Sunday, November 24
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यह क्षितिज इतना रोशन क्यों है

गहरी रात लेकिन अंधियारी नहीं, और वो देखो… उस झील के ऊपर आकाश में इतनी रोशनी क्यों है? आखिर क्या है सदर्न लाइट्स का करिश्मा सुदूर न्यूजीलैंड में! दुआ कीजिये कि कोविड का प्रकोप जल्दी खत्म हो और आप यह खूबसूरज नजारा देखने जा सकें..,

एस्ट्रोनॉमर यानी खगोल विज्ञानी डॉ. इयान ग्रिफिन को न्यूजीलैंड में ड्यूनेडिन में रहते हुए कई साल हो गए हैं। इन सालों में उन्होंने सदर्न लाइट्स यानी ऑरोरा आस्ट्रेलिस का नजारा लगभग डेढ़ सौ से कहीं ज्यादा बार देखा होगा। अब यह बात ठीक है कि रात के आसमान का नजारा लेना उनके लिए खगोलविज्ञानी होने के कारण पेशेवर मजबूरी भी है। लेकिन उसके अलावा वह इस कुदरती खेल के आदी भी हो गए हैं। आखिर यह उनके घर के अगले दरवाजे से महज दस मिनट की दूरी पर जो नजर आता है।

न्यूजीलैंड क साउथ आईलैंड के पश्चिमी तट पर नेलसन लेक्स नेशनल पार्क में लेक रोतोइती के ऊपर दिखता ऑरोरा आस्ट्रेलिस यानी सदर्न लाइट्स का शानदार नजारा। फोटोः माइकी मैककिनवेन

वह बताते हैं कि इसकी सबसे बुनियादी वजह यही है कि उनका इलाका अंटार्टिका के बाहर ऑरोरा आस्ट्रेलिस के सबसे नजदीक पड़ने वाला भूक्षेत्र है। फिर यह इलाका बहुत दूर-दराज का भी है और बहुत ही कम प्रदूषण वाला भी। इसलिए यह नजारा देखने के लिए उनकी जगह सबसे उपयुक्त है।

वैसे तो दुनियाभर में आसमान-प्रेमियों के लिए नॉदर्न लाइट्स यानी ऑरोरा बोरियालिस एक बहुत पसंदीदा नजारा रहता है, जिसे देखने के लिए वे बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन डॉ. ग्रिफिन का कहना है कि कम चर्चित सदर्न लाइट्स किसी भी मायने में उनसे कम खूबसूरत नहीं हैं, और उन्हें देखना व देखने के लिए उपयुक्त जगह पर पहुंचना भी कहीं ज्यादा आसान है। नॉदर्न लाइट्स देखने के लिए तो आम तौर पर फिनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे के उत्तरी भागों में जाना होता है। जहां पहुंचना न्यूजीलैंड जाने की तुलना में थोड़ा कष्टसाध्य है।

सदर्न लाइट्स ड्यूनेडिन में दक्षिणी आसमान में  क्षितिज के ठीक ऊपर दिखाई देती है। उन्हें देखने की कई जगहें हो सकती हैं और उसी हिसाब से उन लाइट्स की कुदरती फ्रेम भी बन जाती है। कभी वे पहाड़ियों के पीछे से निकलती दिखाई देती है तो कभी आप अगर उन्हें झील के ऊपर देख रहे हैं तो झील में उनका प्रतिबिंब दिखाई देता है। यह इतना खूबसूरत नजारा होता है कि आपको मंत्रमुग्ध करने के लिए वह काफी है। फोटो खींचने के शौकीनों के लिए तो यह नजारा कल्पनातीत सरीखा होता है।

पूर्णिमा की रात को न्यूजीलैंड के ड्यूनेडिन में ऑरोरा आस्ट्रेलिस की रोशनी। फोटोः डॉ. इयान ग्रिफिन

डॉ. ग्रिफिन ओटागो म्यूजियम में निदेशक हैं और इस म्यूजियम का अपना तारामंडल भी है। उन्हें इस बात पर भी हैरानी होती है कि उनके आसपास कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पूरी उम्र वहां गुजार दी है लेकिन उन्हें सदर्न लाइट्स के बारे में कुछ पता नहीं है। ग्रिफिन बताते हैं कि उन्होंने नॉदर्न लाइट्स भी देखी हैं और वे बहुत खूबसूरत हैं क्योंकि वे सीधे आपके सिर के ऊपर नजर आती हैं। लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें सदर्न लाइट्स का नजारा ज्यादा सुंदर प्रतीत होता है।

ऑरोरा आस्ट्रेलिस सूरज से निकले इलेक्ट्रिकली चार्ज्ड कणों के पृथ्वी के वायुमंडल के गुरुत्वाकर्षण में फंस जाने के कारण पैदा होती है। ये कण आसमान में जो आतिशबाजी पैदा करते हैं, उसका नजारा कई लोग हैरतअंगेज व अविस्मरणीय मानते हैं। ग्रिफिन कहते हैं कि ये रोशनियां देखने के लिए आने का समय चांद की चाल के हिसाब से तय करने पर उनके दिखने की संभावना बढ़ जाती है। जाहिर है कि अमावस्या से तुरंत पहले व तुरंत बाद का समय सही है क्योंकि उस समय आसमान में चांद की रोशनी सबसे कम होती है। अब तो कई मौसम वेबसाइट और स्थानीय फेसबुक ग्रुप भी सदर्न लाइट्स के बारे में पूर्वानुमान व सलाहें देने लगे हैं।

खगोलफोटोग्राफर माइकी मैककिनवेन कहते हैं कि सदर्न लाइट्स के चक्कर में उन्होंने अपनी खासी नींद गंवाई है और अब तो वह उसके जुनूनी हो गए हैं। वह कहते हैं कि इसका रोमांच आपकी उम्मीद से भी कई गुना ज्यादा होता है। वह बताते हैं कि अगस्त 2014 में जब पहली बार उन्होंने यह नजारा देखा तो उसकी खुमारी कई दिनों तक बनी रही। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों को उनका सुझाव है कि वे देखने के तय स्थान पर थोड़ा पहले पहुंच जाएं ताकि उनकी आंखें अंधेरे की अभ्यस्त हो जाएं। पुतलियों को उस अनुरूप ढलने में 15-20 मिनट का वक्त लग जाता है। लेकिन वह यह भी कहते हैं कि खुद को हमेशा कैमरे के पीछे न रखें। कुछ वक्त इस नजारे को सीधे अपनी आंखों में भी भरें क्योंकि यह वो नजारा होता है जो जिंदगी भर आपके जेहन में घूमता रहेगा।

ड्यूनेडिन में झील के ऊपर ऑरोरा आस्ट्रेलिस की रोशनी। फोटोः डॉ. इयान ग्रिफिन

लेकिन अगर जिस रात वहां जाएं और आपको सदर्न लाइट्स नजर न भी आएं तो निराश न हों क्योंकि दक्षिणी न्यूजीलैंड में दुनिया के सबसे बेहतरीन व सबसे कम प्रदूषित रात्रि आसमानों में से एक है। इसलिए मौसम के किसी असर से सदर्न लाइट्स न दिखें तो भी रात का आसमान यकीनन बेहद खूबसूरत होगा।

कैसे देखें सदर्न लाइट्स

  • इक्विनोक्स (जब रात व दिन बराबर होते हैं) के आसपास मार्च व सितंबर के महीने ये रोशनियां देखने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। हालांकि जून व जुलाई भी अच्छे हैं क्योंकि उस समय रात बहुत अंधेरी होती है जिससे आसमान में रोशनी की जरा भी हलचल साफ दिखाई देती है। वैसे तो यह रोशनियां साल में किसी समय देखी जा सकती हैं लेकिन तकनीकी रूप से देखा जाए तो इन्हें देखने का सबसे अच्छा मौका मार्च व सितंबर में होता है। लक्ष्य यह रखिए कि आप रोशनी देखने के ठिकाने पर सूर्यास्त के एक घंटे बाद पहुंच जाएं। पूरी रात ये रोशनियां कई तरह के नजारे दिखलाती हैं। इसलिए अगर आपको उनको पूरी विविधता के साथ देखना है तो कोशिश कीजिए कि रात में जितना देर तक मुमकिन हो सके, देखते रहिए।
  • सदर्न लाइट्स देखने की अपनी संभावनाओं को अधिकतम बनाने के लिए ओटागो प्रायद्वीप में किसी ठिकाने पर रुकने की कोशिश करें।
  • ब्रिटन के दक्षिण में तटीय सड़क पर भी कोई जगह इसके लिए चुनी जा सकती है। टनेल बीच या सैंडफ्लाई बे के कारपार्क को भी इस नजारे को देखने के लिए चुना जा सकता है।
  • ओटागो प्रायद्वीप पर हूपर्स और पापानुई इनलेट काफी दूरदराज के इलाके हैं और थोड़े उबड़-खाबड़ भी। सड़कें संकरी हैं और उनपर कोई रोक भी नहीं है। लिहाजा इन रास्तों पर सावधानी से जाएं। ड्यूनेडिन शहर के मध्य से इसका सफर लगभग 25 मिनट का है। अपने साथ टॉर्च रखें, खासे गरम कपड़े पहनें। आप फ्लुओरो जैकेट (अंधेरे में चमकने वाले) या रिफ्लेक्टर पैच पहनने पर भी विचार कर सकते हैं।
  • अपने साथ डेक-चेयर, कंबल व स्लीपिंग बैग भी रखें। क्योंकि अगर आप रात के आसमान पर मोहित हो गए या फिर आपको नजारा शुरू होने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा तो घंटों खुले में बिताने पड़ सकते हैं।
  • अगर आप ड्यूनेडिन रविवार को जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि स्थानीय एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी शाम साढ़े सात बजे के बाद बेवर्ली-बेग ऑब्जर्वेटरी को आम लोगों के लिए खोल देती है। उसके लिए शुल्क महज 5 डॉलर है।
  • वैसे तो इन सदर्न लाइट्स को न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च, वेलिंगटन और यहां तक की ऑकलैंड शहरों से भी देखा जा सकता है लेकिन मूल बात यही है कि आप जितना दक्षिण की तरफ बढ़ते जाएंगे यह कुदरती आसमानी आतिशबाजी उतनी ही बढ़ती जाएगी।
एक तूफान के दौरान रंगीन आतिशबाजी सरीखा नजारा ऑरोरा आस्ट्रेलिस यानी सदर्न लाइट्स से। फोटोः डॉ. इयान ग्रिफिन

कैसे पहुंचें न्यूजीलैंड

रोमांच और प्रकृति प्रेमियों में न्यूजीलैंड एक पसंदीदा डेस्टिनेशन है। न्यूजीलैंड के लिए भारत से सीधी उड़ान तो नहीं है लेकिन सिंगापुर एयरलाइंस-एयर न्यूजीलैंड, थाई एयरवेज, कैथे पैसिफिक व मलेशिया एयरलाइंस की बारास्ता उड़ानें न्यूजीलैंड के लिए ली जा सकती हैं। ऑकलैंड, वेलिंगटन, क्राइस्टचर्च और क्वींसटाउन न्यूजीलैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं। फिर न्यूजीलैंड के इन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से वहां के छोटे शहरों के लिए आप स्थानीय विमान सेवाओं की मदद ले सकते हैं। इनमें एयर न्यूजीलैंड व जेटस्टार प्रमुख हैं। इनके अलावा भी कई क्षेत्रीय एयरलाइंस, टार्टर विमान कंपनियां हैं और साथ में कई ऐसे फ्लाइट ऑपरेटर भी जो खास तौर पर खूबसूरत सैलानी स्थलों की छोटी उड़ानें (सीनिक फ्लाइट) ले जाते हैं। न्यूजीलैंड के लिए वीजा हासिल करने में लगभग 15 दिन का वक्त लग जाता है।

ग्रिफिन सदर्न लाइट्स देखने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट तक आयोजित कर चुके हैं। तीन साल पहले हुई इस तरह की पहली फ्लाइट पूरी तरह बुक थी। उस फ्लाइट ने कई बार अंतरराष्ट्रीय डेटलाइन पार की। यात्रियों ने आठ घंटे की फ्लाइट में तीन तारीखें देख लीं। बहरहाल, इस फ्लाइट पर गए लोगों ने बेहद नजदीक से सदर्न लाइट्स का शानदार नजारा देखा, हालांकि इसके लिए उन्हें थोड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी- 2000 से 4000 न्यूजीलैंड डॉलर प्रति व्यक्ति। अगर आगे फिर कभी ऐसा मौका मिले तो वह इस कीमत में भी अविस्मरणीय होगी।

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