दुनिया में कई नए-पुराने पुल अपने वास्तुशिल्प और इंजीनियरिंग कौशल के लिए मशहूर हैं। लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के जीवित पुलों को देख कर आप दांतो तले उंगलियां दबाए बगैर नहीं रह पाएंगे। मनोरम प्राकृतिक छटा बिखरने वाले ये अनोखे पुल स्थानीय मूल निवासियों के उत्कृष्ट तकनीकी कौशल के जीते-जागते उदाहरण हैं। मेघालय में घने जंगल, दुर्गम घाटियां व बीहड़ जंगल हैं। यहां छोटी-छोटी पहाड़ी नदियां हैं जो मानसून के दौरान उफनती रहती हैं। यहां लकड़ी के पुल बहुत जल्द गलने लगेंगे या बह जाएंगे। स्टील और कंक्रीट से बने पुलों की भी सीमाएं हैं। लेकिन आपको यह जानकर अचरज होगा कि जिंदा पेड़ों की जड़ों से बनाए गए पुल कई सदियों तक चल सकते हैं। जंगलों में बहने वाली छोटी नदियां मानसून के महीनों में बड़ी नदियों में तब्दील हो जाती हैं। इन उफनती हुई नदियों को पार करने के लिए स्थानीय खासी और जयंतिया आदिवासियों न...
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