फूलों का मौसमसर्दी के जाने के बाद बसंत का मौसम आने को हमेशा एक नई खुशी के आने से जोड़ा जाता है। यह नए फूलों के खिलने और चारों तरफ उनकी रंगीनी छाने का मौसम है। वैसे बात प्रेम की हो तो बहाने की जरूरत नहीं होती। कोई भी मौका मिले तो साथ छुट्टी बिताने का मौका नहीं खोना चाहिए। ज्यादा बड़ी योजना भी जरूरी नहीं इस बसंत में थोड़े रूमानी सैर-सपाटे के लिए घिसी-पिटी पुरानी जगहों को छोड़ें और चलें किसी सुकून भरी नई-सी जगह पर। अगर आप उन्हीं देखी-भाली, जानी-पहचानी, सैलानयिों से भरी-पूरी जगहों के बारे में सोचना नहीं चाहते हैं तो इस बार हम आपको बता रहे हैं दस ऐसी जगहों के बारे में जिनमें नयापन है। जो रोमांटिक भी हैं और सैलानियों की भीड़-भाड़ से परे थोड़ा सुकून देने वाली भी। आइए एक झलक डालें इन जगहों पर- 1. मशोबरा: हिमाचल प्रदेश में शिमला की भीड़-भाड़ से आधे घंटे की दूरी पर है मश...
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गुरु पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) के दिन अमरनाथ यात्रा के लिए छड़ी मुबारक यात्रा रविवार को सवेरे श्रीनगर से पहलगाम के लिए रवाना हुई, और इसके साथ ही इस साल की यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई। कोविड-19 के कारण इस बार यात्रा की अवधि भी छोटी होगी और श्रद्धालुओं की संख्या भी कम ही रखी जाएगी। आम श्रद्धालुओं के लिए यात्रा 21 जुलाई से ही शुरू होगी और 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। एक दिन में अधिकतम 500 यात्रियों को ही जाने की इजाजत रहेगी। रविवार सवेरे ही जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने अपने परिजनों के साथ हेलिकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचकर गुफा में पूजा-अर्चना की। रविवार सवेरे छह बजे करीब सौ साधु-संतों और अन्य लोगों के साथ श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से पहलगाम के लिए छड़ी मुबारक रवाना हुई। रविवार को ही पहलगाम में अमरनाथ छड़ी मुबारक का भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण की रस...
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