जिराफ की लंबी गर्दन का फायदा यह भी है कि वह अपने ऊंचे कद के बावजूद गर्दन को नीचे झुकाकर आपकी टेबल पर आपके साथ नाश्ता कर सकता है। अब ये कोई मजाक नहीं। ऐसा वाकई होता है कि आप नाश्ता कर रहे हों और मेज पर आपकी बगल वाली प्लेट से कोई जिराफ महाशय भी अपना पेट भर रहे हों। लेकिन यह रोमांचकारी अनुभव कोई यूं ही नहीं मिलने वाला। यह बड़ी दुर्लभ चीज है। दरअसल केन्या में राजधानी नैरोबी से थोड़ी ही दूर स्थित इस जिराफ मैनर (जिराफगाह) के संचालक दावा करते हैं कि यह इस तरह की दुनिया में अकेली जगह है जहां आप जिराफ के साथ नाश्ता भी कर सकते हैं और उन्हें अपने हाथों से नाश्ता करा भी सकते हैं। लगभग 140 एकड़ में फैले जंगल के बीच में स्थित जिराफ मैनर दुनियाभर में लोकप्रिय है और अफ्रीकी सफारी पर आने वाले सैलानियों का एक अनिवार्य स्टॉप। यह जिराफगाह 1932 में डेविड डंकन नामक व्यक्ति ने बनवाया था। फिर 1974 में इसे...
Read MoreCategory: अफ्रीका
travel articles and news about African countries
भारत के प्रमुख साहित्यकारों व शिक्षाविदों के साथ बतौर सांस्कृतिक राजदूत एयर मॉरीशस की उड़ान से लगभग 7 घंटे की उड़ान के बाद हम मॉरीशस पहुंचे। मॉरीशस के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर वहां के विविध कार्यक्रमों में भागीदारी के बीच, कहीं भी और कभी भी, हमें यह महसूस नहीं हुआ कि हम अफ्रीका के दक्षिणी पूर्वी छोर पर बसे एक छोटे से द्वीप पर मौजूद हैं बल्कि हर कदम पर हमें यही लगा कि यह भारत का ही दूसरा रूप है। मॉरीशस में भारतीयों की आबादी लगभग आठ लाख है। जाहिर है कि यहां भारतीय पर्यटक बेहद अपनापन महसूस करते हैं। यहां अंग्रेजी, क्रियोल, फ्रेंच भाषाओं के अलावा हिंदी और भोजपुरी का भी बोलबाला है। मॉरीशस हिंद महासागर में मेडागास्कर से लगभग पांच सौ मील पूर्व में स्थित है। राजधानी पोर्ट लुई है। इसके पूर्व में सपाट भाग व मध्य को पठारों ने घेर रखा है। दक्षिण में पहाड़ ज्यादा हैं। सैर-सपाटे के लिए पूरी...
Read More