The recent avalanche near Draupadi Ka Danda-II peak that killed at least 26 mountaineers in Uttarkashi district has triggered a debate among scientists and experts about the contributing factors. While there is no unanimous view on the possible reasons, most of them feel attributing the avalanche to a mild earthquake that rocked Uttarkashi two days earlier was incorrect. The tremor, measuring 2.5 on the Richter scale, hit Uttarkashi on October 2. It was too mild and its epicentre too far from the avalanche site, said a scientist at Wadia Institute of Himalayan Geology here. Images of the topography of the peak going around the social media! "The mild-intensity earthquake occurred two days before the avalanche and its epicentre was in a village whose aerial distance from the pe...
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हिमालय का अलौकिक सौंदर्य, उससे निकलती कल-कल छल-छल नदियों का संगम, मीलों तक फैला वन क्षेत्र और सुरम्य घाटियां उत्तराखंड की सबसे बड़ी धरोहर हैं। प्रकृति का ये अनुपम उपहार उसे शेष दुनिया से अलग पहचान देता है यही वजह है कि यहां हर मौसम में सैलानियों की आवाजाही रहती है। गढ़वाल की ऊंचाइयों मे प्रकृति के हाथों बेहिसाब सुंदरता बिखरी पड़ी है। गंगोत्री के रास्ते में हर्षिल आम सैलानी स्थलों से अलग है- शांत व मनोरम. भीड़-भाड़ से मुक्त। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां जाने वाले सैलानियों की तादाद बढ़ी है। अब जब कोरोना के कारण लगी आने-जाने की पाबंदियां हट गई हैं तो आइए करें फिर से एक बार पहाड़ों का रुख गढ़वाल के अधिकतर सौंदर्य स्थल दुर्गम पर्वतों में स्थित हैं जहां पहुंचना सबके लिए आसान नहीं है। यही वजह है कि प्रकृति प्रेमी पर्यटक इन जगहों पर पहुंच नहीं पाते हैं। लेकिन ऐसे भी अनेक पर्यटक स्थल हैं जहा...
Read Moreभादो (भाद्रपद) के महीने में होली, वह भी रंगों से नहीं बल्कि छाछ-मक्खन से! चौंकिए मत। हमारे देश में इतनी जबरदस्त सांस्कृतिक विविधता है कि यहां तरह-तरह के अनूठे त्यौहार मनाए जाते हैं। कुछ से तो हम वाकिफ हो जाते हैं और कुछ इतने दूर-दराज के इलाके में होते हैं कि उनके बारे हम कम ही जान-सुन पाते हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रैथल ऐसी ही एक जगह है। रोमांच प्रेमियों में रैथल की लोकप्रियता और भी वजहों से है, खास तौर पर दयारा बुग्याल के कारण। रैथल वहां के लिए बेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। रैथल गांव अपने आप में बहुत खूबसूरत है और खासी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत भी अपने में समेटे हुए है। लेकिन फिलहाल हम बात कर रहे हैं, यहां की इस अनूठी होली की। दयारा बुग्याल को जाता रास्ता उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले रास्ते पर जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर समुद्र तल से करीब दस हजार फु...
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