घूमने की चाहत हो लेकिन दिमाग पर काम का बोझ, तो भला क्या किया जाए। इसी में बीच का रास्ता निकालने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन लेकर आया है ‘वर्केशन’ की अवधारणा यानी ‘वर्क के साथ वेकेशन’ या काम के साथ-साथ छुट्टियां और घूमना-फिरना। इसमें आपको मिलेगा आपके रुकने की जगह पर दफ्तर का सा ढांचा, जिसमें आप तसल्ली से अपना काम कर सकेंगे और साथ में आपके पास होगा ढेर सारा समय जिसमें आप आसपास घूम सकेंगे, लोगों से मिल-जुल सकेंगे, प्रकृति का आनंद ले सकेंगे और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में नई ऊर्जा फूंक सकेंगे। यानी ‘वर्क फ्रॉम होम’ वालों के लिए अब ‘वर्क फ्रॉम वेकेशन’ की सुहूलियत है। कोविड 19 महामारी के खतरे से बचने के लिए भारत समेत दुनिया भर की कंपनियॉ अपने कर्मचारियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उन्हें घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) के मौके दे रही है, लोगों को अक्सर घर से काम करने की बात रोमांचक लगत...
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The Rajasthan Cabinet on Wednesday approved a new tourism policy besides deciding to keep a portion of legislators' salary for contribution to the Chief Minister's COVID care fund. The new tourism policy proposes to constitute a state tourism advisory committee under the chairmanship of the chief minister, a government statement said. It also proposed the formation of a state-level executive committee under the chairmanship of the chief secretary for the time-bound implementation of the policy, monitoring and review. The current District Tourism Development Committee headed by the district collector has been given more executive powers. The panel will be responsible for all work related to tourism development in a district. The policy proposed to strengthen the tourist ass...
Read Moreउत्तराखंड में कुछ स्थलों पर प्रकृति कुछ अधिक ही मेहरबान दिखती है जिनमें गढ़वाल जिले का खिर्सू भी एक है। इसके एक ओर गगन चूमती भव्य हिमचोटियों दिखती है तो पीछे बांज, बुरांश व देवदार आदि पेड़ों का सम्मोहित कर जाने वाला घना जंगल। शान्ति ऐसी कि बाहरी शोर प्रकृति की निशब्दता के बीच बेसुरा व अलग सा लगने लगता है। समुद्रतल से लगभग 1750 मीटर की ऊंचाई पर बसा खिर्सू एक गांवनुमा कस्बा है और इसी नाम से बने विकासखण्ड का प्रशासनिक केंद्र भी। बताया जाता है कि खरसू के पेड़ों की बहुलता के कारण ही एक अंग्रेज अधिकारी ने इस जगह को यह नाम दे दिया। शोरोगुल से दूर खिर्सू ऐसे पर्यटकों की पसंदीदा जगह हैं जो शोरोगुल व भीड़ से दूर रहकर प्रकृति के सानिध्य का भरपूर आनंद उठाना चाहते हैं। खिर्सू दूसरे स्थानों के विपरीत भीड़-भाड और हो-हल्ले से कोसों दूर है। गांव के जितना सीमित और बाजार के न...
Read MoreThe International Air Transport Association (IATA) has called on governments to work together to urgently find ways to re-establish global connectivity by re-opening borders and to continue with relief measures to sustain airlines during the COVID-19 crisis. IATA’s call reflects deep industry frustration as government policies such as closed borders, travel restrictions and quarantines continue to annihilate travel demand. This was evident in a disappointing “peak (Northern Hemisphere) summer travel season” that saw minimal improvements compared to the May-June period, as four in five potential travelers stayed home, based on comparisons with the year-ago period. Total July 2020 traffic was 79.8% below 2019 levelsInternational traffic in July 2020 was 91.9% below 2019 levels ...
Read MoreThe Sun Temple at Konark in Odisha's Puri district, a major tourist attraction, was on Tuesday re-opened for visitors after remaining closed for more than five months, an official said. Tuesday also marks the first day of Unlockdown 4 or relaxations in activities closed due to COVID-19 pandemic since March this year. This phase of relaxations are valid from September 1-30, 2020. Though other ASI protected monuments in the state like Raja Rani temple, Udaygiri, Khandagiri, Lalitgiri Buddhist monuments were opened earlier, the Konark temple received visitors only on September 1, Archaeological Survey of India (ASI) Superintending Officer Arun Kumar Mallick told PTI. He said visitors are allowed entry into the monument following all the norms set both by the Centre and the s...
Read Moreकौन नहीं चाहता कि प्रकृति की हसीन वादियों में कुछ समय बिताया जाए। फिर वह जगह ऐसी हो कि जहां आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ प्रकृति के खूबसूरत नजारे और रोमांच एक साथ हों तो सोने पे सुहागा जैसी बात होगी। कुछ ऐसे ही अनुभवों से सराबोर करती है हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की जंजैहली घाटी। जंजैहली घाटी ने देशी व विदेशी पर्यटकों के लिए एक अच्छा खासा प्लेटफार्म तैयार कर लिया है। सीजन में रोजाना सैकड़ों की तादाद में सैलानी यहां घूमते करते देखे जा सकते हैं। मंडी से जंजैहली बस स्टैंड तक की दूरी लगभग 86 किमी है। किसी भी वाहन से यहां पहुंचा जा सकता है। जंजहैली से दो किलोमीटर पीछे पांडवशिला नामक स्थान आता है जहां आप उस भारी-भरकम चट्टान को देख सकते हैं जो मात्र आपकी हाथ की सबसे छोटी अंगुली से हिलकर आपको अचंभित कर देगी। इस चट्टान को महाभारत के भीम का चुगल (हुक्के की कटोरी में डाला जाने वाला छोटा-सा पत्...
Read Moreगहरी रात लेकिन अंधियारी नहीं, और वो देखो... उस झील के ऊपर आकाश में इतनी रोशनी क्यों है? आखिर क्या है सदर्न लाइट्स का करिश्मा सुदूर न्यूजीलैंड में! दुआ कीजिये कि कोविड का प्रकोप जल्दी खत्म हो और आप यह खूबसूरज नजारा देखने जा सकें.., एस्ट्रोनॉमर यानी खगोल विज्ञानी डॉ. इयान ग्रिफिन को न्यूजीलैंड में ड्यूनेडिन में रहते हुए कई साल हो गए हैं। इन सालों में उन्होंने सदर्न लाइट्स यानी ऑरोरा आस्ट्रेलिस का नजारा लगभग डेढ़ सौ से कहीं ज्यादा बार देखा होगा। अब यह बात ठीक है कि रात के आसमान का नजारा लेना उनके लिए खगोलविज्ञानी होने के कारण पेशेवर मजबूरी भी है। लेकिन उसके अलावा वह इस कुदरती खेल के आदी भी हो गए हैं। आखिर यह उनके घर के अगले दरवाजे से महज दस मिनट की दूरी पर जो नजर आता है। न्यूजीलैंड क साउथ आईलैंड के पश्चिमी तट पर नेलसन लेक्स नेशनल पार्क में लेक रोतोइती के ऊपर दिखता ऑरोरा आस्ट्रेलिस यानी...
Read MoreThe International Chamber of Commerce (ICC) and the World Travel & Tourism Council (WTTC) have published a set of recommendations for safely re-opening customer facing businesses in the age of COVID-19. The COVID-19 pandemic has caused widespread disruptions to global supply chains and businesses of all sizes. The Travel & Tourism sector has been particularly impacted by the current pandemic due to travel restrictions, declining traveller confidence and reduced consumer demand. In recognition of the challenges faced by the travel and tourism industry, ICC and WTTC have released a Quick Restart Guide for Employers to provide businesses with recommendations for ensuring operational readiness, preparing staff and limiting risk of exposure to the virus within workplaces. ...
Read Moreबनारस कहें या वाराणसी- या कहें काशी, शहर तो एक ही है। लेकिन, यह तीनों नाम एक ही शहर का परिचय अलग-अलग अंदाज़ में देते हैं। वाराणसी कहें तो मन में चित्र बन जाता है भगवान विश्वनाथ की नगरी का या दशाश्वमेध घाट की दुनिया भर में मशहूर संध्या आरती का। इस नगरी की बात ही खास है। पुरानेपन की शोभा समेटे यह आगे बढ़ने को आतुर नगरी है। काशी कहते ही लगता है हम एक बहुत पुराने स्थान की बात कर रहे हैं जिसका संबध सीधे भगवान राम के पूर्वज सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की जीवन गाथा से जुड़ा है। यह नगरी सदियों से संस्कृति, शिक्षा, भारतीय वैदिक ग्रंथों के ज्ञान और इनसे जुड़े मुद्दों पर जांच-परख-रिसर्च और विकास का केंद्र रही है। बनारस में सूर्योदय का शानदार नजारा वहीं, बनारस कहते ही दिमाग में यहां के एक बीत गए युग की कहानी, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की शहनाई, यहां के पान-ठंडाई-चाट-घाट और बनारसी साड़ियों की तस्वीर स...
Read Moreगुफाएं हमेशा एक रहस्य का आवरण ओढ़े रहती हैं, लोगों की जिज्ञासा को नई उड़ान देती हैं। गुफाएं पहले भी लोगों को आसरा देती थीं, अब भी दे रही हैं। लेकिन अब उसमें जरूरत नहीं घुमक्कड़ी प्रमुख है हमने पहले तुर्की में कैपाडोकिया की गुफाओं में बने आलीशान होटलों का जिक्र किया था। इस बार हम कैपाडोकिया की गुफाओं से बाहर आकर एक दूसरी गुफा में घुस गए हैं। यह गुफा दक्षिण पश्चिम अमेरिका के न्यू मैक्सिको में फार्मिंगटन के निकट स्थित है। गुफा जमीन की सतह से सत्तर फुट भीतर है लेकिन ला प्लाता नदी से लगभग 280 फुट ऊपर। है न मजेदार बात। दरअसल यह गुफा एक पहाड़ी के भीतर है। लेकिन यहां हम गुफा की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि गुफा में बनाए गए छोटे से होटल की बात कर रहे हैं। इसे कोकोपेल्लीज केव बेड एंड ब्रेकफास्ट कहा जाता है। लेकिन बाकी तमाम गुफाओं की तरह यह गुफा प्राकृतिक नहीं है, बल्कि बनाई गई है। मूल रूप से...
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