हिंदुस्तान में पतझड़ का रंग अगर कहीं अपने पूरे शबाब पर दिखता है तो वह कश्मीर है। अब मौजूदा माहौल में कश्मीर जाने की बात करना थोड़ा अखरता है, हालांकि कश्मीरी कभी अपने मेहमान सैलानियों पर आंच नहीं आने देते। लेकिन बात पतझड़ के रंगों की हो तो कश्मीर का जिक्र किए बिना रहा भी तो नहीं जाता। कश्मीर की बात ही कुछ ऐसी है। कश्मीर में पतझड़ के मौसम को हारुद कहते हैं (याद है न, आमिर बशीर की बनाई चर्चित फिल्म इसी नाम की थी)। हारुद का मौसम यूं तो कई खासियतें लेकर आता है, लेकिन इसका सबसे अलहदा, खास रंग चिनार की पत्तियों से आता है। वादी के चारों तरफ खड़े पहाड़ भी मानो चिनार के रंग में खुद को रंगने के लिए भूरे हो जाते हैं, बस इससे पहले कि वे बर्फ से सफेद हो जाएं। दरअसल कश्मीर में दोनों ओर कतार में खड़े चिनार के पेड़ और बीच में नीचे बिखरी हुई सुनहरे या सुर्ख लाल रंग की चिनार की पत्तियों की तस्वीर हमेशा स...
Read MoreCategory: सैर-सपाटा
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जोधपुर के निकट एक गांव पर्यावरण तीर्थ होने की योग्यता रखता है। सदियों पहले जब पर्यावरण संरक्षण के नाम पर न कोई आंदोलन था और न कोई कार्यक्रम, तब वृक्षों के संरक्षण के लिए सैकड़ों अनगढ़ और अनपढ़ लोगों ने यहां आत्मबलिदान कर दिया था। आत्माहुति का ऐसा केंद्र किसी तीर्थ से कम नहीं। पश्चिमी राजस्थान का विश्नोई समुदाय कई मायनों में किवंदती सरीखा है। प्रकृति के लिए अपार प्रेम उनके जीवन का हिस्सा है- जीवन-मरण का सवाल खेजड़ली कलां में पेड़ों का बगीचा राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जोधपुर से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर प्रकृति के अंचल में बसा खेजड़ली गांव किसी भी पर्यावरण प्रेमी के लिए विशेष महत्व का है, जहां आज से पौने तीन सौ साल पहले इस प्रकार की चेतना पैदा हो चुकी थी कि सिर साटैं रुंख रहे तो भी सस्तो जांण, अर्थात यदि सिर देकर भी वृक्षों की रक्षा हो सके तो भी यह बलिदान सस्ता ही है। मूल चिपको आंदोल...
Read MoreEurope continues to be getting nervous on rising COVID-19 cases. The way various countries are changing quarantine rules so frequently, they have more or less become like stock indices to be kept track of on regular basis. In the most recent development, Switzerland has amended its list of countries at risk from high rates of infection with the new coronavirus. List now covers all nations outside Europe’s passport-free Schengen zone barring a score of exceptions. The new list has some notable exceptions though, including Australia, Ireland, Japan, Canada, South Korea and New Zealand, although Australia and Japan are themselves facing a resurgence of novel coronavirus in their respective countries. The Swiss move, which aims to curb the spread of the COVID-19, takes effect on Saturday. ...
Read MoreWith fear of another wave of coronavirus resurfacing, Thailand has delayed plans for a “travel bubble” agreement with select countries. New daily coronavirus cases are rising in parts of Asia, putting pressure on its vital tourism industry and complicating efforts to revive its battered economy. Thailand first proposed the idea in June to allow movement between select countries that have low infection numbers, without the need for travellers to undergo quarantine. But that has been shelved, officials said, amid second and third waves in East Asian countries that previously had their outbreaks under control. “We are delaying discussion of travel bubble arrangements for now given the outbreak situation in other countries,” Thailand’s coronavirus taskforce spokesman, Taweesin Wisanuyot...
Read Moreउत्तराखंड में चारधाम यात्रा के साथ-साथ अब फूलों की घाटी भी राज्य के बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए खोल दी गई है। यानी अब आप इस अनूठी जगह का आनंद ले सकते हैं। इसका यही सबसे उपयुक्त समय है। बस आपको पहले से तय कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करना होगा जिसमें उत्तराखंड में प्रवेश करने से ठीक पहले के 72 घंटों के भीतर कराए गए कोविड-19 के आरटी-पीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट सबसे अहम है। तब तक हम आपको दिखला रहे हैं इस कुदरती करिश्मे की झलक। पुष्पावती नदी के दोनों तरफ फैली है फूलों की घाटी भारत में यूं तो कई प्राकृतिक घाटियां हैं जहां कुदरती तौर पर फूल खिलते हैं, और यह भी पूरे यकीन के साथ कहा जा सकता है कि मध्य व दक्षिण-मध्य भारत के पठार वाले इलाकों से लेकर सुदूर उत्तर-पूर्व में निचले हिमालय के पहाड़ों तक इन तमाम घाटियों की खूबसूरती एक से बढ़कर एक है। इनमें से कई तो ऐसी भी हैं जो भले ही स...
Read Moreकोविड अपडेटः कोविड-19 के कारण ब्लू ट्रेन ने मार्च 2020 से अपना परिचालन स्थगित कर दिया था। पहले 31 जुलाई तक और फिर 30 सितंबर 2020 तक इस निलंबन को बढ़ा दिया। सब कुछ ठीक रहा तो 1 अक्टूबर से यह शाही रेलगाड़ी फिर से पटरियों पर दौड़ने लगेगी। फिलहाल यात्रियों के सफर को सुरक्षित व सेहतमंद बनाने की तैयारियां चल रही हैं। तब तक आपको दे रहे हैं हम इस शानदार ट्रेन की झलक! दक्षिण अफ्रीका में सफारी करने के लिए तो आप जाते ही हैं, लेकिन यह सफारी आप बेहद आरामदेह ट्रेन में बैठकर भी तय कर सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं, दुनिया की सबसे ऐश की सवारी माने जाने वाली, ‘ब्लू ट्रेन’ की। अब यह हमारी देशी पैलेस ऑन व्हील्स से ज्यादा आरामदायक है या नहीं, यह तुलना करनी थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि ब्लू ट्रेन को पटरियों पर शाही सवारी की मिसाल के रूप में दुनियाभर में जाना जाता है। दुनियाभर के कई शासकों, रा...
Read MoreRainforest World Music Festival (RWMF) 2020, Rainforest World Music Festival Fringe (RWMFF) and Rainforest in the City (RITC) events, originally scheduled to be held in July 2020 were postponed due to COVID-19 situation around the world. This announcement by Sarawak Tourism Board (STB) was in light of the statement issued by the State Disaster Management Committee and the Ministry of Tourism, Arts and Culture Sarawak that all government and public gatherings involving more than 250 participants should be postponed to a later date. These events have been postponed and not cancelled for now and the organising committee plans to mobilise them if the situation gets better. With more than 20,000 expected visitors from over 30 countries, the RWMF 2020 was, as always, extremely important for Sar...
Read Moreकोरोना की वजह से उत्तराखंड के देवीधुरा के वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल (पाषाण युद्ध) मेले को इस साल निरस्त कर दिया गया है। इस बार न तो मेला लगेगा और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। कुछ दिन पहले तय हुआ था कि रक्षाबंधन के दिन खोलीखांड दुबचौड़ मैदान में परंपरा को जीवित रखने के लिए सांकेतिक बग्वाल खेली जाएगी। लेकिन अब यह फैसला हुआ है कि अब बग्वाल के दिन मंदिर में केवल पूजा-अर्चना ही होगी। सिर्फ मंदिर समिति को प्रवेश की अनुमति मिलेगी। वाराही धाम में सांकेतिक बग्वाल भी नहीं होगी। रक्षाबंधन पर मंदिर समिति और चार खाम से जुड़े लोग केवल पूजा अर्चना करेंगे। ग्रामीणों को घरों में देवी का प्रसाद भेजा जाएगा। चार अगस्त को देवी का डोला मुचकुंद ऋषि आश्रम जाएगा। इस डोले में भी चार से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। लिहाजा बग्वाल होगा नहीं, लेकिन हम आपको बता रहे हैं, इससे जुड़ी कहानी जिसन...
Read Moreआंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन गतिविधियों को इस महीने से फिर से शुरू करने का फैसला किया है। कोविड-19 के कारण पर्यटन गतिविधियों के ठप होने से सरकार को खासा राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसीलिए राज्य सरकार नई पर्यटन नीति भी जारी कर रही है। इसी दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए अनलॉक 3.0 दिशानिर्देशों के अनुरूप अंतर-राज्यीय आवागमन को और उदार बना दिया है। हालांकि उसने अपनी सीमाएं पूरी तरह से तो नहीं खोली हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश में आने वाले लोगों को अब कल यानी 2 अगस्त से एंट्री पास के लिए केवल अपना विवरण राज्य सरकार के स्पंदना पोर्टल (spandana.ap.gov.in) पर दर्ज कराना होगा। राज्य के प्रमुख सचिव (परिवहन) एम.टी. कृष्णा बाबू के अनुसार ई-पास ऑटो जेनरेटेड होगा और इसे लोगों के मोबाइल व ई-मेल पर भेज दिया जाएगा, जिसे किसी वैध पहचान पत्र के साथ सी...
Read Moreअब कोविड-19 के दौर में हिमाचल के दुर्गम इलाकों में पहुंचना तो कठिन ही लग रहा है। वैसे स्पीति घाटी में जाने का समय अक्टूबर के महीने तक रहता है। क्या पता तब तक हाल सुधर जाए! इसीलिए हम आपको बता रहे है इस खूबसूरत झील के बारे में। यहां पहुंच कर हर किसी के मुंह से अनायास ही निकल जाता है कि जमीन पर यदि जन्नत है तो बस चंद्रताल में ही है। समुद्रतल से 14500 फीट की उंचाई पर हिमाचल प्रदेश के कबाइली क्षेत्र स्पीति में रेतीले, नंगे और सूखे पहाड़ों के बीच मीलों दायरे में फैली एक झील चंद्रताल जो अपने निर्मल शांत जल के लिए जानी जाती है, जिसमें नजर आता है आसमां और जमीन का अक्स, जो किसी को भी रोमांचित किए बिना नहीं रहता। मेरा यहां पर चौथी बार जाना हुआ तो न केवल सफर बल्कि यहां की आवोहवा का भी काफी नजारा बदला सा लगा। इस बार स्पीति में 80 फीसदी बारिश कम हुई है ऐसे में पूरे क्षेत्र से हरियाली गायब है, ठहर...
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