Wednesday, December 25
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समीक्षा

पर्यटन लेखन की बारीकियों से परिचय

पर्यटन पर लिखने के लिए बहुत जरूरी है कि पर्यटन करने में रुचि हो। कोई व्यक्ति जब कहीं से घूमकर आता है, तो वहां के किस्से को अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ जरूर साझा करता है। यह सुनाने वाले पर निर्भर करता है कि किस तरह से वह अपने अनुभवों को साझा करता है। यदि वह रुचिकर होगा, तो सामने वाला ज्यादा ध्यान से सुनेगा, बल्कि वह उस जगह पर जाने के लिए विचार भी करेगा। यही स्थिति पर्यटन लेखन में होती है, जब आपका लिखा हुआ जीवंत और रुचिकर होगा, तो पाठक की इच्छा उस जगह पर जाने की हो जाएगी और कई बार तो यह भी संभव है कि वह पढ़कर ही इस तरह से बात करेगा, जैसे वह उस जगह पर घूम के आया हो।

पर्यटन पर लिखने की इच्छा रखने वाले पत्रकारिता के विद्यार्थियों, शौकिया लेखकों के साथ-साथ अनुभवी लेखकों को ध्यान में रखते हुए पब्लिक रिलेशन्स सोसायटी, भोपाल ने इंद्रा पब्लिशिंग हाउस के सहयोग से ‘पर्यटन लेखन’ पुस्तक का प्रकाशन किया है। पर्यटन लेखन पर देश के अनुभवी पर्यटक लेखकों के हिन्दी व अंग्रेजी के लेखों के संकलन को पुष्पेन्द्र पाल सिंह, डॉ. संजीव गुप्ता, मनोज द्विवेदी व अतुल शर्मा ने संपादित किया है। पुष्पेन्द्र पाल सिंह वर्तमान में मध्यप्रदेश की सरकारी एजेंसी ‘माध्यम’ में प्रधान संपादक और ‘रोजगार और निर्माण’ के संपादक के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. संजीव गुप्ता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में जन संचार विभाग के अध्यक्ष हैं। मनोज कुमार द्विवेदी मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी हैं। अतुल शर्मा स्वतंत्र लेखक व अनुवादक के रूप में काम कर रहे हैं। पुस्तक में हिन्दी के 18 और अंग्रेजी के 11 लेखों को संकलित किया गया है। इन लेखों के लेखक देश के विख्यात पर्यटन एवं यात्रा वृत्तांत लेखकों के साथ-साथ युवा लेखक भी हैं। पुस्तक में अलका कौशिक, पंकज रामेन्दु, कायनात  काजी, प्रकाश उपरेती, रामशरण जोशी, पुष्पेन्द्र पाल सिंह, दीपक सेन, शंभु दयाल गुरू, नीरज मुसाफिर, सुविज्ञा जैन, बी.एस. मिरगे, सुधीर जैन, ओ.पी. मिश्र, राजेश बिजरोनिया, प्रवीण सिंह, प्रदीप श्रीवास्तव, गोविन्द चौरसिया, शरद नौटियाल, राना साफवी, डॉ. नवीना जाफा, वीरेन नेगी, नफीस हैदर नकवी, सुभोजित सेन, अनिल गुलाटी, विश्रुत आचार्य, डॉ. आनंद कुमार सिंह, पुनीतिन्दर कौर सिद्धू, मोनालिसा चौधरी और नवीन एम. रहेजा के लेख शामिल किए गए हैं।

ये सारे लेख पर्यटन लेखन के विविध पहलुओं से पाठकों को अवगत कराते हैं। पुस्तक के माध्यम से लेखन कैसा हो, इसके बारे में नहीं बताया गया है, बल्कि पर्यटन लेखन कैसा हो, सारे लेख इस पर केन्द्रित हैं। इन लेखों के माध्यम से सरल तरीके से पर्यटन पर लिखना समझने के साथ-साथ लेखकों के अपने अनुभवों को भी समझने में मदद मिलती है। ट्रैवल ब्लॉगर्स, इतिहासकार, सोशल मीडिया राइटर्स, फोटोग्राफर्स और यात्रा वृत्तांत लेखकों के अपने-अपने अनुभव हैं और लेखन की एक अलग शैली। इस तरह से देखा जाए, तो यह अनुभव जनित कौशल से अवगत होना है और इस पुस्तक की यह खासियत है। यह पुस्तक पाठकों को पर्यटन लेखन की दुनिया में लेकर जाती है, लेकिन उसके बाद एक बेहतर पर्यटन लेखक बनने के लिए इन लेखकों के ब्लॉग, प्रकाशित पुस्तकों के साथ-साथ विश्वविख्यात यात्रा वृत्तांत लेखकों को पढ़ना भी जरूरी है और इसके लिए रुचि विकसित करने में यह पुस्तक मददगार है।

किताब का नाम – पर्यटन लेखन

संपादन – पुष्पेन्द्र पाल सिंह, डॉ. संजीव गुप्ता, मनोज द्विवेदी, अतुल शर्मा

प्रकाशन – इंद्रा पब्लिशिंग हाउस, ई-5/21, अरेरा कॉलोनी, भोपाल – 462016, फोन :  0755-4030921

कीमत – 250 रुपए

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