दक्षिण मलाबार इलाके पर निला, जिसे अब भरतपुझा नदी भी कहा जाता है, का बड़ा ही मजबूत सांस्कृतिक प्रभाव रहा है। यह नदी तमिलनाडु में पश्चिमी घाट की अनइमलाई पहाडिय़ों से निकलती है और केरल के मलाबार इलाके के तीन जिलों- पालक्कड, त्रिशूर व मलप्पुरम से होकर गुजरती है। मलप्पुरम जिले में पोन्नानि में अरब सागर में मिलने से पहले यह नदी इन जिलों के ग्यारह तालुकों से होकर गुजरती है। निला या भरतपुझा नदी यह नदी यहां के सांस्कृतिक जनजीवन का हिस्सा है और नदी, इसके किनारे बने मंदिरों और उन मंदिरों में बैठे देवी-देवताओं से जुड़ी कई लोककथाएं व मिथक प्रचलन में हैं। इस नदी का तट कई ऐतिहासिक घटनाक्रमों का भी गवाह रहा है। जमोरिन राजाओं के समय में मलप्पुरम में तिरुनवया में हर 12 साल में केरल के सभी शासकों का महा-समागम- ममंगम होता था। यह समागम आखिरी बार 1766 में हुआ। आज यहां सालाना सर्वोदय मेला होता है। उसके अ...
Read MoreTag: ट्रैवल
भादो (भाद्रपद) के महीने में होली, वह भी रंगों से नहीं बल्कि छाछ-मक्खन से! चौंकिए मत। हमारे देश में इतनी जबरदस्त सांस्कृतिक विविधता है कि यहां तरह-तरह के अनूठे त्यौहार मनाए जाते हैं। कुछ से तो हम वाकिफ हो जाते हैं और कुछ इतने दूर-दराज के इलाके में होते हैं कि उनके बारे हम कम ही जान-सुन पाते हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रैथल ऐसी ही एक जगह है। रोमांच प्रेमियों में रैथल की लोकप्रियता और भी वजहों से है, खास तौर पर दयारा बुग्याल के कारण। रैथल वहां के लिए बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। रैथल गांव अपने आप में बहुत खूबसूरत है और खासी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत भी अपने में समेटे हुए है। लेकिन फिलहाल हम बात कर रहे हैं, यहां की इस अनूठी होली की। दयारा बुग्याल को जाता रास्ता उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले रास्ते पर जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर समुद्र तल से करीब दस हजार फु...
Read MoreMeetings, incentives, conferencing and exhibitions (MICE) tourism was one of the first types of tourism to be impacted by the global spread of COVID-19 and it could be one of the last to fully return as international business arrivals are projected to fall by 35.3% in 2020, according to GlobalData, a leading data and analytics company. Ralph Hollister, Travel & Tourism Analyst at GlobalData, comments: “MICE events are now taking place online, without the need for companies operating in the tourism sector. This is a worrying trend for all industries involved in travel and tourism - the longer restrictions and guidelines last around MICE tourism, while other national economies start to pick up, the more companies, attendees and event organizers may start to become accustomed to h...
Read MoreWorldwide differences in definitions and guidelines of quarantine and self-isolation are creating confusion and difficulty for travelers. The World Travel & Tourism Council (WTTC) has called for more consistent travel rules and COVID-19 advice by different countries to counter confusion by travellers and holidaymakers. With the advent of the COVID-19 pandemic, terms such as ‘quarantine’ and ‘self-isolation’ have become much more commonplace now. Indeed, with COVID-19 restrictions in place in almost every country or territory in the world, international and even some domestic travel at this stage involves some form of quarantine or isolation. Those journeying to Europe for the first time since travel restrictions began to ease have faced a baffling array of different types of travel...
Read MoreTraditional folk dance at Waan during Nanda Devi Rajjaat Yatra 2014. Last inhabitated village on Rajjaat route towards Bedini Bugyal, Waan is famous for its Latu temple. Latu is considered to be brother of Goddess Nanda Devi. Here onwards Latu leads the Yatra till Homkund. The video here is of traditional 'Jhora' in Nanda Devi's praise by men & women in traditional attire. Most special are women ornaments, these ornaments also reflect their social status. Sung in local dialect, group of men first recite a couplet, which is repeated by the women folk. This can go on for hours, the flow of words and rhythm (steps as well) of dance keep on changing, but tempo remains the same. Normally it is a slow paced dance. People keep on joining or moving out of the sequence as per their convenience...
Read Moreफूलों के रंग पर केवल बसंत का तो अधिकार नहीं। पतझड़ को साहित्यिक विवेचना में भले ही उदास मौसम माना जाता हो लेकिन दुनियाभर में पतझड़ के रंग बेहद खूबसूरत होते हैं, कई जगहों पर तो यह खूबसूरती बसंत से मुकाबला करती प्रतीत होती है। दुनिया में कोविड-19 की उदासी भले ही छाई हो, लेकिन मौसम के रंग तो खिलेंगे ही। बस गर्मियां खत्म हुई और शिशिर ऋतु आई। तो आइए डालें एक नजर दुनिया में पतझड़ या हेमंत ऋतु के 10 सबसे खूबसूरत नजारों पर मोंटाना का ग्लेशियर पार्क अमेरिका के पश्चिमी मोंटाना राज्य में ग्लेशियर नेशनल पार्क में पतझड़ का नजारा दुनिया के सबसे शानदार नजारों में एक माना जाता है। ग्लेशियर कंट्री की घाटियों व चोटियों से हरा रंग विदा लेता है और हेमंत के अलग-अलग रंग बिखरने लगते हैं, ज्यादातर यह पीला व सुनहरा और कहीं-कहीं सुर्ख नजर आता है। मजेदार बात यह है कि इस मौसम में लोगों का घूमना कम होता है...
Read Moreएक जिप्सी में ड्राइवर और गार्ड मिलाकर कुल आठ लोग बैठकर पार्क के अंदर जा सकते हैं, पर हमलोग कुल छह ही थे। सूर्योदय के साथ ही पार्क के अंदर प्रवेश दे दिया जाता है, पर कुछ कागजी खानापूर्ति करने में देर हो गई और पार्क के अंदर जाने वाली गाड़ियों में सबसे अंतिम हमारी ही थी। मेरे साथ मंजू, रूबी और विनय थे। बाघ देखने की बेचैनी सभी के चेहरे पर दिख रही थी। इच्छा मेरी भी थी। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के कोर एरिया की पहले की दो यात्राओं में भी मुझे बाघ के दर्शन नहीं हो पाए थे। कोर एरिया की यह तीसरी यात्रा थी। इसके पहले बफर जोन में भी तीन-चार यात्राएं कर चुका हूं। पर मैं यह जान चुका था कि सिर्फ बाघ देखने की चाहत में जंगल घुमने का आनंद नहीं लिया जा सकता। गाइड भी इस बात से वाकिफ था कि जिस समय हम पार्क के अंदर जा रहे थे, उस समय के बाद बाघ का दिखना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन यह भी जरूरी नहीं कि अल सुबह पार्क मे...
Read MoreIndia’s Leela Palaces, Hotels and Resorts have been named the world’s best Hotel Brand in the world by Travel + Leisure in its this year’s readership survey. Another Indian hotel group Oberoi is at number 3 in the world and Taj Hotels make it India’s third position in the top 10 by ranked at no 8 in the top 25 Best Hotel Brands in the world. Leela Palace, Udaipur Leela Palace has just nine properties, but it managed to leap from the No. 10 spot in 2019 to take this year’s No. 1 position. Perhaps Leela’s focus is one of its greatest strengths. “I love small brands like these,” wrote one reader. “They can consistently give you high-quality accommodations and service.” Of course, the allure of India might also have played a role, as travelers have long felt drawn to places like Delhi’s...
Read Moreबर्गेन का टूरिस्ट ऑफिस यह दावा करता है कि बर्गेन्सबेनेन “दुनिया की सबसे खूबसूरत ट्रेन यात्राओं में से एक है”। लेकिन आप कह सकते हैं कि वे अपनी चीज की तो तारीफ़ करेंगे ही। घुमक्कड़ों का पुराण माने जाने वाली लोनली प्लेनेट पत्रिका भी यह सवाल करती है कि क्या यह “यूरोप की सर्वश्रेष्ठ ट्रेन यात्रा” है? वहीं गार्डियन ने यह ऐलान किया कि यह “दुनिया की सबसे बढ़िया लंबी दूरी की ट्रेन यात्राओं में से एक” है। इतनी तारीफ़ के बाद यह लग गया था कि इस सफर का अनुभव लिए बगैर रहना मुश्किल है। लिहाजा हम निकल पड़े सुदूर उत्तरी यूरोपीय देश नॉर्वे में ओस्लो से बर्गेन की यात्रा पर। ओस्लो में अलस्सुबह हमने हमेशा की तरह सवेरे जल्दी ट्रेन पकड़ने का फैसला किया ताकि दिन की रोशनी में सफर का नजारा लिया जा सके और बर्गेन भी समय से पहुंचा जा सके। इसका मतलब यह था कि हमें होटल से सवेरे साढ़े छह बजे तक निकल जाना था। अच्छा...
Read Moreअब हर घुमक्कड़ अपने साथ एक मोबाइल लेकर चलता है जिनमें कई बहुत बढिया कैमरों से लैस होते हैं। जाहिर है, फोटो लेना कभी इतना आसान नहीं रहा। दरअसल फोटो लेना और उन्हें शेयर करना, दोनों ही खासे पसंदीदा शगल में से एक हैं। लेकिन मजेदार बात यह है कि जैसे-जैसे फोटो साझा करने के विकल्प बढ़ते जा रहे हैं, अपने फोटो को औरों से अलग, कुछ हटके दिखाने की होड़ भी उतना ही तेज होती जा रही है। आप इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर जाएं तो नजर आ जाएगा कि फोटोग्राफी की यह दौड़ अब किस दिशा में जा रही है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप कलात्मक फोटो लेने के लिए और खुद को मुकाबले में आगे रखने के लिए स्मार्टफोन से आगे जाकर सोचें। वैसे भी जब आप किसी खास यात्रा के लिए जाते हैं तो लौटने के बाद हमेशा सोचते हैं न कि मेरे पास फलां कैमरा होता तो मेरे फोटो बड़े शानदार आते! तो लौटने के बाद किसी अफसोस से बचने के लिए क्यों न पहले थोड़ा...
Read More
You must be logged in to post a comment.