जिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप।
यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे जॉक लेसली मेलविले और उनकी पत्नी बेट्टी ने खरीद लिया। उस समय तक पश्चिम केन्या में रॉथ्सचाइल्ड जिराफों की संख्या लगातार कम होती जा रही थी। जॉक व बेट्टी 1974 में दो लुप्तप्राय जिराफों को यहां लाए। उन्होंने जिराफ सेंटर और लुप्तप्राय वन्यप्राणियों के लिए कोष की भी स्थापना यहां की।
आज उन्हीं दो जिराफों की पीढिय़ां इस इलाके को आबाद किए हुए हैं। तब यहां स्कूली बच्चों को लाया जाता था ताकि वे जानवरों के संरक्षण को समझ सकें और जिराफ को अपने हाथों से उसका भोजन खिला सकें। जॉक के गुजर जाने के बाद 1984 में बेट्टी ने इस जगह को आम सैलानियों के लिए खोल दिया। वन्यप्राणियों के लिए धन जुटाने के मकसद से अब इस जगह को बेट्टी का बेटा रिक और उसकी पत्नी ब्र्योनी चला रहे हैं। यहां जिराफ के अलावा कई तरह के पक्षी और कुछ बाकी छोटे दुर्लभ जानवर भी देखने को मिल सकते हैं।
सुविधाएं
जिराफ मैनर में दस आलीशान बेडरूम हैं। हर बेडरूम का अपना अलग बाथरूम है। अगर मास्टर बेडरूम व जिराफ रूम को मिला लिया जाए तो एक पूरे परिवार के लिए अच्छी ठहरने की जगह हो सकती है। इसी तरह दो सुपीरियर स्यूट- कैरन ब्लिक्सन और फिंच हैट्टन भी है जिनमें डबल बेड के अलावा दो सिंगल बेड भी हैं। इस जगह की बनावट, लकड़ी का काम भी अत्यंत खूबसूरत है। लगभग पौन सदी पहले की कारीगरी अब भी ताजातरीन लगती है। बाकी सुविधाओं की बात करें तो जिराफ मैनर का दावा यह भी है कि इससे लजीज खाना आपको पूरे केन्या में कहीं नहीं मिलेगा। बाकी तमाम सामान्य सहूलियतें तो हैं ही। यहां आप चाहें तो पूरा दिन या आधा दिन भी रुक सकते हैं। पूरे दिन का किराया स्यूट के लिए 2000 डॉलर (दो बड़े व दो बच्चों के लिए) है जबकि सुपीरियर रूम व स्टैंडर्ड रूम में प्रति व्यक्ति किराया क्रमश: 595 और 550 डॉलर है। ये डबल बेड रूम हैं। इनमें बच्चों का खर्च अलग लगेगा। इन्हें अकेले व्यक्ति के लिए लेना महंगा पड़ेगा। इस किराये में हवाई अड्डे से लाना-ले जाना, इंटरनेट, सभी खाने, ड्रिंक्स वगैरह सब कुछ शामिल हैं।
कब व कैसे
केन्या साल में कभी भी जाया जा सकता है। जिराफ मैनर सालभर खुला रहता है लेकिन कमरों की उपलब्धता की जानकारी पहले जरूर कर लें और एडवांस में बुकिंग करा लें। केन्या की राजधानी नैरोबी से यह महज 25 किलोमीटर दूर है। नैरोबी सिटी सेंटर और हवाई अड्डे से यहां आने-जाने के लिए टैक्सियां मिल जाती हैं। वैसे जिराफ मैनर खुद भी लाने-ले जाने की जिम्मेदारी उठा लेता है बशर्ते आप उसे पहले इत्तिला कर दें। पहली मंजिल के कमरों की खिड़कियों से अक्सर आपके मेजबान जिराफ गर्दन अंदर घुसाकर आपकी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं। आप भी उन्हें उसी अंदाज में अपना प्यार दें तो यादगार सफर हो सकता है।