नॉर्वे में किसी उड़न तश्तरी से प्रेरित यह होटल ऑरोरा बोरेअलिस देखने के लिए एक दूसरी दुनिया सरीखा माहौल खड़ा करता है उड़न तश्तरियां हमेशा से हमारी विज्ञान फंतासियों का अहम केंद्र रही हैं। फिल्मों, कहानियों में उड़न तश्तरियों को देखकर हम बचपन में कितने रोमांचित होते रहे हैं। मन करता रहा है न कि कहीं किसी खुले मैदान में अचानक आसमान से कोई उड़न तश्तरी उतर पड़े और कोई दूसरे ग्रह का प्राणी अचानक हमारे सामने आ खड़ा हो हाथ मिलाने लगे। उड़न तश्तरी और दूसरे ग्रह पर जीवन हमेशा से हमारे वैज्ञानिकों के लिए अंतरिक्ष की खोज के सबसे जटिल पहलुओं में से रहा है। ऐसे में कितना रोमांचक हो कि आप किसी ऐसे होटल में रुकें जो उड़न तश्तरी की शक्ल का हो। जहां इतना वीराना हो कि उड़न तश्तरी के सामने आ उतरने की कल्पना साकार होने का खयाल हमेशा तैरता रहे। वहां के कमरे किसी स्पा सरीखे हों और सामने बर्फीले...
Read MoreCategory: अजब-गज़ब
Unusual places and destinations around the world- natural and man-made!
प्रकृति के करिश्मों की अजब-गजब दुनिया में इस बार बात एक ऐसी जगह की जो बहुत अनूठी तो नहीं लेकिन बेहद शानदार है। हम जिक्र कर रहे हैं श्रीलंका में गॉल के विश्व विरासत स्थल किले से थोड़ी ही दूर टैप्रोबेन द्वीप की। तट से बस फर्लांग भर दूर यह द्वीप छोटा सा है (कुल ढाई एकड़ इलाके में फैला) लेकिन यह श्रीलंका का अकेला निजी स्वामित्व वाला द्वीप है। समूचा द्वीप एक होटल में तब्दील है। टैप्रोबेन का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह सीलोन का प्राचीन ग्रीक नाम है। इस द्वीप की शक्ल सीलोन (मौजूदा श्रीलंका) से मिलती-जुलती होने के कारण ही इसे यह नाम मिल गया। कोलंबो गॉल हाइवे से लिया जा सकता है इस द्वीप का नजारा खासे रूमानी माहौल वाला यह द्वीप फुर्सत के कुछ दिन बिताने के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जा सकता है। विवाह, पार्टियों व खास मौकों के लिए भी यह बेहद माफिक जगह है। कहा जाता है कि इस अ...
Read Moreठहरने-घूमने की अजीबोगरीब जगहों की कड़ी में इस बार हम जिस जगह का जिक्र कर रहे हैं, वह वाकई कुछ ज्यादा ही अजीब है। उसक बारे में जानकर कुछ लोग नाक-भौं भी सिकोड़ सकते हैं। आखिर, जिराफ के घर से लेकर कंदराओं और समुद्र की गहराइयों के बाद अगर हम आपसे एक मोटी सी सीवर पाइपलाइन में रुकने को कहें तो अजीब लगेगा ही। आप ये भी कह सकते हैं कि- यह भी कोई रुकने की जगह हुई? लेकिन जनाब, यह वाकई रुकने की जगह है। यूरोप में ऑस्ट्रिया के लिंज शहर के निकट ओतेशेम में डेन्यूब नदी के किनारे स्थित दास पार्क होटल पुराने सीवर पाइपों में है। निश्चिंत रहें, इन पाइपों का इस्तेमाल अब सीवर के लिए नहीं होता। लेकिन ये वाकई एक जमाने के सीवर पाइप हैं जो अब कमरों की शक्ल ले चुके हैं। चूंकि छोटे-छोटे पाइप हैं, इसलिए बड़ी होटलों के शानदार स्वीट की सहूलियतें तो यहां नहीं मिल पाएंगी। लेकिन ये रुकने की बुनियादी जरूरतें जरूर पूर...
Read Moreगुफाएं हमेशा एक रहस्य का आवरण ओढ़े रहती हैं, लोगों की जिज्ञासा को नई उड़ान देती हैं। गुफाएं पहले भी लोगों को आसरा देती थीं, अब भी दे रही हैं। लेकिन अब उसमें जरूरत नहीं घुमक्कड़ी प्रमुख है हमने पहले तुर्की में कैपाडोकिया की गुफाओं में बने आलीशान होटलों का जिक्र किया था। इस बार हम कैपाडोकिया की गुफाओं से बाहर आकर एक दूसरी गुफा में घुस गए हैं। यह गुफा दक्षिण पश्चिम अमेरिका के न्यू मैक्सिको में फार्मिंगटन के निकट स्थित है। गुफा जमीन की सतह से सत्तर फुट भीतर है लेकिन ला प्लाता नदी से लगभग 280 फुट ऊपर। है न मजेदार बात। दरअसल यह गुफा एक पहाड़ी के भीतर है। लेकिन यहां हम गुफा की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि गुफा में बनाए गए छोटे से होटल की बात कर रहे हैं। इसे कोकोपेल्लीज केव बेड एंड ब्रेकफास्ट कहा जाता है। लेकिन बाकी तमाम गुफाओं की तरह यह गुफा प्राकृतिक नहीं है, बल्कि बनाई गई है। मूल रूप से...
Read Moreयूं तो समूचा तुर्की अपने अद्भुत नजारों के लिए देखने लायक है, लेकिन उन नजारों में भी कैपाडोकिया की अपनी अनूठी जगह है। दरअसल केवल तुर्की ही नहीं, पूरी दुनिया में यह नजारा और कहीं देखने को न मिलेगा। इसे प्रकृति की रची गई एक कविता भी कहा जा सकता है। देखने में यहां की धरती ठीक वैसी लगती है जैसे कि चांद की सतह के बारे में हम जानते हैं पहाड़ी टीले, घाटियां, गुफाएं। आकाश से देखेंगे तो लगेगा मानो चांद का कोई टुकड़ा काटकर तुर्की में रख दिया गया हो। अब यह प्रकृति, इतिहास और इंसान की मिली-जुली कलाकृति है। इसीलिए 1986 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत का दर्जा दे दिया था। कैपाडोकिया की गहरी खाइयां और घाटियां प्राकृतिक आश्चर्य तो हैं ही, लगभग दो हजार सालों से लोगों का बसेरा भी बनी हुई हैं। इस अद्भुत इलाके में सन 60 ईस्वी में पहली ईसाई बस्तियां बसी थीं। लिहाजा सदियों पुराने चर्च और उस जमाने की चित...
Read Moreयूं तो हम सैर-सपाटे की अजीबोगरीब जगहों के बारे में आपको बतला ही रहे हैं। आपने भी कई अनूठे ठिकानों के बारे में सुना होगा। लेकिन अगर आपको कोई जमीन से पचास फुट ऊपर एक क्रेन में रात गुजारने की बात कहे तो शायद आप यही सोचेंगे कि मजाक हो रहा है। लेकिन हम कह रहे हैं कि न केवल यह हकीकत है बल्कि एक रूमानी कल्पना भी। हम यहां बात कर रहे हैं नीदरलैंड्स के हारलिंगन में हार्बर क्रेन की। हार्बर क्रेन 1967 की बनी हई है और 1996 तक इसका इस्तेमाल बंदरगाह पर रूस व स्कैंडिनेवियाई देशों से आने वाले लकड़ी के लट्ठों को उतारने के लिए किया जाता था। चार-पांच सालों तक बेकार पड़े रहने के बाद 2001 में इसे इसके मौजूदा मालिक ने खरीद लिया। दो साल तक इस क्रेन को नया रंग-रूप देने का काम खास देखरेख में चला। सितंबर 2003 से यह क्रेन रंग-रूप में तो क्रेन ही रही लेकिन इसका इस्तेमाल सामान ढोने की जगह रोमांचप्रेमियों को रैनबसेर...
Read Moreपेड़ों पर आशियाने की कल्पना कभी बीहड़ लगती है तो कभी बड़ी रोमांटिक। लेकिन पेड़ों पर आशियाना तमाम सहूलियतों वाला हो तो वहां टिकने का मन किसका न करेगा। अमेरिका के ओरेगोन में खूबसूरत दक्षिणी इलाके में ऐसा ही एक ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। आउट एन अबाउट अब दुनियाभर में लोकप्रिय है, न केवल एक रिसॉर्ट के रूप में बल्कि दुनियाभर में पेड़ों पर आशियाना बनाने के शौकीन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में। सिसकियू पहाडिय़ों के बीच ताकिलमा की खूबसूरत घाटी में ईस्ट फोर्क इलियोनिस नदी के उद्गमस्थल के ठीक नीचे यह ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। बलूत (ओक) के पेड़ों की डालों पर बने हैं अलग-अलग तरह के ट्रीहाउस। सब कुछ पेड़ों पर। यह एक अलग ही दुनिया नजर आती है। लेकिन इस रिसॉर्ट को खड़ा करने के लिए केवल कल्पना ही नहीं बल्कि लंबी कानूनी लड़ाई की भी जरूरत पड़ी। स्थानीय प्रशासन ने टिकने वालों की सुरक्षा का हवाला देते हुए इ...
Read Moreइस नदी को देखकर एक गीत बरबस याद आ जाता है- ‘ये कौन चित्रकार है, ये कौन चित्रकार।’ कुछ लोग कहते हैं कि यह नदी सीधे स्वर्ग से जमीन पर उतरी है तो कुछ लोग इस रंगों का विस्फोट बताते हैं। कुछ लोगों के लिए यह पानी में फैला इंद्रधनुष है। लेकिन इस बात में कई दोराय नहीं कि यह दुनिया की सबसे खूबसूरत नदी है। इसलिए भी, क्योंकि इस नदी की दुनिया में कोई और मिसाल नहीं है। इस नदी में जो चमत्कार छिपा है, वह दुनिया में और कहीं भी पानी में नजर नहीं आएगा। दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के कोलंबिया में स्थित इस नदी कान्यो क्रिस्तालेस को पांच रंगों वाली नदी भी कहा जाता है। यह स्पेनिश भाषा का नाम है। अंग्रेजी में इसके नाम का आशय है क्रिस्टल चैनल। साल के ज्यादातर समय आप इस नदी को देश-दुनिया की बाकी नदियों से अलहदा महसूस नहीं कर पाएंगे। वैसे ही चट्टानी तलहटी, हरी काई और शांत-साफ पानी। लेकिन फिर अचानक साल में कुछ स...
Read Moreइसे अक्सर दुनिया की उन जगहों में से एक माना जाता है जिन्हें आपको जीते-जी एक बार देख लेना चाहिए। एक छोटी सी जगह और इतनी बड़ी ख्याति। लेकिन आप अगर यहां जाएंगे तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बर्गेसथास एशर-वाइल्डकिर्शली आल्प्स पर्वतों की गोद में है। अब यह महज एक रेस्तरां है। कुछ साल पहले तक यहां सैलानियों के रात में भी रुकने की गुंजाइश थी। लेकिन अब दो साल से यहां रात में रुकने की बुकिंग नहीं हो रही। रेस्तरां बदस्तूर चालू है। वैसे भी इसका मजा दिन की रोशनी में है, जब चारों ओर का नजारा मिलता रहे और आप इसकी हैरतअंगेज लोकेशन को निहार सकें। चट्टानों की गोद में एशर होटल यह जगह एपेंजेल आल्प्स में है जो दरअसल स्विट्जरलैंड में आल्प्स पर्वत श्रृंखला का उत्तरी सिरा है। इस रेस्तरां की खास बात है, वो जगह जहां पर यह स्थित है। इसके ठीक पीछे सीधी खड़ी ऊंची पहाड़ी है। यह इमारत मानो ...
Read Moreलोग कहते हैं कि धरती पर जन्नत सरीखी यह जगह उस इंसान ने खोज निकाली जो एक तरह से नर्क की यातना से गुजर रहा था। प्रचलित कहानियों के अनुसार इटनी में मिलान का रहने वाला एक संपन्न व्यापारी अल्बर्टो बेसोजी 12वीं सदी में किसी व्यापारिक काम के सिलसिले में जब मैजियारे झील में अपनी नाव पर था तो एक भयंकर तूफान में फंस गया। उस भयंकर मुसीबत के समय में उसने एलेक्जेंड्रिया की संत कैथरीन से मदद की गुहार लगाई जिनकी वह आराधना करता था। उस समय उसे झील के किनारे चट्टानों के भीतर एक गुफा में शरण मिल गई। उसने बदले में अपना जीवन उसी गुफा में आराधना करते हुए बिताने का फैसला किया। उसने 1195 में वहां एक छोटी सी चर्च का निर्माण किया। वहीं चैपल में उसे बाद में दफनाया भी गया। अब यह चैपल वहां 13वीं से 17वीं सदी के बीच स्थानीय लोगों और विभिन्न धार्मिक समुदायों द्वारा बनाई गई खूबसूरत इमारतों का हिस्सा है जो अ...
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