कोविड-19 के दौर में घूमना कितना कठिन हो गया है। लेकिन हमारी कोशिश है कि हम आपको देश-दुनिया की झलक दिखलाते रहें, ताकि आपको घूमने की कमी महसूस न हो। इसी कड़ी में इस बार पूर्वोत्तर की एक अनूठी जगह हम अपने ही देश के बारे में कितना कम जानते हैं। हमारा देश इतनी विविधताओं और प्रकृति की इतनी खूबसूरती को समेटे हुए है कि उनका विवरण करने लगें तो सिलसिला अंतहीन होगा। ऐसी ही एक अनूठी जगह है पूर्वोत्तर की डिजुको घाटी। इसे पूर्वोत्तर की फूलों की घाटी भी कहा जाता है। यहां पाए जाने वाला डिजुको लिली फूल बेहद दुर्लभ माना जाता है। यह घाटी नगालैंड व मणिपुर की सीमा पर स्थित है। और कितनी विडंबना की बात है कि इतनी खूबसूरत, पुरसुकून देने वाली घाटी के लिए भी अक्सर इन दोनों राज्यों के बीच तनाव हो जाता है। खैर, लेकिन निर्विवाद रूप से इसे भारत के छुपे कुदरती खजानों में से एक माना जा सकता है। डिजुको को अर्थ होता...
Read Moreआम तौर पर जब नौका दौड़ की बात होती है तो सैलानियों के जेहन में सिर्फ केरल का नाम आता है क्योंकि केरल के बैकवाटर्स अपनी सर्प नौका दौड़ों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। लेकिन भारत में और भी इलाके हैं जहां हर साल पारंपरिक रूप से नौका दौड़ होती है। हम यहां बात कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्यों की। असम, त्रिपुरा, मणिपुर आदि राज्यों में हर साल कई नौका दौड़ों का आयोजन होता है। भले ही अभी सैलानी नक्शे पर इनकी जगह उस तरह से न बन पाई हो लेकिन इनकी खूबसूरती व भव्यता में किसी तरह की कोई कमी नहीं हैं। त्रिपुरा की रुद्रसागर झील में बोट फेस्टिवल के लिए जमा लोग। फोटो साभारः यूबी फोटोज त्रिपुरा में हर साल रुद्रसागर झील में एक नौका दौड़ सितंबर-अक्टूबर के महीनों में होती है। रुद्रसागर झील राजधानी अगरतला से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मेलाघर के पास स्थित इसी झील के बीच में ऐतिहासिक नीरमहल स्थित है।...
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