सावन के महीने में शिव की आराधना का खास महत्व होता है। तो आइए, हम बताते हैं इस बार आपको देश में शिव के खास पांच मंदिरों के बारे में जो पंच तत्वों को प्रतिबिंबित करते हैं शिव पुराण की कैलाश संहिता के अनुसार शिव से ईशान उत्पन्न हुए और ईशान से पांच मिथुन की उत्पत्ति हुई। पहला मिथुन आकाश, दूसरा वायु, तीसरा अग्नि, चौथा जल और पांचवां मिथुन पृथ्वी है। इन पांचों का स्वरूप इस प्रकार बताया गया है। आकाश में एक शब्द ही गुण है, वायु में शब्द और स्पर्श दो गुण है, अग्नि में शब्द, स्पर्श और रूप इन तीन गुणों की प्रधानता है, जल में शब्द, स्पर्श रूप और रस ये चार गुण माने गए हैं और पृथ्वी शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध इन पांच गुणों से संपन्न है। कहा जाता है कि पांचों मंदिरों का निर्माण योगिक विज्ञान के अनुसार किया गया। ये मंदिर एक दूसरे के साथ एक खास किस्म के भौगोलिक संरेखण में हैं, जिससे कि उनके द्वारा ...
Read More
You must be logged in to post a comment.