यह बड़ा अजीब दौर है। जब कोरोना वायरस जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था तो हम घरों में दुबके बैठे थे और जब वायरस खुलकर अपना खेल खेल रहा है तो हम ‘आ बैल मुझे मार’ के अंदाज में सबकुछ खोल दे रहे हैं। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा सिवाय इसके कि वायरस से दो-दो हाथ करते हुए ही आगे बढ़ा जाए। एक नया वायरस कई नई-नई चीजें हमें दिखा रहा है।
कोविड-19 की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों में ट्रैवल व टूरिज्म का उद्योग सबसे प्रमुख रहा है। उड्डयन क्षेत्र भी उसी का एक हिस्सा है। हालांकि एक के बाद एक देश और इलाके अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहे हैं, लेकिन थोड़ी एहतियात फिर भी सब बरत रहे हैं। बुखार में ऊपर-नीचे होते तापमान की ही तरह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आस-पड़ोस में जैसे ही कम-ज्यादा होती है, रियायत व पाबंदियां उसी तरह घटती-बढ़ती रहती हैं। खास तौर पर यूरोप में हम रोजाना यह होते देख रहे हैं।
लिहाजा, मजबूरी में काम पर जाने को लोग भले ही तैयार हो रहे हों, लेकिन घूमने के लिए बाहर निकलने का भरोसा बनने में अभी थोड़ा वक्त लगेगा। अब, जब तक वो नहीं होता तो बेचारे उनका क्या होगा जिनकी रोजी-रोटी ही लोगों के बाहर निकलने व घूमने से चलती है, जैसे कि हवाई कंपनियां! इसलिए अब हवाई कंपनियों ने एक नया रास्ता निकाला है- आपको उड़ाकर ले चलने का… कहीं नहीं। जी हां, आपने सही सुना, एक उड़ान ‘कहीं नहीं’ के लिए।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जिस तरह से बहुत कम हैं, कई देशों में अचानक पिछले कुछ दिनों से ‘कहीं नहीं’ की उड़ानों का चलन बढ़ गया है। हवाई जहाज उड़ते हैं, और आपको कुछ देर हवा में सैर कराने के बाद फिर से वहीं लाकर उतार देते हैं, जहां से उड़े थे। इसके दो फायदे हैं, कई लोग हैं जो आम तौर पर बहुत हवाई यात्राएं करते रहे हैं—जाहिर है कि उनके पास इसका पैसा भी होता है—लेकिन अब वे उड़ नहीं पाने से परेशान हैं। इस तरह की ‘कहीं नहीं’ वाली उड़ानें उन्हें उड़ने का अहसास लौटा देती हैं। वहीं, दूसरी तरफ बदहाली से गुजर रही हवाई कंपनियों को भी थोड़ी बहुत आय का जरिया मिल जाता है। तीसरा इसका फायदा यह भी है कि इससे लोगों को संक्रमण के दौर में उड़ानों में, उनके स्वास्थ्य मानकों में भरोसा बनाने का मौका मिल जाता है।
सिंगापुर एयरलाइंस ने सिंगापुर के चांगी हवाईअड्डे से अक्टूबर के अंत में ऐसी सेवाएं शुरू करने का ऐलान किया है जिसमें यात्री करीब तीन घंटे तक हवा में रहेंगे और जहां से चढ़ेंगे, वहीं उतर आएंगे। सिंगापुर एयरलाइंस की सेवाओं को दुनिया में सबसे बेहतरीन में से एक माना जाता है।
और, यदि आपको यह लग रहा हो कि लोग तीन घंटे तक हवा में क्या करेंगे तो इस बात पर भी ग़ौर कीजिए कि ऑस्ट्रेलिया की क्वांटास एयरलाइंस तो सिडनी से 10 अक्टूबर को एक ऐसी उड़ान लेकर जा रही है जो सात घंटे की होगी और सिडनी से उड़ेगी और सिडनी में उतर जाएगी। अगर आप यह सोचकर हैरान हो रहे हों कि ये लोग सात घंटे हवा में क्या करेंगे तो जान लीजिए कि इस उड़ान में उन्हें ग्रेट बैरियर रीफ, उलुरु चट्टान और आस्ट्रेलिया के कई शानदार इलाकों का हवाई नजारा देखने को मिलेगा। अब भी अगर आप सोच रहे हों कि कौन बेवकूफ है जो ऐसे उड़ेगा तो आपतो बता दें कि बीते बृहस्तपतिवार को इस उड़ान की बुकिंग खुलने के दस मिनट के भीतर ही सारी 134 सीटें बुक हो गईं, वह भी जब उनकी कीमत 787 से 3,787 आस्ट्रेलियाई डॉलर के बीच थीं (यानी 42,238 रुपये से 2,03,248 रुपये) के बीच। इससे उत्साहित होकर क्वांटास का कहना है कि अब वह ऐसी और भी कुदरती नजारे दिखाने वाली फ्लाइट चलाने पर विचार कर रहा है।
कई और एयरलाइंस तो इस तरह की उड़ानें पहले ही शुरू कर चुकी हैं। दुनिया के सबसे संपन्न देशों में से एक ब्रुनेई की रॉयल ब्रुनेई एयरलाइंस दो दिन पहले 85 मिनट की ऐसी ही उड़ान कर चुकी है। एयरलाइंस ने इसे ‘डाइन एंड फ्लाई’ का नाम दिया था। इसमें देश के ऊपर उड़ान भरते वक्त यात्रियों को स्थानीय भोजन परोसा गया। रॉयल ब्रुनेई एयरलाइंस अगस्त के मध्य से ऐसी पांच उड़ानें चला चुकी है। अब ब्रुनेई छोटा सा देश है, वहां कोरोना के मामले भी नाममात्र के हैं तो लोगों के सामने मास्क पहनने की शर्त भी नहीं थी।
रॉयल ब्रुनेई एयरलाइंस भी यह करने वाली पहली विमान सेवा नहीं थी। ताईवान की एयरलाइंस ईवीए एयर ने फादर्स डे पर हैली किट्टी की थीम पर ए309 ड्रीम जेट की ऐसी ही उड़ान भरी थी जिमें सभी 309 सीटें भरी थीं। करीब 180 डॉलर के टिकट पर लोगों ने ताईवान के ताओयुआन हवाईअड्डे से उड़ान भरी और अपने तटीय इलाकों व जापान के रियुकियु द्वीपों का चक्कर काटकर वहीं लौट आई। यह उड़ान भी सामान्य ऊंचाई से काफी नीचे करीब 25,000 फुट की ऊंचाई पर ही उड़ी। उड़ान के दौरान उन्हें मिशेलिन स्टार शेफ मोतोके नाकामुरा द्वारा डिजाइन किया हुआ भोजन सर्व किया गया।
ताईवान की ही स्टारलक्स एयरलाइंस भी ऐसी छह उड़ानें कर चुकी हैं और अक्टूबर तक उसकी दर्जन भर और उड़ानों की योजना है। अब तो वह लोगों को उड़ान और होटल में एक रात रुकने का लग्जरी पैकेज भी उपलब्ध करा रही है। उनकी भी ज्यादातर उड़ानें बुकिंग शुरू होने के दस मिनट के भीतर फुल हो चुकी हैं। उधर जापान की ऑल निप्पॉन एयरवेज ने भी हवाई रिजॉर्ट की थीम पर 90 मिनट की उड़ान तीन सौ यात्रियों को लेकर भरी थी। क्वांटास तो अब अपनी लोकप्रिय अंटार्कटिका की साइटसींग उड़ानें भी वापस लेकर आ रही है जिसमें लोग अंटार्कटिका पर उतरते तो नहीं हैं लेकिन इस ध्रुवीय महाद्वीप का हवाई नजारा हर कोण से ले लेते हैं।
जाहिर है कि ऐसे लोगों की कमी नहीं जो किसी भी तरह से हवा में उड़ने का अहसास करना चाहते हैं। उनके लिए बादलों के बगल में और ऊपर उड़ने का आनंद अलग ही रोमांच देता है। फिर एयरलाइंस इस तरह की उड़ानों के लिए अलग इंतजाम भी करते हैं, एक थीम होती है, मनोरंजन होता है और विशेष खान-पान। हां, कोरोना का दौर है इसलिए मास्क व शारीरिक दूरी का ख्याल तो रखना ही होता है।
अब इस तरह की उड़ानों की आलोचना करने वाले भी हैं ही। कुछ लोग इसे संपन्ना का अश्लील प्रदर्शन बताते हैं तो कुछ लोग पर्यावरण के लिहाज से भी इनकी निंदा करते हैं। उड़ाने पहले ही अपने कार्बन उत्सर्जन के लिए बदनाम हैं और इस तरह की उड़ानें, उस उत्सर्जन को कम करने का जो एक मौका महामारी के कारण मिला था, इसे भी गंवा दे रही हैं।
और, यदि आपको भी ऐसा लगता है और, या फिर आप उड़ने का मजा भी लेना चाहते हैं लेकिन घबराते भी हैं तो इन ‘कहीं नहीं’ की उड़ानों का एक स्वरूप और भी है। आप हवाई जहाज में बैठे और उड़े बिना भी उड़ान का मजा ले सकते हैं- वर्चुअल रियलिटी के जरिये। इसमें आप एयरबस की असली फर्स्ट क्लास सीटों पर बैठकर, लाउंज व केबिन का असली-सा अनुभव करते हुए, एयर होस्टेस द्वारा परोसे गए चार कोर्स भोजन का पूरा लुत्फ़ लेते हुए, पूरे दो घंटे की उड़ान का अहसास कर सकते हैं- पेरिस, रोम, हवाई या न्यूयार्क तक का सफर कर सकते हैं और वहां पहुंचने के बाद वीआर से वहां की 360 डिग्री सैर भी कर सकते हैं। इसमें असली उड़ान अनुभव की तमाम चीजों को इतनी बारीकी के साथ शामिल किया गया है कि आपको हमेशा लगेगा कि आप वाकई हवाईअड्डे पहुंचकर कोई उड़ान ले रहे हैं।
जापान की फर्स्ट एयरलाइंस नाम की कंपनी ने 2017 में यह सेवा देनी शुरू की थी जो इस दौरान खूब लोकप्रिय हो रही है। उसकी ‘उड़ानों’ की बिक्री 50 फीसदी बढ़ गई है। यह अनुभव 60 से 85 डॉलर में लिया जा सकता है।
तो जनाब, अगली बार आप किसी से पूछें कि वह कहां जा रहे हैं औऱ जवाब में वे कहें- कहीं नहीं, तो समझ जाइए कि वे ‘कहीं-नहीं’ की उड़ान पर जा रहे हैं।
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