यह बड़ा अजीब दौर है। जब कोरोना वायरस जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था तो हम घरों में दुबके बैठे थे और जब वायरस खुलकर अपना खेल खेल रहा है तो हम ‘आ बैल मुझे मार’ के अंदाज में सबकुछ खोल दे रहे हैं। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा सिवाय इसके कि वायरस से दो-दो हाथ करते हुए ही आगे बढ़ा जाए। एक नया वायरस कई नई-नई चीजें हमें दिखा रहा है। कोविड-19 की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों में ट्रैवल व टूरिज्म का उद्योग सबसे प्रमुख रहा है। उड्डयन क्षेत्र भी उसी का एक हिस्सा है। हालांकि एक के बाद एक देश और इलाके अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहे हैं, लेकिन थोड़ी एहतियात फिर भी सब बरत रहे हैं। बुखार में ऊपर-नीचे होते तापमान की ही तरह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आस-पड़ोस में जैसे ही कम-ज्यादा होती है, रियायत व पाबंदियां उसी तरह घटती-बढ़ती रहती हैं। खास तौर प...
Read MoreTag: टूरिज्म
कोविड-19 के दौर में हर किस्म की मुश्किल झेल रहे पर्यटन उद्योग को थोड़ी राहत देते हुए गुजरात सरकार ने शुक्रवार को अपनी पहली हेरिटज पर्यटन नीति का ऐलान किया है। इस नीति के तहत ऐतिहासिक महलों, किलों व इमारतों के भीतर हेरिटेज होटल, म्यूजियम, बैंक्वेट हॉल और रेस्तरां खोलने की इजाजत दे दी है। यह नीति उन्हीं ऐतिहासिक इमारतों पर लागू होगी जो 1 जनवरी 1950 से पहले अस्तित्व में थीं। यह नीति देशी-विदेशी सैलानियों को इन ऐतिहासिक इमारतों को नजदीक से देखने, अनुभव करने का मौका देगी। अहमदाबाद के निकट अदलाज वाव पांच साल (2020-25) के लिए लागू की गई इस नई नीति के तहत न केवल नए बनने वाले हेरिटेज होटलों को बल्कि पहले से चल रहे हेरिटेज होटलों को भी अपनी इमारतों में सुधार करने के लिए या उनका विस्तार करने के लिए 5 से 10 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जाए...
Read More
You must be logged in to post a comment.