यूं तो समूचा तुर्की अपने अद्भुत नजारों के लिए देखने लायक है, लेकिन उन नजारों में भी कैपाडोकिया की अपनी अनूठी जगह है। दरअसल केवल तुर्की ही नहीं, पूरी दुनिया में यह नजारा और कहीं देखने को न मिलेगा। इसे प्रकृति की रची गई एक कविता भी कहा जा सकता है। देखने में यहां की धरती ठीक वैसी लगती है जैसे कि चांद की सतह के बारे में हम जानते हैं पहाड़ी टीले, घाटियां, गुफाएं। आकाश से देखेंगे तो लगेगा मानो चांद का कोई टुकड़ा काटकर तुर्की में रख दिया गया हो। अब यह प्रकृति, इतिहास और इंसान की मिली-जुली कलाकृति है। इसीलिए 1986 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत का दर्जा दे दिया था। कैपाडोकिया की गहरी खाइयां और घाटियां प्राकृतिक आश्चर्य तो हैं ही, लगभग दो हजार सालों से लोगों का बसेरा भी बनी हुई हैं। इस अद्भुत इलाके में सन 60 ईस्वी में पहली ईसाई बस्तियां बसी थीं। लिहाजा सदियों पुराने चर्च और उस जमाने की चित...
Read Moreकोविड अपडेटः कोविड-19 के कारण ब्लू ट्रेन ने मार्च 2020 से अपना परिचालन स्थगित कर दिया था। पहले 31 जुलाई तक और फिर 30 सितंबर 2020 तक इस निलंबन को बढ़ा दिया। सब कुछ ठीक रहा तो 1 अक्टूबर से यह शाही रेलगाड़ी फिर से पटरियों पर दौड़ने लगेगी। फिलहाल यात्रियों के सफर को सुरक्षित व सेहतमंद बनाने की तैयारियां चल रही हैं। तब तक आपको दे रहे हैं हम इस शानदार ट्रेन की झलक! दक्षिण अफ्रीका में सफारी करने के लिए तो आप जाते ही हैं, लेकिन यह सफारी आप बेहद आरामदेह ट्रेन में बैठकर भी तय कर सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं, दुनिया की सबसे ऐश की सवारी माने जाने वाली, ‘ब्लू ट्रेन’ की। अब यह हमारी देशी पैलेस ऑन व्हील्स से ज्यादा आरामदायक है या नहीं, यह तुलना करनी थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि ब्लू ट्रेन को पटरियों पर शाही सवारी की मिसाल के रूप में दुनियाभर में जाना जाता है। दुनियाभर के कई शासकों, रा...
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