होगेनक्कल तमिलनाडु का एक स्तब्ध कर देने वाला सौंदर्यबिंदु है। दूर से ही इसकी गर्जना हमें अपनी ओर बुलाती है। पथरीले तटों के मध्य बहती हुई कावेरी नदी की यह गर्जना संपूर्ण होगेनक्कल में व्याप्त है। यद्यपि यह क्षेत्र सामान्यतया सूखा और पथरीला है पर जब से कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी के द्वार तमिलनाडु के लिए खोल दिए हैं और वर्षा का वरदहस्त इस क्षेत्र पर आया है कावेरी नदी और होगेनक्कल झरने के विहंगम रूप ने इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बना दिया है। नदी बिलिगुंडुला से होकर तमिलनाडु में प्रवेश करती है और होगेनक्कल में जल प्रपात का रूप ले लेती है। यहां कावेरी नदी समतल भूमि से होकर बहती है और इस क्षेत्र को हरियाली प्रदान करती है। पत्थरों से टकराकर बहते हुए नदी का दृश्य रोमांचक है। यहां नदी एक जंगल से पूर्ण घाटी से होकर बहती है। कहीं पर यह गहरी है तो कहीं पर उथली। उथले स्थानों पर पेड़ और झाडिय़ां है...
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बेन गियोक दुकथेन दरअसल चीन व वियतनाम के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बहने वाली गुईचुन नदी पर दो झरनों का सामूहिक नाम है। राजधानी हनोई से 272 किलोमीटर दूर यह झरना गाओपिंग प्रांत में दाक्सिन काउंटी की कार्स्ट पहाड़ियों में स्थित है। निर्विवाद रूप से यह झरना वियतनाम की सबसे प्रभावशाली प्राकृतिक झलक देता है। झरना है तो महज 30 मीटर ऊंचा लेकिन इसका पाट 300 मीटर चौड़ा है। गहरे नीले पानी वाली गुईचुन नदी बिलकुल एक पेंटिंग सरीखा नजारा पेश करती हुई धान के खेतों और लाइमस्टोन पहाड़ियों से घिरे बांस के झुरमुटों के बीच से होकर निकलती है। ये झरने रहे तो हमेशा से होंगे लेकिन इनकी लोकप्रियता हाल में बढ़ी जब यहां की तस्वीरें व वीडियो तमाम जरियों से देश-दुनिया के लोगों के सामने पहुंचीं। हालांकि इस इलाके में सड़क संपर्क और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति में सुधार होने के बावजूद बेन गियोक को अब भी लीक से हटकर व...
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