यह बड़ा अजीब दौर है। जब कोरोना वायरस जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था तो हम घरों में दुबके बैठे थे और जब वायरस खुलकर अपना खेल खेल रहा है तो हम ‘आ बैल मुझे मार’ के अंदाज में सबकुछ खोल दे रहे हैं। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा सिवाय इसके कि वायरस से दो-दो हाथ करते हुए ही आगे बढ़ा जाए। एक नया वायरस कई नई-नई चीजें हमें दिखा रहा है। कोविड-19 की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों में ट्रैवल व टूरिज्म का उद्योग सबसे प्रमुख रहा है। उड्डयन क्षेत्र भी उसी का एक हिस्सा है। हालांकि एक के बाद एक देश और इलाके अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहे हैं, लेकिन थोड़ी एहतियात फिर भी सब बरत रहे हैं। बुखार में ऊपर-नीचे होते तापमान की ही तरह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आस-पड़ोस में जैसे ही कम-ज्यादा होती है, रियायत व पाबंदियां उसी तरह घटती-बढ़ती रहती हैं। खास तौर प...
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