बाली आर्ट सेंटर के खुले थियेटर- कलांगन में मंच पर पीछे की तरफ बनी सीढिय़ों पर एक बेहद खूबसूरत युगल खालिस बाली की वेशभूषा में था। फोटोग्राफरों का एक पूरा दल अलग-अलग पोज में उनकी फोटो उतार रहा था। साथ में उनके मेकअप के लिए भी एक पूरी टीम थी। हमें अहसास हुआ कि शायद कोई शूटिंग हो रही है। हम भी अपने कैमरे लेकर वहां लपक लिए। बात हुई तो पता चला कि यह किसी परदे के लिए कोई शूटिंग नहीं थी, बल्कि वह युगल जल्दी ही विवाह के बंधन में बंधने वाला था। बाली में विवाह से पहले लड़के व लड़की का बाहर किसी खूबसूरत जगह पर जाकर इस तरह के फोटो खिंचाना, परंपरा का हिस्सा है। ये तस्वीरें न केवल एलबम का हिस्सा बनती हैं बल्कि विवाह के आमंत्रण पर छपती हैं, विवाह स्थल पर भी कई जगह लगाई जाती हैं। हमारे लिए यह नई जानकारी थी। हमने विवाह के तत्काल बाद एक बंद कमरे में फोटोग्राफर द्वारा दूल्हा-दुल्हन को लेकर अपनी फोटो कलात्मकत...
Read MoreCategory: सैर-सपाटा
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लोग कहते हैं कि धरती पर जन्नत सरीखी यह जगह उस इंसान ने खोज निकाली जो एक तरह से नर्क की यातना से गुजर रहा था। प्रचलित कहानियों के अनुसार इटनी में मिलान का रहने वाला एक संपन्न व्यापारी अल्बर्टो बेसोजी 12वीं सदी में किसी व्यापारिक काम के सिलसिले में जब मैजियारे झील में अपनी नाव पर था तो एक भयंकर तूफान में फंस गया। उस भयंकर मुसीबत के समय में उसने एलेक्जेंड्रिया की संत कैथरीन से मदद की गुहार लगाई जिनकी वह आराधना करता था। उस समय उसे झील के किनारे चट्टानों के भीतर एक गुफा में शरण मिल गई। उसने बदले में अपना जीवन उसी गुफा में आराधना करते हुए बिताने का फैसला किया। उसने 1195 में वहां एक छोटी सी चर्च का निर्माण किया। वहीं चैपल में उसे बाद में दफनाया भी गया। अब यह चैपल वहां 13वीं से 17वीं सदी के बीच स्थानीय लोगों और विभिन्न धार्मिक समुदायों द्वारा बनाई गई खूबसूरत इमारतों का हिस्सा है जो अ...
Read MoreOaks Hotels, Resorts & Suites has announced the launch of Oaks Ibn Battuta Gate Dubai Hotel. Located in the Jebel Ali area of Dubai and in close proximity to the Expo 2020 Dubai site, the 396-key property and Ibn Battuta Gate complex are well known for the iconic gate design which has become a landmark sight in the city. The hotel is situated opposite Ibn Battuta Mall, with the Dubai Metro close by allowing visitors to travel conveniently across the city, including being able to reach many of Dubai’s tourist highlights and business districts. Dubai Marina is also easily reachable, with its many attractions including Marina Mall, multiple dining options, sky diving and the beach. Dubai International Airport (DXB) is 30 minutes’ drive, with Dubai Al Maktoum Airport (DWC) also eas...
Read Moreआम तौर पर जब नौका दौड़ की बात होती है तो सैलानियों के जेहन में सिर्फ केरल का नाम आता है क्योंकि केरल के बैकवाटर्स अपनी सर्प नौका दौड़ों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन भारत में और भी इलाके हैं जहां हर साल पारंपरिक रूप से नौका दौड़ होती है। हम यहां बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्यों की। असम, त्रिपुरा, मणिपुर आदि राज्यों में हर साल कई नौका दौड़ों का आयोजन होता है। भले ही अभी सैलानी नक्शे पर इनकी जगह उस तरह से न बन पाई हो लेकिन इनकी खूबसूरती व भव्यता में किसी तरह की कोई कमी नहीं हैं। त्रिपुरा की रुद्रसागर झील में बोट फेस्टिवल के लिए जमा लोग। फोटो साभारः यूबी फोटोज त्रिपुरा में हर साल रुद्रसागर झील में एक नौका दौड़ सितंबर-अक्टूबर के महीनों में होती है। रुद्रसागर झील राजधानी अगरतला से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मेलाघर के पास स्थित इसी झील के बीच में ऐतिहासिक नीरमहल स्थित है।...
Read Moreयूं तो देश की ज्यादातर पहाडिय़ों में कहीं न कहीं शिव का कोई स्थान मिल जाएगा, लेकिन शिव के निवास के रूप में सर्वमान्य कैलाश पर्वत के भी एक से ज्यादा प्रतिरूप पौराणिक काल से धार्मिक मान्यताओं में स्थान बनाए हुए हैं। तिब्बत में मौजूद कैलाश-मानसरोवर को सृष्टि का केंद्र कहा जाता है। वहां की यात्रा आर्थिक, शारीरिक व प्राकृतिक, हर लिहाज से दुर्गम है। उससे थोड़ा ही पहले भारतीय सीमा में पिथौरागढ़ जिले में आदि-कैलाश या छोटा कैलाश है। इसी तरह एक और कैलाश हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में है। ये दोनों कैलाश भी बड़े कैलाश की ही तरह शिव के निवास माने जाते हैं और इनका पौराणिक महात्म्य भी उतना ही बताया जाता है। धौलाधार, पांगी व जांस्कर पर्वत शृंखलाओं से घिरा यह कैलाश पर्वत मणिमहेश-कैलाश के नाम से प्रसिद्ध है और हजारों वर्षों से श्रद्धालु इस मनोरम शैव तीर्थ की यात्रा करते आ रहे हैं। यहां मणिमहेश नाम ...
Read Moreजिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप। यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे...
Read MoreTalk about Vietnam, and this conjures up images of some ultra-beautiful valleys, mesmerizing bays, limestone mountainous islands jutting out of calm sea waters, flowery roads passing through greenish hills, unforgettable land journeys, and of course ever-smiling Vietnamese. The ending of the long rainy season in Hanoi is also the beginning of its beautiful autumn - the season of flower blossom and love. The beauty of Hanoi's autumn is a popular topic of uncountable songs and poems can describe how wonderful it is. September is the transforming time between summer and autumn, so the weather is cooler and more comfortable. Although the temperature is still in a high level, the hot in this time is not extreme than in June and July with less sunlight. Fall in Hanoi In September, Hano...
Read Moreलगभग 7000 ईसा पूर्व में जब हिमनदों का सिकुड़ना शुरू हुआ तो अनावृत हुई धरती पर शिकारी जंगली रेनडियरों के पीछे उत्तर की ओर बढ़े। तकरीबन 2500 ईपू के बाद जनजातियों ने खेती करना सीखा। वे 1500 ईपू के आसपास काँसे के औज़ार और हथियार बनाने लगे थे। फिर 500 ईपू में वे लोहा इस्तेमाल में ले आए थे। उस आदिम जाति का नाम अब विलुप्त हो चुका शब्द कोमसा था। इस इलाके के शिकारियों के मौजूदा वंशज लाप्प या उनके अपने शब्द सामी से जाने जाते हैं। वे अब रेनडियरों का पालन करते हैं। उनकी भाषा उराल-अल्ताइक समूह की फिन्नो-उग्रिक परिवार से है जो फिन लोगों से संबंधित है। ये फिन लोग लगभग सौ वर्ष ईस्वी में बाल्टिक समुद्र पार करके आए और धीरे-धीरे उन्होंने सामी लोगों को उत्तर ध्रुवीय इलाकों की ओर धकेल दिया। पहली सदी ईस्वी में फिन्नो-उग्रिक बोलने वाले क़बीले बाल्टिक के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में खेती करने लगे। इनमें स्वयं फि...
Read Moreपहाड़ों की गोद में पसरे ठंडे स्वच्छ निर्मल जल ने मानवीय मन व शरीर को हमेशा आमंत्रित किया है और पनीली आगोश में टहलता जमीन का गोलमटोल हिस्सा भी हो तो अचरज भरे अद्भुत अनुभव होने स्वाभाविक हैं। कुछ ऐसी ही जादूगरनी है पराशर झील। खूबसूरत ख्वाब के दो हिस्से जैसे हैं पराशर स्थल और झील। मंडी की उत्तर दिशा में लगभग 50 किलोमीटर दूर हिमाचल की प्राकृतिक झीलों में से एक, स्वप्निल मनोरम व नयनाभिराम। किसी भी मौसम में खिंचे चित्र इतने दिलकश लगते हैं कि पराशर जाने के लिए सैलानी मन को मानो पंख लग जाते हैं। एक बार झील का सानिध्य प्राप्त हो जाए तो समझ में आता है कि हमेशा कंकरीट के जंगल में घूमने से बेहतर है कुदरत के घर भी आया जाए। हिमाचल आकर अतिरिक्त निर्मल आनंद की चाह रखने वालों को मां प्रकृति की पराशर जैसी सौम्य गोद में अवश्य जाना चाहिए। आप मनाली जा रहे हैं या लौट रहे है रास्ते में मंडी रुक जाइए। यहा...
Read Moreफ्रांस के पर्यटन उद्योग में थोड़ी राहत की सांस फूंकते हुए राजधानी पेरिस के दो प्रमुख आकर्षण फिर से सैलानियों के लिए खुल गए हैं। चार महीने बंद रहने के बाद पेरिस का डिज्नीलैंड कोविड-19 की रोकथाम के नए तौर-तरीकों के अमल के साथ आम लोगों के लिए फिर से खुल गया। साथ ही एफेल टावर का सबसे ऊपरी हिस्सा भी लोगों के लिए खोल दिया गया। 19वीं सदी का यह लोहे का बना स्मारक दुनिया के शीर्ष आकर्षणों में से एक माना जाता है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद अपनी सबसे बड़ी बंदी के उपरांत बीती 26 जून को इसके पहले दो माले लोगों के लिए खोले गए थे। अब सबसे ऊपर की मंजिल पर भी लोगों को जाने की इजाजत मिल गई है। दुनिया में अपनी तरह की मनोरंज पार्क की इकलौती व सबसे पुरानी और लोकप्रिय श्रृंखला डिज्नीलैंड ने पेरिस में अपना पार्क खोलने का फैसला अमेरिका के पार्कों को खोलने के बाद किया। हालांकि हांगकांग में उसके पार्क को खुलन...
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