उत्तराखंड का अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश विदेश में पहचान रखता है। इसीलिए इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है। जितनी यहां की रामलीलाएं मशहूर हैं, उतना ही यहां का दशहरा भी अनूठा है। रामलीला मंचन और विजयदशमी की परंपराएं भारत में बहुत पुरानी हैं। अल्मोड़ा में भी ये दोनों ही पर्व चंद राजाओं के जमाने से मनाए जाते आ रहे हैं। लेकिन मजेदार बात यह है कि अल्मोड़ा के जिस दशहरे की अब सब जगह चर्चा होती है और अब जो बेहद लोकप्रिय है, वह कोई लंबा-चौड़ा इतिहास नहीं रखता। https://youtu.be/_mCp7ljTqCY?si=po5IixQ_WHq-gR_4 अल्मोड़ा के मौजूदा दशहरे का स्वरूप है वहां रावण कुटुम्ब के तमाम लोगों के पुतले बनाए जाना और उनकी झांकी पूरे शहर में निकालना। भारत में बाकी सभी जगहों पर दशहरा के मौके पर रावण के साथ-साथ कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन की परंपरा है। शायद अकेला अल्मोड़ा का...
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Amber (Amer) Fort on the outskirts of Jaipur in Rajasthan, is the living testimony of rich and turbulent history of Rajasthan, specially of Kachwaha Rajputs of Jaipur and Amber. Amber is one of the forts of Rajasthan which still stands in full glory. As inspiring is to visit the fort and see it in full details, equally thrilling is to listen to its history through a beautifully crafted sound and light show, that takes place daily in evening after the fort is closed for visitors. So, whenever you happen to visit the Amber Fort, don't miss this sound and light show, which has the narration by none other than one of the biggest superstars of India's film industry, one and only Amitabh Bachchan. Till then you can enjoy this video! https://youtu.be/BeeAUZbFLHE?si=Vsrjro13n0SW_MZ2 राजस...
Read MoreAmazing Uttarakhand road trips | Birthi to Dharchula via Munsiyari | बिरथी से धारचुला वाया मुनस्यारी
It is just a 134 kms ride but has got all the thrills - from fascinating views of Panchachuli peaks to riding along the Gauri river for a major part, not to mention the winding roads passing through hues of dense green below and sparkling blue above. The road from Birthi (waterfalls) to Dharchula is generally less taken by tourists. Isn't the best of the roads but has one of the best of the views. Route takes you from Birthi to Munsiyari via Kalamuni top (Alt: 9,5000 ft) and then from Munsiyari to Jauljibi. From Jauljibi one can take Lipulekh highway to reach Dharchula or turn towards Pithoragarh to reach Almora and Haldwani. So, come join me on this short but beautiful biking trip. https://youtu.be/swWSQGJ_aic?si=YMhNKTE_pe8INXgS महज़ 134 किलोमीटर का यह सफ़र बेहद शानदार है। इसमे...
Read Moreउत्तराखंड के चंपावत ज़िले में देवीधुरा रक्षाबंधन के दिन होने वाले बग्वाल के लिए प्रसिद्ध है। बग्वाल यानी पत्थर से होने वाला युद्ध। अब यह बग्वाल की परंपरा कितनी प्राचीन है और इसके पीछे क्या ऐतिहासिक तथ्य हैं, इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण या लिखित इतिहास तो नहीं है। इसकी सारी परंपरा लोक मान्यताओं व लोक-श्रुतियों के अनुसार ही चल रही है। ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि यह बग्वाल इस इलाक़े में किसी ज़माने में रही नरबलि की परंपरा का ही अवशेष है। बग्वाल देवीधुरा में बाराही देवी के मंदिर के मैदान में खेला जाता है, और कहा यही जाता है कि बाराही देवी को चढ़ने वाली नरबलि के विकल्प के रूप में ही देवी के सामने पत्थरों से युद्ध करके एक इंसान के रक्त के बराबर ख़ून बहाने की परंपरा शुरू हुई। बग्वाल का एक निश्चित विधान होता है। बग्वाल मेला तो कई दिन चलता है लेकिन बग्वाल के लिए सांगी पूजा श्रावण माह की शुक...
Read MoreKalaripayattu is considered to be one of the oldest martial art forms in world. Originated in Kerala, this is also the most scientific battlefield arts, This art form includes Chatham (jumping), attam (running) and marichil (somersault). It also uses traditional weapons like swords, daggers, spears, maces and bows & arrows. This art reflects ultimate coordination between mind and body. It also focuses on indigenous medicinal practices. https://www.youtube.com/watch?v=UeAD6_tROX4 दुनिया की सबसे प्राचीन युद्धकलाओं में से एक है केरल की कलारिपयट्टु. यह सभी पारंपरिक विद्याओं व विधाओं का समावेश है। इसे तमाम युद्धकलाओं की जननी कहा जाता रहा है। कहा जाता है कि 19वीं सदी में अंग्रेजों ने अपने ख़िलाफ़ क्रांति के डर से इसपर पाबंदी लगा दी थी। ...
Read MoreKathakali is classical dance drama of Kerala and it is one of the eight Indian classical dance forms- second from Kerala in the list besides Mohiniyattam. Kathakali comes under 'story-play' genre of art. Art form originated in Kerala over a thousand years ago and it is said o have evolved from other art forms of Kerala like Kutiyattam, Krishnanattam and Kalaripayattu. This beautiful dance also combines facets of ballet, opera, masque and pantomime. Kathakali is a mix of devotion, drama, dance, music, costumes and make up- all merged up in a divine experience. Kathakali retells the great stories of the past, mostly from Indian epics. https://www.youtube.com/watch?v=cyuGKdQcgrQ A Kathakali performance involves various spellbinding intricacies. Quiver of lips, flicker of eyes and ...
Read MoreMohiniyattam is one of the eight Indian classical dance forms. Dance originates from legend of Mohini as per Hindu mythology. Mohini was incarnation of Vishnu which happened during Amrit Manthan. Mohiniyattam has elements of many other dance forms of south India. Its a sensuous dance, earlier performed by Devadasis during rule of Chera Kings from 9 to 12 C.E. King Swathi Thirunal of the erstwhile Travancore Kingdom later patronised this dance. https://www.youtube.com/watch?v=KMtEbM0alj8 Mohiniyattam has love and devotion to god as its major themes. This dance comprises about 40 different basic movements called Adavukal. Lyrics are in Manipravalam, which is a mix of Sanskrit and Malayalam languages. Also noticeable is the simple, yet elegant costume, which consists of white sari, ...
Read Moreखूबसूरत! लाजवाब!! बिरथी वाटरफॉल्स | Biking to Birthi Falls | Almora to Birthi on Bike
बर्फीले पहाड़ों, ग्लेशियरों और हिमालयी नदियों से भरे उत्तराखंड में वाटरफॉल्स की कोई कमी नहीं है। इनमें कई पॉपुलर हिल स्टेशंस के आसपास हैं तो कई दुरुह, मुश्किल जगहों पर। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी से करीब 33 किलोमीटर दूर है बिरथी वाटरफॉल्स, जो उत्तराखंड के सबसे ऊंचे वाटरफॉल्स में से एक है। साथ ही यह राज्य में उन वॉटरफॉल्स में से है जो अपने आप में एक डेस्टिनेशन भी हैं। आज हम इसी वाटरफॉल्स की सैर के लिए आपको ले चल रहे हैं.... बिरथी पहुंचने के कई रास्ते हैं, और यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरफ से बिरथी पहुंचना चाह रहे हैं... मैं अपनी रॉयल एनफील्ड थंडरबर्ड बाइक से अल्मोड़ा से बिरथी के लिए रवाना हुआ हूं। मैंने बागेश्वर और कपकोट होते हुए बिरथी जाने का रास्ता चुना है। इस रास्ते अल्मोड़ा से बिरथी की दूरी है 162 किलोमीटर और इसे तय करने में आपको बाइक से 8 घंटे लग सकते हैं। यह इस पर ...
Read Moreजहां पक्षियों का होता है इलाज व देखरेख | Charity Bird Hospital | Lal Mandir Chandni Chowk Old Delhi
This is perhaps only bird hospital of its kind in India and also in the world, which fully runs on charity. Hospital has been running for 93 years now. Established in 1929 in a room in Kinari Bazar, hospital moved to its current location inside Digambar Jain Lal Mandir complex in 1957. It treats all types of birds suffering from various ailments and injuries. At a time there are about 500 birds admitted in the indoor ward. They are released when they recover and are fit to fly. https://www.youtube.com/watch?v=RHlyF_bLW3M यह भारत में और शायद दुनिया में भी अपनी तरह का अकेला पक्षियों का अस्पताल है जो पूरी तरह से धर्मार्थ है और लोगों की मदद पर चलता है। इसे चलते हुए अब 93 साल हो गए हैं। इसकी शुरुआत 1929 में किनारी बाज़ार के एक कमरे से हुई थी और फिर 1957 में यह अस्पताल दिगंबर जैन ...
Read MoreRazia Sultan का मकबरा | जहां तंग गलियों में गुमनामी में दफ़न है दिल्ली की अकेली महिला सुल्तान
आरजू थी हिंदुस्तान की मल्लिका बनने की और वह बनी भी, लेकिन आदमी-परस्त जहान से एक औरत की हुकूमत बरदाश्त नहीं हुई। सब उनके खिलाफ़ खड़े हो गए। रज़िया सुल्तान दिल्ली के तख्त पर बैठने वाली पहली और अकेली महिला रह गई। दोस्तो, आज हम उसी रजिया सुल्तान के मकबरे की बात कर रहे हैं जिसने चार साल यानी सन 1230 से 1240 तक दिल्ली पर शासन किया। अब यह बेहद अफसोस व तकलीफ की बात है कि इतिहास में जिसका नाम दिल्ली की अकेली महिला शासक के तौर पर दर्ज है, उसका मकबरा इस कदर गुमनामी में खोया हुआ है। ये पुरानी दिल्ली में तुर्कमान गेट के पास बुलबुली खाना इलाके की तंग गलियां हैं जिनसे होकर ही रज़िया सुल्तान के मकबरे तक पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचना आसान नहीं। पुरानी दिल्ली के बाहर इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही है। यह तो पिछले कुछ सालों से इसकी बदहाली के चर्चे बाहर आने शुरू हुए, वरना इसे लोग भुला ही चुके थे...
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