उत्तराखंड में राज्य के बाहर से आने वाले लोगों के प्रवेश और क्वारंटीन के नए नियम सोमवार से लागू हो गए हैं। हालांकि नियमों को पहले की तुलना में थोड़ा उदार किया गया है लेकिन राज्य में आने के लिए दो चीजें अब भी जरूरी हैं- एक तो smartcitydehradun.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन और दूसरा, कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट जो उत्तराखंड में प्रवेश करने के वक्त से पहले के अधिकतम 96 घंटे के दरम्यान की होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पड़ोसी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश ने पिछले हफ्ते जारी नए निर्देशों में राज्य में आने की सभी शर्तें, कोविड जांच की अनिवार्यता, रजिस्ट्रेशन आदि को खत्म कर दिया था।
रजिस्ट्रेशन जरूरी
सितंबर 21 से प्रभावी हुए नए नियमों के बाद भी उत्तराखंड की सीमा चौकियों पर रुकने व जांच कराने की स्थिति जस की तस रहेगी। रजिस्ट्रेशन की जांच होगी और थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाएगी। फ़र्क केवल इतना है कि अब आरटी-पीसीआर, एंटीजन, ट्रूनेट और सीबीनेट जांच में किसी एक की भी रिपोर्ट नेगेटिव होने पर स्वीकार कर ली जाएगी। छोटी सी राहत यह भी है कि अगर आपके पास नेगेटिव रिपोर्ट है और अगर आप अधिकतम सात दिन तक की अवधि के लिए ही राज्य में आ रहे हैं तो आपको क्वारंटीन में नहीं रहना होगा। लेकिन यदि सात से ज्यादा दिनों के लिए आ रहे हैं तो आपको दस दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा। जाहिर है कि प्रभावी तौर पर राज्य के उन निवासियों के लिए ही है जो बाहर से आ रहे हैं। कोई सैलानी दस दिन होम क्वारेंटीन कैसे करेगा! मतलब यह भी कि फिलहाल आप राज्य में सात दिन से ज्यादा के सैर-सपाटे के लिए नहीं जा सकते।
थर्मल स्क्रीनिंग
अब अगर, आपके पास नेगेटिव रिपोर्ट नहीं भी है लेकिन रजिस्ट्रेशन आपने करा रखा है तो आप राज्य में आ तो सकेंगे लेकिन थर्मल स्कैनिंग के बाद। लिहाजा, नए आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और जिलों के सीमावर्ती बस अड्डों पर थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य कर दी है। उसके बाद भी टेस्ट तो आपको कराना ही होगा क्योंकि होटलों को कहा गया है कि वे किसी भी सैलानी को प्रवेश देने से पहले यह गारंटी कर लें कि उसका कोविड टेस्ट हो गया है। यानी आपको थर्मल स्कैनिंग में क्लीयर होने के बाद भी होटल तक पहुंचने से पहले कोविड टेस्ट करा लेना होगा। पिछले ही हफ्ते राज्य सरकार ने बगैर नेगेटिव रिपोर्ट के बाहर से आने वाले लोगों के लिए सीमा चौकियों के आसपास कोविड जांच की दरें तय की थीं। एंटीजन टेस्ट के लिए रेट 800 रुपये औऱ आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 2400 रुपये की रेट तय की गई थी। आप वहां किसी भी आईसीएमआर अधिकृत लैब से जांच करा सकेंगे।
दो रात की बुकिंग कम से कम ज़रूरी
नए आदेशों में सैलानियों के लिए किसी होटल, रिजॉर्ट अथवा होमस्टे में कम से कम दो रात की बुकिंग करनी जरूरी होगी। पहले यह चार रात के लिए जरूरी थी। यानी आप वीकेंड पर वहां आसानी से जा सकते हैं। अगर आप बगैर नेगेटिव जांच रिपोर्ट के होटल पहुंच जाते हैं तो होटल भी आपसे भुगतान लेकर किसी मान्यता प्राप्त निजी लैब से आपकी कोविड जांच करा सकते हैं। जाहिर है कि संक्रमण का कोई लक्षण नजर आने या कोई पॉजिटिव रिपॉर्ट आने पर सारी स्थिति बदल जाएगी। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य अधिकारियों से तुरंत संपर्क करना तब जरूरी होगा।
उत्तराखंड सरकार ने पिछले नियम (एसओपी) 1 सितंबर को लागू किए थे। उनमें जो भी रद्देबदल हैं, वे नए दिशानिर्देशों में शामिल किए गए हैं। पिछले नियमों में हाईलोड कोरोना मामलों वाले 31 शहरों से आने वालों के लिए सात दिन तक संस्थागत या पेड क्वारंटीन में रहने की बाध्यता थी। अब वे भी होम क्वारंटीन रह सकेंगे, अगर वे सात दिन से ज्यादा की अवधि के लिए आ रहे हैं।
नए दिशानिर्देशों से प्रक्रियाओं को थोड़ा सरल बेशक बना दिया गया है लेकिन सीमा पर रुकने, कागजात की जांच कराने, थर्मल स्कैनिंग आदि का झमेला फिलहाल रहेगा। बहरहाल, यदि आप स्वस्थ हैं, जाने से पहले अपने शहर में ही आसानी से कोविड जांच करा सकते हैं तो बेशक उत्तराखंड की एक छोटी ट्रिप तो प्लान की ही जा सकती है।
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