क्या बात है जब होटल का कमरा केवल रुकने का ठिकाना भर न रहे बल्कि रात भर तारों को निहारते रहने का भी अड्डा बन जाए। चिली में एल्की डोमोस ऐसी ही जगह है
आंखों-आंखों में रातें गुजारने की बातें आपने फिल्मी गीतों में बहुत सुनी होंगी लेकिन इस बार जिस जगह हम आपको ले चल रहे हैं, वहां वाकई आपकी रातें केवल तारों को निहारते हुए ही गुजरेंगी। आखिरकार समूची दुनिया में तारों से लकदक आसमान को निहारने के लिए इससे बढ़िया जगह कोई नहीं। यहां रात वाकई तारों की सेज पर गुजरती है।
हम बात कर रहे हैं दक्षिण अमेरिका में चिली के कोकिंबा क्षेत्र में स्थित एल्की घाटी की। यहीं पर है एल्की डोमोस जो दुनिया के कुल सात खगोलीय होटलों में से एक है और दक्षिणी गोलार्ध में अपनी किस्म का अकेला। इस होटल के कमरे आम कमरों जैसे नहीं बल्कि सात भूगणितीय गुंबद हैं। ये ऐसे इसलिए हैं ताकि आपको तारों भरी रात का सबसे शानदार नजारा मिल सके। एल्की डोमोस की परिकल्पना फरवरी 2005 में साकार हुई थी। इसका मकसद यही थी कि एल्की घाटी के जादुई आकाश का नजारा आम लोगों को दिखाया जा सके। इसलिए सारी डिजाइन उसी सुख की वृद्धि करने के इरादे से है।
होटल के गुंबदनुमा कमरों की छत खिसकाई जा सकती है ताकि बिस्तर पर लेटे हुए आसमान देखा जा सके। इसी में सहूलियत के लिए बिस्तर को यथासंभव ऊंचा रखा गया है। हर गुंबदनुमा कमरा दो मंजिला है। निचले तले पर बैठक और बाथरूम है और ऊपरी तले पर बेडरूम, जिसके ऊपर है खिसकाई जा सकने वाली छत। हर गुंबद में खुली जगह है और तारों को नजदीक से देखने के लिए टेलीस्कोप भी। कमरे में खगोलीय चार्ट और खगोल विज्ञान से संबंधित किताबें भी मिल जाएंगी। इसके अलावा बाकी वो सारी सुख-सुविधाएं भी वहां मौजूद हैं जो एक बढ़िया होटल में मिलनी चाहिए। फ्रिज बार, मुफ्त चाय-कॉफी, वाई-फाई इंटरनेट सेवा, बार-बे-क्यू और कटलरी।
सात गुंबदों के अलावा चार ऑब्जर्वेटरी रूम भी हैं। ये लकड़ी के बने हुए तीम मंजिला केबिन हैं जो तराई में सबे ऊंची जगह पर हैं। सबसे निचली मंजिल पर बैठक व बाथरूम है। उसके ऊपर वाली मंजिल पर डबल बेडरूम है, जिसमें आकाश को देखने के लिए बड़ी सी खिड़की है और सबसे ऊपर एक टेरेस।
डोमोस परिसर में एक पूल भी है। चूंकि मूल मसला रात के आसमान को निहारने का है इसलिए सारी सेवाएं भी उसी के हिसाब से हैं, जैसे कि विशेष खगोलीय टूर, रात के समय घुड़सवारी, टेलीस्कोप का इस्तेमाल, वगैरह। हालांकि दिन के समय भी आसपास जाने के लिए किराये पर बाइक, कार या घोड़ा लेने की सुविधा है। निकट ही कई वाइनयार्ड और खगोलीय वेधशालाएं भी हैं। निकट ही पकलारो में वाटर स्पोर्ट्स का केंद्र है तो कोचीगुआज घाटी कोकिंबा क्षेत्र के आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र है।
एल्की घाटी अपनी शुष्क और झीनी हवा के लिए दुनियाभर के खगोलविज्ञानियों में प्रसिद्ध है। यहां का आसमान लगभग पूरे साल भर (साल में लगभग तीन सौ रातें) बिलकुल साफ रहता है। इसीलिए कई अंतरराष्ट्रीय वेधशालाएं इस घाटी में स्थित हैं। यह घाटी अपने खास मौसम, पिस्को अंगूर की फसलों, वाइन, कॉस्मिक ऊर्जा और वैकल्पिक थेरेपी के लिए भी जानी जाती है।
सितंबर से मार्च यहां का पीक सीजन होता है जब दरें दो व्यक्तियों के लिए 120 डॉलर प्रति रात्रि प्रति डोम व केबिन होती हैं। अप्रैल से अगस्त के सुस्त सीजन में दरें 90 डॉलर प्रति गुंबद होती हैं। किराये में नाश्ता शामिल है। ज्यादा लोगों के लिए प्रति व्यक्ति 25 डॉलर किराया बढ़ जाता है। लेकिन डोम रूम में अधिकतम चार लोग साथ में रुक सकते हैं जबति ऑब्जर्वेटरी रूम में अधिकतम तीन लोग रुक सकते हैं। दो घंटे के खगोलीय टूर की कीमत 60 डॉलर प्रति गुंबद है तो ढाई घंटे की रात में घुड़सवारी की कीमत 36 डॉलर प्रति व्यक्ति है। (सारी दरों के बारे में एक बार प्रबंधकों से संपर्क करके पता जरूर कर लें क्योंकि दरें समय के अनुसार बदल जाती हैं।- संपादक)
एल्की डोमोस सेंटियागो से 580 और ला सेरेना से 110 किलोमीटर दूर है। दोनों ही जगहें हवाई सेवा से जुड़ी हैं। डोमोस पहुंचना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए नहीं कि आखिर के तीन-चार किलोमीटर का रास्ता कच्चा है बल्कि इसलिए कि वहां सार्वजनिक परिवहन दिन में केवल दो बार ही पहुंचते हैं। लेकिन महज चार किलोमीटर दूर पिस्को एल्की के लिए हर घंटे बस है। वहां से डोमोस के लिए अपना कोई इंतजाम करना होगा। इस इलाके में मुख्य भाषा स्पेनिश है लेकिन चाहने पर दुभाषिये मिल जाते हैं। चिले के लोगों के लिए यह जगह इसलिए भी खास है क्योंकि यह वहां की सबसे महान महिला कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता गैब्रियला मिस्ट्रेल की जन्मस्थली भी है।
आप खगोल विज्ञान के शौकीन हों तो यह जगह आपके लिए स्वर्ग है। लेकिन यदि आप तारों को विज्ञान से न जोड़कर केवल रूमानियत से जोड़ते हैं तो भी यह जगह आपके लिए स्वर्ग है क्योंकि यहां आकर आप अपने साथी की झोली तारों से भर देने की कल्पना को साकार होते हुए देख सकते हैं या फिर फुरसत के दिनों को याद कर सकते हैं… तारों को देखते रहें, छत पर पड़े हुए।
You must be logged in to post a comment.