तकनीक बदलने के साथ-साथ इसमें भी खूब बदलाव आया है कि आप अपने सफर के लिए किस सामान की पैकिंग करते हैं और किसकी नहीं। अब हम कई सारी वो चीजें लेकर चलने लगे हैं जो पहले मौजूद ही नहीं थी। इसमें कोई दोराय नहीं कि तकनीक ने पैकिंग को थोड़ा आसान बनाया है तो कहीं-कहीं थोड़ी दुविधा भी बढ़ाई है। पैकिंग के लिए हमें ऐसा सामान चाहिए जो हल्का हो, उपयोगी और आरामदायक। इस बार हम बात कर रहे हैं दस ऐसी चीजों की जो आपकी पैकिंग के साथ-साथ आपके सफर में भी सुहूलियत दे सकती हैं। एक नजर- ट्रैवल वाशिंग लाइनः हुक वाली इलास्टिक की ऐसी रस्सियां आजकल सफर, खास तौर पर कैंपिंग वगैरह के दौरान काफी उपयोगी साबित होती हैं। बाइकर्स इनका इस्तेमाल पैकिंग के लिए कर लेते हैं और कैंप में ये टेंट के भीतर या बाहर कपड़े सुखाने के भी काम आ जाती है। दोनों तरफ हुक होने से इन्हें कहीं भी फंसाने में मदद मिल जाती है। अब तो लोग इन्हें होटल ...
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यह सही है कि मानसून घूमने के लिए सबसे रोमांटिक सीजन माना जाता है। लेकिन बारिश में भीगने का लुत्फ हर किसी को रास नहीं आता। इसलिए जो लोग घूमने के लिए स्कूली छुट्टियों से बंधे नहीं हैं और जो लीक से थोड़ा हटकर सैर-सपाटा पसंद करते हैं, उनके लिए मानसून सबसे रोमांच का सीजन है। ये वो लोग होते हैं जो बारिश में भीतर सुरक्षित जगह पर छिपने बजाय बांहें फैलाकर बूंदों को अपने बदन पर महसूस करते हैं। यह सीजन फायदे का भी है, क्योंकि ऑफ सीजन होने के चलते रुकने की जगह सस्ते में मिल जाती हैं, भीड़-भड़क्का नहीं मिलता। मानसून में फर्क सिर्फ इतना है कि जिस तरह से गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के डेस्टीनेशन बदल जाते हैं, उसी तरह से मानसून के भी कुछ अपने डेस्टीनेशन बन जाते हैं एलेप्पी के बैकवाटर्स का आनंद भारत के मुख्य हिस्से में मानसून सबसे पहले केरल में आता है। इस बार थोड़ा लेट आया लेकिन उससे उम्मीद...
Read Moreकेरल अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन वहां कई बीच ऐसे भी हैं जो हालांकि इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं किंतु अपनी सुंदरता में वे किसी से कम नहीं। यहां कम सैलानी जाते हैं इसलिए भीड़भाड़ कम है। 1. किले के नीचे बेकल बीच केरल के सबसे उत्तर के जिले कासरगोड़ में बेकल किला है जो केरल के सबसे बड़े और संरक्षित किलों में से एक माना जाता है। यह किला समुद्र के किनारे है। किले की दीवार के नीचे पसरा है बेकल का समुद्र तट। एक तरफ विशाल किला और दूसरी तरफ अरब सागर और बीच में सफेद मखमली रेत का बेकल तट बेहद सुकून देने वाला है। केरल जाने वाले आम सैलानियों की भीड़भाड़ से दूर बेकल मालाबार इलाके के कई टूरिस्ट सर्किट का गढ़ है। पहुंच में भी आसान कासरगोड़ मैंगलोर हवाईअड्डे से महज पचास किलोमीटर दूर है। कासरगोड़ का रेलवे स्टेशन मुंबई-मैंगलोर-कोषीकोड मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। 2. मुष...
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