InterGlobe Foundation and Aga Khan Trust for Culture complete the restoration of mausoleum Abdur Rahim Khan-i-Khanan wasn’t just one of the navratnas of Akbar’s court, he was one of the important pillars of India’s cultural heritage. Till date, our children grow up by remembering his couplets in school days. They are still part of our social discourse. Restored Tomb of Rahim dazzling in night But besides his literary persona, he was also a brilliant architect. Rahim also patronised the construction of monumental buildings - canals, tanks, enclosed gardens in Agra, Lahore, Delhi and Burhanpur, among other Indian cities. One of the famous water supply systems of those times ‘Kundi Bhandara’ at Burhanpur was credited to him. So, no surprise that he built a marvellous mausoleum for h...
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India's iconic Western Ghats, inscribed by UNESCO in 2012 as a natural world heritage site, is threatened by population pressure, urbanisation and climate change, according to a new report by the International Union for Conservation of Nature (IUCN). The IUCN World Heritage Outlook 3, published last week, builds on previous reports from 2014 and 2017 to track whether the conservation of the world’s 252 natural world heritage sites is sufficient to protect them in the long term. According to the 2020 report, the conservation outlook of the mountain chain of the Western Ghats, one of the worlds eight hottest hot spots of biological diversity, is of significant concern. If a sites conservation outlook is of significant concern, its values are considered to be threatened by a num...
Read MoreTourists will miss the buzz around this year, which has been associated with the magical Hornbill Festival of Nagaland. The Nagaland government has decided to celebrate the popular Hornbill festival virtually this year, amid the surge in COVID-19 cases in the country. In a statement issued on Saturday night, the department of tourism said the annual festival would be observed over audio visual media channels and social media platforms this time, and people can enjoy the tribal dance performances sitting at home. The content for the online programme will be sourced from government archives, it said. Hornbill Festival, held every year from December 1 to 10, showcases the culture, heritage, food and customs of Naga tribes at Kisama village. Sixteen tribes come together to celebr...
Read MoreKerala Chief Minister Pinarayi Vijayan on Friday released a Coffee Table Book on Thiruvananthapuram with a collection of images by eminent photographer Raghu Rai for Kerala Tourism as part of the capital city heritage project. A stunning visual treat, Thiruvananthapuram-An Artist’s impression explores the city’s culture, heritage and life through a fascinating collection of shots viewed through the lens of Raghu Rai, coupled with graphic descriptions by writer Lekshmi Rajeev. This is a fantastic work that has tapped fully the mesmerizing power of photography to capture the images of the city, the Chief Minister said while releasing the compendium through video-conference. State Tourism Minister Kadakampally Surendran, who presided over the function held at Mascot Hotel, said ...
Read MoreAjanta Caves were painted for over 900 years by some of the greatest unknown artists of mankind. They are not only a UNESCO World Heritage site, but also probably the greatest art in the world. But these paintings have seen deterioration over the last 2000 years. Now, if they can be restored to their original glory and then preserved for eternity, its a service not only to the culture of India, but to human species and its greatness. On the 21st of October, preservation of the art of the Ajanta Caves was initiated at the Arctic World Archives, in an indestructible format, till eternity. Event happened at Svalbard, a remote island in Norway. And, the ceremony was attended by representatives from The National Museum of Norway, UNICEF Norway, the Norwegian Defense Museum, and the Mjøndale...
Read Moreकोविड-19 के दौर में हर किस्म की मुश्किल झेल रहे पर्यटन उद्योग को थोड़ी राहत देते हुए गुजरात सरकार ने शुक्रवार को अपनी पहली हेरिटज पर्यटन नीति का ऐलान किया है। इस नीति के तहत ऐतिहासिक महलों, किलों व इमारतों के भीतर हेरिटेज होटल, म्यूजियम, बैंक्वेट हॉल और रेस्तरां खोलने की इजाजत दे दी है। यह नीति उन्हीं ऐतिहासिक इमारतों पर लागू होगी जो 1 जनवरी 1950 से पहले अस्तित्व में थीं। यह नीति देशी-विदेशी सैलानियों को इन ऐतिहासिक इमारतों को नजदीक से देखने, अनुभव करने का मौका देगी। अहमदाबाद के निकट अदलाज वाव पांच साल (2020-25) के लिए लागू की गई इस नई नीति के तहत न केवल नए बनने वाले हेरिटेज होटलों को बल्कि पहले से चल रहे हेरिटेज होटलों को भी अपनी इमारतों में सुधार करने के लिए या उनका विस्तार करने के लिए 5 से 10 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जाए...
Read Moreदुनिया के सैलानियों में कंबोडिया के अंगकोर वाट के मंदिरों की लोकप्रियता ठीक उसी तरह की है जैसे हमारे यहां स्थित ताजमहल की! यदि आप दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भ्रमण का मन बना रहे हों तो अपने यात्रा कार्यक्रम में कंबोडिया को अवश्य शामिल करें क्योंकि यहां एक ऐसी वास्तुशिल्पीय जादूनगरी है जिसका भव्य रूप आपको बार-बार रोमांचित करता रहेगा। यह जादूनगरी है अंगकोर वाट। कंबोडिया के सियमरीप शहर से करीब 5.5 किलोमीटर दूर स्थित अंगकोर वाट दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक परिसर माना जाता है। यह खमेर स्थापत्य कला और वास्तुशिल्प का बेजोड़ नमूना होने के साथ-साथ कंबोडियाई लोगों का गौरवशाली प्रतीक भी है और कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर इसकी छवि अंकित है। प्राचीन कलाकारों ने अपनी कला-प्रतिभा की अभिव्यक्ति के लिए मंदिरो,मस्जिदों और गिरजाघरों को माध्यम बनाया था। पाषाण, ईंटों और चूना पत्थर से खड़े किए गए कई स्म...
Read Moreयूं तो समूचा तुर्की अपने अद्भुत नजारों के लिए देखने लायक है, लेकिन उन नजारों में भी कैपाडोकिया की अपनी अनूठी जगह है। दरअसल केवल तुर्की ही नहीं, पूरी दुनिया में यह नजारा और कहीं देखने को न मिलेगा। इसे प्रकृति की रची गई एक कविता भी कहा जा सकता है। देखने में यहां की धरती ठीक वैसी लगती है जैसे कि चांद की सतह के बारे में हम जानते हैं पहाड़ी टीले, घाटियां, गुफाएं। आकाश से देखेंगे तो लगेगा मानो चांद का कोई टुकड़ा काटकर तुर्की में रख दिया गया हो। अब यह प्रकृति, इतिहास और इंसान की मिली-जुली कलाकृति है। इसीलिए 1986 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत का दर्जा दे दिया था। कैपाडोकिया की गहरी खाइयां और घाटियां प्राकृतिक आश्चर्य तो हैं ही, लगभग दो हजार सालों से लोगों का बसेरा भी बनी हुई हैं। इस अद्भुत इलाके में सन 60 ईस्वी में पहली ईसाई बस्तियां बसी थीं। लिहाजा सदियों पुराने चर्च और उस जमाने की चित...
Read Moreकालिंजर को कालजयी यूं ही नहीं कहा जाता है। इसने कालखंड के प्रत्येक प्रसंग को, चाहे वो प्रागैतिहासिक काल के पेबुल उपकरण हों, पौराणिक घटनाएं हों या 1857 का विद्रोह हो, सबको बहुत ही खूबसूरती से अपने आंचल में समा रखा है। वेदों में उल्लेख के आधार पर जहां इसे विश्व का प्राचीनतम किला माना गया है, वहीं इसके विस्तार और विन्यास को देखते हुए आधुनिक एलेक्जेंड्रिया से भी श्रेष्ठ। वेदों में इसे रविचित्र और सूर्य का निवास माना गया है। पद्म पुराण में इसकी गिनती नवऊखल अर्थात सात पवित्र स्थलों में की गई है। मत्स्य पुराण में इसे उज्जैन और अमरकटंक के साथ अविमुक्त क्षेत्र कहा गया है। जैन ग्रंथों और बौद्ध जातकों में इसे कालगिरि कहा गया है। कालिंजर का पौराणिक महत्व शिव के विष पान से है। कुछ लोगों का कहना है कि कालिंजर शिव का ही एक नाम है जिसका अर्थ है मृत्यु का नाश करने वाला। समुद्र मंथन में मिले कालकूट के पान ...
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