इसे अक्सर दुनिया की उन जगहों में से एक माना जाता है जिन्हें आपको जीते-जी एक बार देख लेना चाहिए। एक छोटी सी जगह और इतनी बड़ी ख्याति। लेकिन आप अगर यहां जाएंगे तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बर्गेसथास एशर-वाइल्डकिर्शली आल्प्स पर्वतों की गोद में है। अब यह महज एक रेस्तरां है। कुछ साल पहले तक यहां सैलानियों के रात में भी रुकने की गुंजाइश थी। लेकिन अब दो साल से यहां रात में रुकने की बुकिंग नहीं हो रही। रेस्तरां बदस्तूर चालू है। वैसे भी इसका मजा दिन की रोशनी में है, जब चारों ओर का नजारा मिलता रहे और आप इसकी हैरतअंगेज लोकेशन को निहार सकें। चट्टानों की गोद में एशर होटल यह जगह एपेंजेल आल्प्स में है जो दरअसल स्विट्जरलैंड में आल्प्स पर्वत श्रृंखला का उत्तरी सिरा है। इस रेस्तरां की खास बात है, वो जगह जहां पर यह स्थित है। इसके ठीक पीछे सीधी खड़ी ऊंची पहाड़ी है। यह इमारत मानो ...
Read MoreCategory: अजब-गज़ब
Unusual places and destinations around the world- natural and man-made!
लोग कहते हैं कि धरती पर जन्नत सरीखी यह जगह उस इंसान ने खोज निकाली जो एक तरह से नर्क की यातना से गुजर रहा था। प्रचलित कहानियों के अनुसार इटनी में मिलान का रहने वाला एक संपन्न व्यापारी अल्बर्टो बेसोजी 12वीं सदी में किसी व्यापारिक काम के सिलसिले में जब मैजियारे झील में अपनी नाव पर था तो एक भयंकर तूफान में फंस गया। उस भयंकर मुसीबत के समय में उसने एलेक्जेंड्रिया की संत कैथरीन से मदद की गुहार लगाई जिनकी वह आराधना करता था। उस समय उसे झील के किनारे चट्टानों के भीतर एक गुफा में शरण मिल गई। उसने बदले में अपना जीवन उसी गुफा में आराधना करते हुए बिताने का फैसला किया। उसने 1195 में वहां एक छोटी सी चर्च का निर्माण किया। वहीं चैपल में उसे बाद में दफनाया भी गया। अब यह चैपल वहां 13वीं से 17वीं सदी के बीच स्थानीय लोगों और विभिन्न धार्मिक समुदायों द्वारा बनाई गई खूबसूरत इमारतों का हिस्सा है जो अ...
Read Moreजिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप। यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे...
Read Moreबेन गियोक दुकथेन दरअसल चीन व वियतनाम के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बहने वाली गुईचुन नदी पर दो झरनों का सामूहिक नाम है। राजधानी हनोई से 272 किलोमीटर दूर यह झरना गाओपिंग प्रांत में दाक्सिन काउंटी की कार्स्ट पहाड़ियों में स्थित है। निर्विवाद रूप से यह झरना वियतनाम की सबसे प्रभावशाली प्राकृतिक झलक देता है। झरना है तो महज 30 मीटर ऊंचा लेकिन इसका पाट 300 मीटर चौड़ा है। गहरे नीले पानी वाली गुईचुन नदी बिलकुल एक पेंटिंग सरीखा नजारा पेश करती हुई धान के खेतों और लाइमस्टोन पहाड़ियों से घिरे बांस के झुरमुटों के बीच से होकर निकलती है। ये झरने रहे तो हमेशा से होंगे लेकिन इनकी लोकप्रियता हाल में बढ़ी जब यहां की तस्वीरें व वीडियो तमाम जरियों से देश-दुनिया के लोगों के सामने पहुंचीं। हालांकि इस इलाके में सड़क संपर्क और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार होने के बावजूद बेन गियोक को अब भी लीक से हटकर व...
Read Moreधरती के भी खेल बड़े निराले हैं। हम मिस्र में हजारों साल पहले बने इंसानों के बनाए पिरामिडों की बातें करते हैं और दूसरी तरफ कुदरत है कि किसी जगह पर एक खेल की तरह पिरामिड बनाती है और गिरा देती है और फिर बना डालती है। हम यहां बात कर रहे हैं इटली के साउथ टिरोल इलाके में प्रकृति के एक अजीब करिश्मे की। ये पिरामिड भी मिट्टी व पत्थर के ही बनते हैं, बस फर्क इतना है कि न उनका कोई पक्का नाप-जोख होता है और न ही उनके भीतर कुछ रखने या किसी को हजारों सालों तक लंबी नींद में सुलाने की कोई व्यवस्था होती है। इन्हें हम पिरामिड कहते हैं तो इनके आकार के लिए जो नीचे से बड़ा और ऊपर जाते-जाते नुकीला हो जाता है। कहा जाता है कि ये असामान्य ढांचे उस मिट्टी से बनने शुरू हुए जो पिछले हिम युग के बाद ग्लेशियरों के पिघल जाने से पीछे रह गई थी। जब मौसम शुष्क होता है तो यह मिट्टी चट्टान जैसी सख्त हो जाती है, लेकिन जैसे ही...
Read Moreलंदन जाकर किसी शानदार होटल में ठहरने का मन तो सबका करता होगा। लेकिन क्या बात हो अगर आपको ऐसी जगह रुकने को मिले जो अनूठी भी हो, ऐतिहासिक भी और महंगी होटलों की तुलना में बेहद सस्ती भी। लंदन में क्लिंक 78 एक ऐसा ही यूथ होस्टल है जो दो सौ सालों का इतिहास तो अपने में समेटे हुए है ही, बेहद अजीबोगरीब भी है। अजीबोगरीब इसलिए कि यह होस्टल दरअसल एक पूर्व कोर्टरूम परिसर है। इसमें विक्टोरियाई शैली के शिल्प का 21वीं सदी के आधुनिक डिजाइन के साथ बेहद शानदार समागम किया गया है। इस तरह से एक बड़ा स्टाइलिश बैकपैकर्स हॉस्टल तैयार किया गया जिसका मकसद यूथ हॉस्टल्स की उसी पारंपरिक अवधारणा को बदलना था। और तो और इसे ब्रिटेन में हेरिटेज इमारत का दर्जा भी हासिल है। यह दर्जा इसे इसके मुख्य प्रवेश द्वार, रिसेप्शन, दो मूल कोर्ट रूम और सात मूल जेल-कोठरियों के लिए दिया गया है। क्लिंक का रिसेप्शन इस तरह आपको यहां मस...
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