यूं तो हम सैर-सपाटे की अजीबोगरीब जगहों के बारे में आपको बतला ही रहे हैं। आपने भी कई अनूठे ठिकानों के बारे में सुना होगा। लेकिन अगर आपको कोई जमीन से पचास फुट ऊपर एक क्रेन में रात गुजारने की बात कहे तो शायद आप यही सोचेंगे कि मजाक हो रहा है। लेकिन हम कह रहे हैं कि न केवल यह हकीकत है बल्कि एक रूमानी कल्पना भी।
हम यहां बात कर रहे हैं नीदरलैंड्स के हारलिंगन में हार्बर क्रेन की। हार्बर क्रेन 1967 की बनी हई है और 1996 तक इसका इस्तेमाल बंदरगाह पर रूस व स्कैंडिनेवियाई देशों से आने वाले लकड़ी के लट्ठों को उतारने के लिए किया जाता था। चार-पांच सालों तक बेकार पड़े रहने के बाद 2001 में इसे इसके मौजूदा मालिक ने खरीद लिया। दो साल तक इस क्रेन को नया रंग-रूप देने का काम खास देखरेख में चला। सितंबर 2003 से यह क्रेन रंग-रूप में तो क्रेन ही रही लेकिन इसका इस्तेमाल सामान ढोने की जगह रोमांचप्रेमियों को रैनबसेरे की अनूठी जगह उपलब्ध कराने के तौर पर होने लगा, जहां जमीन से ऊपर हवा में झूलते हुए हारलिंगन और वैडन सागर का शानदार नजारा लिया जा सकता है।
क्रेन का केबिन बंदरगाह के प्लेटफार्म से लगभग 17 मीटर (55 फुट) ऊपर है। लेकिन क्रेन की जिब 45 मीटर (147 फुट) तक जा सकती है। इतनी ऊंचाई के ऊपर, जहां नीचे सागर हो, हवा में लगभग झूलने का आनंद (आप वहां रहकर क्रेन को चला भी सकते हैं) रोमांचक होगा, इस बात को गारंटी से कहा जा सकता है। इस बात पर तसल्ली की जा सकती है कि ऊपर केबिन में पहुंचने के लिए आपके पुराने दौर की सीढिय़ों का इस्तेमाल नहीं करना होगा बल्कि इसके लिए दो अत्याधुनिक लिफ्ट लगी है। पहली लिफ्ट आपको क्रेन के पांवों के बीच में बने एक प्लेटफार्म पर लेकर जाती है तो दूसरी लिफ्ट वहां से केबिन तक।
केबिन में पहुंचने के बाद आपको इस बात का अहसास होगा कि किसी क्रेन के मशीन रूम और कंट्रोल रूम में कैसे रूमानी पल गुजारे जा सकते हैं। दरअसल मशीन रूम में पहुंचकर आपको महसूस होगा कि तकनीक कितनी खूबसूरत भी हो सकती है। वहां की सुविधाएं देखकर आपको हैरानी होगी। केबिन में उच्च क्वालिटी का इंसुलेटेड ग्लास लगा है। केबिन को ठंडा-गरम रखने और वेंटिलेशन की अत्याधुनिक प्रणाली है। टच-स्क्रीन ऑडियो-विजुअल सिस्टम है, गैर-पारंपरिक शॉवर बाथरूम है, दो लोगों के लिए बेहद शानदार बिस्तर है, आराम कुर्सियां हैं, मिनी बार है, नाश्ते की सुहूलियत है। पीछे की दीवार से वैडन सागर का शानदार नजारा मिलता है। आगे से ऐतिहासिक हारलिंगन शहर का।
अब ऊपर की बात। मुख्य कमरे से एक छोटी सी सीढ़ी केबिन में ले जाती है। यहां क्रेन का कंट्रोल रूम है। यही सबसे रोमांचक बात है कि क्रेन का कंट्रोल आपके हाथ में होता है। आप 65 हजार किलो की क्रेन को बिलकुल 360 डिग्री तक घुमा सकते हैं। यानि दिन हो या रात, आप अपना नजारा खुद चुन सकते हैं। ऐसी आजादी और भला कहां मिलेगी। वैडन सागर का सीना चीरते जहाज आपको बिलकुल पास लगेंगे। इतना ही नहीं, केबिन में से एक दरवाजा खोलेंगे और आप खुले समुद्र को निहारते छज्जे पर खड़े होंगे। हालांकि छज्जे के चारों तरफ मजबूत रेलिंग लगी है लेकिन छज्जे के किनारे जाते वक्त आपको नए नजारे की उत्सुकता और अनजानी सिहरन, दोनों महसूस होंगे। जो भी हो, इस रात को आप कभी नहीं भूलेंगे।
यहां जाएं तो यहां के कुछ कायदे भी हैं, जिन्हें जेहन में जरूर रखिएगा। हार्बर क्रेन में केवल दो लोग ठहर सकते हैं। ठहरने वालों के अलावा वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं। यानि आप वहां ठहरे हों तो आपके दोस्त, नातेदार या परिचित नहीं आ सकते। इसका मतलब यह भी है कि हार्बर क्रेन को देखने का एकमात्र तरीका उसमें ठहरने का ही है। न तो आप यहां अपने प्राणप्यारे पालतू जानवरों को ले जा सकते हैं और न ही यहां धूम्रपान कर सकते हैं।
अब बात किराये की। पहली बात तो यह कि आम तौर पर यह आने वाले दिन शाम चार बजे से जाने वाले दिन दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध रहता है। बुकिंग ऑनलाइन भी हो सकती है। आप इस यादगार अनुभव के लिए अपनी पसंद का साल व तारीख चुन सकते हैं (बशर्ते वह उस दिन उपलब्ध हो)। एक रात का सामान्य किराया 319 यूरो यानि लगभग पौने इक्कीस हजार रुपये है। लेकिन शुक्रवार और शनिवार की रात के लिए यह किराया बढ़कर 349 यूरो हो जाता है। ईस्टर, क्रिसमस जैसे खास दिनों पर दो रात का किराया 719 यूरो यानि पौने सैंतालिस हजार रुपये है। लेकिन यदि आप साल का आखिरी सूर्यास्त और नए साल की पहली किरण क्रेन से देखना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक रात के 599 यूरो यानि लगभग 39 हजार रुपये खर्च करने होंगे।
आखिरी बात, अगर हारलिंगन में हार्बर क्रेन में रात गुजारने की हसरत पूरी नहीं हो पाती है तो वहां एक लाइफबोट और एक लाइटहाउस भी आपकी मेजबानी के लिए तैयार हैं। लेकिन उनके बारे में फिर कभी।
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