनी हई है और 1996 तक इसका इस्तेमाल बंदरगाह पर रूस व स्कैंडिनेवियाई देशों से आने वाले लकड़ी के लट्ठों को उतारने के लिए किया जाता था। चार-पांच सालों तक बेकार पड़े रहने के बाद 2001 में इसे इसके मौजूदा मालिक ने खरीद लिया। दो साल तक इस क्रेन को नया रंग-रूप देने का काम खास देखरेख में चला। सितंबर 2003 से यह क्रेन रंग-रूप में तो क्रेन ही रही लेकिन इसका इस्तेमाल सामान ढोने की जगह रोमांचप्रेमियों को रैनबसेर...
Read Moreपेड़ों पर आशियाने की कल्पना कभी बीहड़ लगती है तो कभी बड़ी रोमांटिक। लेकिन पेड़ों पर आशियाना तमाम सहूलियतों वाला हो तो वहां टिकने का मन किसका न करेगा। अमेरिका के ओरेगोन में खूबसूरत दक्षिणी इलाके में ऐसा ही एक ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। आउट एन अबाउट अब दुनियाभर में लोकप्रिय है, न केवल एक रिसॉर्ट के रूप में बल्कि दुनियाभर में पेड़ों पर आशियाना बनाने के शौकीन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में। सिसकियू पहाडिय़ों के बीच ताकिलमा की खूबसूरत घाटी में ईस्ट फोर्क इलियोनिस नदी के उद्गमस्थल के ठीक नीचे यह ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। बलूत (ओक) के पेड़ों की डालों पर बने हैं अलग-अलग तरह के ट्रीहाउस। सब कुछ पेड़ों पर। यह एक अलग ही दुनिया नजर आती है। लेकिन इस रिसॉर्ट को खड़ा करने के लिए केवल कल्पना ही नहीं बल्कि लंबी कानूनी लड़ाई की भी जरूरत पड़ी। स्थानीय प्रशासन ने टिकने वालों की सुरक्षा का हवाला देते हुए इ...
Read Moreइस नदी को देखकर एक गीत बरबस याद आ जाता है- ‘ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार।’ कुछ लोग कहते हैं कि यह नदी सीधे स्वर्ग से जमीन पर उतरी है तो कुछ लोग इस रंगों का विस्फोट बताते हैं। कुछ लोगों के लिए यह पानी में फैला इंद्रधनुष है। लेकिन इस बात में कई दोराय नहीं कि यह दुनिया की सबसे खूबसूरत नदी है। इसलिए भी, क्योंकि इस नदी की दुनिया में कोई और मिसाल नहीं है। इस नदी में जो चमत्कार छिपा है, वह दुनिया में और कहीं भी पानी में नजर नहीं आएगा। दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के कोलंबिया में स्थित इस नदी कान्यो क्रिस्तालेस को पांच रंगों वाली नदी भी कहा जाता है। यह स्पेनिश भाषा का नाम है। अंग्रेजी में इसके नाम का आशय है क्रिस्टल चैनल। साल के ज्यादातर समय आप इस नदी को देश-दुनिया की बाकी नदियों से अलहदा महसूस नहीं कर पाएंगे। वैसे ही चट्टानी तलहटी, हरी काई और शांत-साफ पानी। लेकिन फिर अचानक साल में कुछ स...
Read Moreइसे अक्सर दुनिया की उन जगहों में से एक माना जाता है जिन्हें आपको जीते-जी एक बार देख लेना चाहिए। एक छोटी सी जगह और इतनी बड़ी ख्याति। लेकिन आप अगर यहां जाएंगे तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बर्गेसथास एशर-वाइल्डकिर्शली आल्प्स पर्वतों की गोद में है। अब यह महज एक रेस्तरां है। कुछ साल पहले तक यहां सैलानियों के रात में भी रुकने की गुंजाइश थी। लेकिन अब दो साल से यहां रात में रुकने की बुकिंग नहीं हो रही। रेस्तरां बदस्तूर चालू है। वैसे भी इसका मजा दिन की रोशनी में है, जब चारों ओर का नजारा मिलता रहे और आप इसकी हैरतअंगेज लोकेशन को निहार सकें। चट्टानों की गोद में एशर होटल यह जगह एपेंजेल आल्प्स में है जो दरअसल स्विट्जरलैंड में आल्प्स पर्वत श्रृंखला का उत्तरी सिरा है। इस रेस्तरां की खास बात है, वो जगह जहां पर यह स्थित है। इसके ठीक पीछे सीधी खड़ी ऊंची पहाड़ी है। यह इमारत मानो ...
Read Moreलोग कहते हैं कि धरती पर जन्नत सरीखी यह जगह उस इंसान ने खोज निकाली जो एक तरह से नर्क की यातना से गुजर रहा था। प्रचलित कहानियों के अनुसार इटनी में मिलान का रहने वाला एक संपन्न व्यापारी अल्बर्टो बेसोजी 12वीं सदी में किसी व्यापारिक काम के सिलसिले में जब मैजियारे झील में अपनी नाव पर था तो एक भयंकर तूफान में फंस गया। उस भयंकर मुसीबत के समय में उसने एलेक्जेंड्रिया की संत कैथरीन से मदद की गुहार लगाई जिनकी वह आराधना करता था। उस समय उसे झील के किनारे चट्टानों के भीतर एक गुफा में शरण मिल गई। उसने बदले में अपना जीवन उसी गुफा में आराधना करते हुए बिताने का फैसला किया। उसने 1195 में वहां एक छोटी सी चर्च का निर्माण किया। वहीं चैपल में उसे बाद में दफनाया भी गया। अब यह चैपल वहां 13वीं से 17वीं सदी के बीच स्थानीय लोगों और विभिन्न धार्मिक समुदायों द्वारा बनाई गई खूबसूरत इमारतों का हिस्सा है जो अ...
Read Moreजिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप। यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे...
Read Moreबेन गियोक दुकथेन दरअसल चीन व वियतनाम के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बहने वाली गुईचुन नदी पर दो झरनों का सामूहिक नाम है। राजधानी हनोई से 272 किलोमीटर दूर यह झरना गाओपिंग प्रांत में दाक्सिन काउंटी की कार्स्ट पहाड़ियों में स्थित है। निर्विवाद रूप से यह झरना वियतनाम की सबसे प्रभावशाली प्राकृतिक झलक देता है। झरना है तो महज 30 मीटर ऊंचा लेकिन इसका पाट 300 मीटर चौड़ा है। गहरे नीले पानी वाली गुईचुन नदी बिलकुल एक पेंटिंग सरीखा नजारा पेश करती हुई धान के खेतों और लाइमस्टोन पहाड़ियों से घिरे बांस के झुरमुटों के बीच से होकर निकलती है। ये झरने रहे तो हमेशा से होंगे लेकिन इनकी लोकप्रियता हाल में बढ़ी जब यहां की तस्वीरें व वीडियो तमाम जरियों से देश-दुनिया के लोगों के सामने पहुंचीं। हालांकि इस इलाके में सड़क संपर्क और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार होने के बावजूद बेन गियोक को अब भी लीक से हटकर व...
Read Moreधरती के भी खेल बड़े निराले हैं। हम मिस्र में हजारों साल पहले बने इंसानों के बनाए पिरामिडों की बातें करते हैं और दूसरी तरफ कुदरत है कि किसी जगह पर एक खेल की तरह पिरामिड बनाती है और गिरा देती है और फिर बना डालती है। हम यहां बात कर रहे हैं इटली के साउथ टिरोल इलाके में प्रकृति के एक अजीब करिश्मे की। ये पिरामिड भी मिट्टी व पत्थर के ही बनते हैं, बस फर्क इतना है कि न उनका कोई पक्का नाप-जोख होता है और न ही उनके भीतर कुछ रखने या किसी को हजारों सालों तक लंबी नींद में सुलाने की कोई व्यवस्था होती है। इन्हें हम पिरामिड कहते हैं तो इनके आकार के लिए जो नीचे से बड़ा और ऊपर जाते-जाते नुकीला हो जाता है। कहा जाता है कि ये असामान्य ढांचे उस मिट्टी से बनने शुरू हुए जो पिछले हिम युग के बाद ग्लेशियरों के पिघल जाने से पीछे रह गई थी। जब मौसम शुष्क होता है तो यह मिट्टी चट्टान जैसी सख्त हो जाती है, लेकिन जैसे ही...
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