क्यों न चलें नेतरहाट, जहां पत्थर गाते हैं और पेड़ सुनते हैं। जहां चट्टानों के संगीत के बीच सूर्य जागता है और सोता है। जहां आकाश की नीलिमा और धरती की हरीतिमा सूर्य की लालिमा के साथ एक नया रंग रचती है भोर की पहली किरण फूटने को है। रात के सितारे पहले ही आकाश में छाती नीलिमा में खोने लगे हैं। आसमान भी हर पल अपना रंग बदलने को आतुर है। तभी परिंदे भी सब तरफ से आकर उड़ने लगे हैं- गाते, नाचते और चहचहाते। आसमान में कहीं-कहीं बादल के टुकड़े हमेशा की तरह आवारा टहल रहे हैं। आखिरकार सूरज की चमक दिखलाई दी और क्षितिज में उसकी लालिमा सब तरफ फैल गई है। आसमान मानो सुनहरा हो गया। आखिर सूरज अपने काम से कब चूका है! नेतरहाट में सूर्यास्त का नजारा यह नेतरहाट का नजारा है। यह झारखंड का देहात है, राजधानी रांची से लगभग 155 किलोमीटर दूर। जैसे मसूरी को पहाड़ों की रानी कहा जाता है, उसी तरह से नेतरहाट को छोटा न...
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जो लोग बर्फीले इलाकों में नहीं रहते उनके लिए रुई के फाहों सी गिरती बर्फ में बड़ा रूमानी आकर्षण होता है। उत्तर सिक्किम में लाचुंग ऐसी ही जगह है, जहां जब बर्फ गिरती है तो उसका नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। सिक्किम की खूबसूरती के चर्चे तो आम हैं। लेकिन यहां हम जिक्र कर रहे हैं उस जगह का जिसे सिक्किम के सबसे खूबसूरत गांव के रूप में ख्याति हासिल है। इस गांव का नाम है लाचुंग। इसे यह दर्जा दिया था ब्रिटिश घुमक्कड़ जोसेफ डॉल्टन हुकर ने 1855 में प्रकाशित हुए द हिमालयन जर्नल में। लेकिन जोसेफ डाल्टन के उस तमगे के बिना भी यह गांव दिलकश है। यह उत्तर सिक्किम में चीन की सीमा के बहुत नजदीक है। है। लाचुंग 9600 फुट की ऊंचाई पर लाचेन व लाचुंग नदियों के संगम पर स्थित है। ये नदियां ही आगे जाकर तीस्ता नदी में मिल जाती हैं। इतनी ऊंचाई पर ठंड तो बारहमासी होती है। लेकिन बर्फ गिरी हो तो यहां की खूबसूरती क...
Read MoreTourists in Kashmir’s Gulmarg ski resort have a new place to chill out - an igloo cafe that serves hot food and drink on tables made of ice and snow. Staff at Kolahoi Green Heights hotel on the Indian-administered side of the region took inspiration from Arctic shelters and added a few local touches - an arched door and patterns on the curved walls. A waiter comes out of "Igloo Cafe", a cafe prepared with snow and ice, after serving customers at Gulmarg, a ski resort and one of the main tourist attractions in Kashmir region, January 28, 2021. REUTERS/Sanna Irshad Mattoo/Files Syed Waseem Shah's igloo café is the only of its kind in India and is inspired by similar attractions in the Northern parts of Europe such as Sweden, Norway, Finland, Austria and Switzerland. Shah is the owner ...
Read Moreमुनस्यारी को जानने के लिए इसके नाम का अर्थ जान लेना ही काफी है। मुनस्यारी का मतलब है ‘बर्फ वाली जगह’। अपने नाम के ही अनुरूप मुनस्यारी को उसकी खूबसूरती और आबोहवा के कारण ‘सार संसार एक मुनस्यार’ की उपमा भी दी जाती है यानि सारे संसार की खूबसूरती एक तरफ और मुनस्यारी की खूबसूरती एक तरफ। एक प्रकृति प्रेमी की दृष्टि से मुनस्यारी पर उपरोक्त उपमा एकदम सटीक बैठती है क्योंकि मुनस्यारी का कुदरती नजारा आपको अपनी ओर आकर्षित ही नहीं करता बल्कि मानो चुंबक की तरह आपको अपनी तरफ खींचता है। मुनस्यारी उत्तराखंड के दूरस्थ जिले पिथौरागढ़ में दिल्ली से लगभग 620 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुनस्यारी का सबसे बड़ा आकर्षण इसके ठीक सामने स्थित पंचाचूली पर्वत श्रृंखला है जो दरअसल पांच अलग-अलग हिमालयी चोटियां हैं। ये एक तरह से मुनस्यारी की जान हैं। अगर आप मुनस्यारी में हों और आपको अपने ठीक सामने नीले खुले आसमान मे...
Read MoreDirect flight services between Delhi and Sikkim commenced on Saturday with a SpiceJet aircraft landing at one of the most scenic airports in India, Pakyong airport in the Himalayan state with 57 passengers. Commercial flight services to the tabletop airport recommenced after nearly one-and-half years after the private airliner halted its operations between Kolkata and Pakyong in June 2019 due to bad weather conditions and technical problems. Commercial flight operations to the airport started in October 2018. In June 2019, SpiceJet, the airport’s sole airline providing commercial passenger service, ceased its once daily Kolkata-Pakyong-Kolkata flight due to “unpredictable weather in Pakyong which results in very low visibility.” It had already suspended the other daily servic...
Read MoreA survey to assess the population of snow leopards in Himachal Pradesh has found that there are an estimated 73 big cats in the Himalayan state, Forest minister Rakesh Pathania said. Snow leopards live in several Himalayan states of India but a scientific estimate of their population has never been made before anywhere in the country because the animal lives in remote, high-altitude regions and is elusive by nature. In Himachal Pradesh, the survey to assess the population of snow leopards was held by the state wildlife wing in collaboration with the Nature Conservation Foundation Mysore following the Snow Leopard Population Assessment in India protocols set by the Union Ministry of Environment, Forests and Climate Change. A similar assessment is underway in several other stat...
Read Moreअगर आप शहर की भीड़-भाड़ से ऊब चुके हैं या आप पक्षी प्रेमी हैं या प्रकृति के सानिध्य में शांतिमय दिन (रात नहीं) गुजारना चाहते हैं और अगर आप सुविधा प्रेमी नहीं हैं, तो आप ‘लाख बहोसी पक्षी विहार’ का रुख कर सकते हैं। सुविधाओं का न होना ही इस पक्षी विहार को विशिष्ट बनाता हैं। बड़े नगरों और मुख्य मार्गों से दूर होने के कारण सामान्य पर्यटक और मोटर गाडिय़ों का शोर व प्रदूषण इस स्थान तक नहीं पहुंचता। पक्षियों के लिए यह एक प्राकृतिक आवास है। इस पक्षी विहार को अपना नाम दो ग्रामों के नाम के युग्म से मिला है। लाख व बहोसी तालाबों को मिला कर इस पक्षी विहार की स्थापना 1988 में की गई थी। फिर 2007 में इसे ‘राष्ट्रीय नम भूमि संरक्षण कार्यक्रम’ के 94 स्थानों में चिह्नित किया गया। बहोसी तालाब का मार्ग सुगम हैं और पर्यटक बहोसी तालाब का भ्रमण ही करते हैं। तुलनात्मक रूप से बहोसी से लाख तालाब का मार्ग दु...
Read Moreआंध्र प्रदेश की कोलेरु बर्ड सैंक्चुअरी को भारत में पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में माना जाता है कोलेरु मीठे पानी की विशाल झील है। दरअसल इसकी गिनती एशिया में मीठे पानी की सबसे बड़ी उथली झीलों में होती है। यह आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है। झील गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के डेल्टाओं के बीच है। इस छिछली और दीर्घ वृत्ताकार आकृति की झील का स्वरूप मानसून के समय लगभग 250 वर्ग किलोमीटर व्यास तक विस्तृत हो जाता है। दरअसल यह झील दोनों नदियों के बाढ़ के पानी को प्राकृतिक रूप से समायोजित करने का काम करती है। कोलेरु झील 63 तरह की मछलियों, मीठे पानी के कछुए और अन्य जलचरों का घर है। इस झील में बड़ी संख्या में झींगा भी होते हैं। स्थानीय मछुआरे उन्हें पकड़कर बाजार में बेचते हैं। लेकिन सबसे खास बात यह है कि छिछली झील होने के कारण इसके आसपास का नम इलाका प्रवासी पक्षियों क...
Read MoreAfter emerging as the favourite destination of migratory birds, the Chilika lake in Odisha has also turned out to be a safe haven for rare Irrawaddy dolphins. This came to the light after the Chilika Development Authority (CDA) conducted an annual survey on the biodiversity of the lagoon, which is the largest lake along the east-coast of India. The population of dolphins has increased to 156 in 2020 against 150 in 2019, an official said. A pair of Irrawaddy Dolphins in Chilika lake The Irrawaddy dolphin is the flagship species inhabiting the Chilika Lake. The CDA in a statement said that the present distribution range of this species is only in Asia, from Chilika to Indonesia. Irrawaddy dolphins in India are protected under the Wildlife (Protection) Act 1972, ClTES (Appendix-l) a...
Read Moreपहली नजर में सांभर झील का विस्तार किसी दूसरे ग्रह का इलाका सा लगता है। दूर तक छिछला पानी, उसमें सफेद नमक के ढेर, पानी में डूबती-निकलती रेल पटरियां जो नमक से लगे जंग के कारण बाबा आदम के जमाने की लगती हैं और उस पानी में जहां-तहां बैठे प्रवासी परिंदे। कोई हैरत की बात नहीं कि बॉलीवुड की मशहूर फिल्म पीके में आमिर खान के दूसरे ग्रह से धरती पर अवतरित होने वाले दृश्य को यहां फिल्माया गया था। हालांकि सांभर झील की खूबसूरती और अहमियत, दोनों ही उससे कहीं ज्यादा हैं। सांभर झील में फ्लेमिंगो राजस्थान में अजमेर, जयपुर और नागौर के बीच करीब 230 वर्ग किमी इलाके में फैली भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर को आमतौर पर नमक उत्पादन के लिए ही जाना जाता रहा है। हालांकि बर्फ के मैदानों सा अहसास कराते इसके नमक के भंडार और पानी पर कई हजारों की तादाद में दिखने वाले गुलाबी फ्लेमिंगो पक्षी इसे राजस्थान के ...
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