यायावर कहानियां-किस्से सुनाते हैं- देश-दुनिया के। लेकिन कुछ उनकी अपनी कहानियां भी होती हैं। यह एक ऐसी ही कहानी है वरुण सचदे की, और केवल उनकी ही नहीं बल्कि उनके घुमक्कड़ी के शौक की भी। उस शौक की जिसने उन्हें शोहरत भी दी और नया मुकाम भी। वैसे तो घुमना-फिरना हर आदमी पसंद करता है और जिसकी जेब जितनी बड़ी होती है, वह उतनी ही महंगी जगह पर घूमने जाता है। आखिर आजकल के सोशल मीडिया के दौर में जब हर शख़्स मोबाइल फ़ोन लेकर फोटोग्राफ़र बन जाता है और फिर एक इंफ्लुएंसर बनने की हसरत पालने लगता है, तो घूमना किसी स्टेटस सिंबल से कम नहीं। लेकिन कुछ लोग होते हैं जिन्हें घूमने की लत होती है, उनके लिए घुमक्कड़ी एक नशा होती है। वे किसी को दिखाने के लिए या, किसी के कहने पर, किसी के बुलावा देने पर या खुद को साबित करने के लिए नहीं घूमते। बल्कि बस निकल पड़ते हैं, दुनिया को देखने के लिए, लोगों को समझने के लिए। ...
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